देहरादून (उत्तराखंड): मणिपुर हिंसा और वहां महिलाओं पर हुए अमानवीय अत्याचार को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा को लेकर अगर वाकई केंद्र सरकार गंभीर है तो सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता के सामने माफी मांगते हुए तत्काल मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बर्खास्त करने की कार्रवाई और फिर बिरेन सरकार पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए.
हरीश रावत ने मणिपुर हिंसा और महिलाओं पर हुए अमानवीय अत्याचार को बर्बरता पूर्ण बताते हुए इस घटना की तीखी निंदा की. उन्होंने कहा, 'मणिपुर में महिलाओं के साथ जो घटना घटी, उसकी किसी भी लोकतांत्रिक और सभ्य समाज में कल्पना नहीं की जा सकती है. वहां की सरकार ने वोट की राजनीति के लिए मणिपुर को हिंसा की आग में झोंक दिया है. क्योंकि, वहां भाजपा वोटर्स के साथ एक ऐसा एलायंस बनाना चाहती है, जिसमें हमेशा वहां भाजपा जीतकर आ सके. इसलिए मणिपुर में दो समुदायों को आपस में लड़ा दिया है'.
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हरीश रावत ने आगे कहा, 'भाजपा जिस तरह से देश में लोगों को लड़ा कर नफरत फैला रही है, उसी तरह मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय को आपस में लड़ा दिया है. इसका नतीजा यह हुआ कि वहां हिंसा भड़क गई'. हरीश रावत ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा को लेकर अब भी गंभीर हैं तो सबसे पहले उन्हें देश की जनता से माफी मांगते हुए तत्काल मणिपुर की सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और एन बीरेन सरकार पर वहां के समाज को लड़ाने का दोषी मानते हुए आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए'.
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कांग्रेस की विवेचना एवं परिकल्पना कार्यशाला का आयोजन: देहरादून में रविवार को उत्तराखंड कांग्रेस के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की विवेचना एवं परिकल्पना कार्यशाला का आयोजन हुआ. कार्यशाला में मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने शिरकत करते हुए अपने-अपने विचार रखे. हरीश रावत ने कहा कि कार्यशाला में कांग्रेस नेताओं की तरफ से मिले सुझावों को स्थानीय स्तर पर लोकसभा चुनाव कैंपेन और नेशनल कैंपेन के साथ कोऑर्डिनेट किया जाएगा.