लखनऊ : राजधानी के कठौता चौराहे पर हुए बहुचर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपी जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह को पुलिस ने सोमवार को भगोड़ा घोषित कर दिया है. धनंजय सिंह के खिलाफ 82 की कार्रवाई की गई है. मऊ के ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की 6 जनवरी 2021 को विभूतिखंड के कठौता चौराहे के पास गैंगवार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में अजीत के साथी मोहर सिंह ने गिरधारी उर्फ डॉक्टर, अखंड सिंह और कुंटू सिंह के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज कराई थी. हत्या की साजिश में धनंजय के शामिल होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी कराया था. इसके बाद से धनंजय सिंह फरार है.
धनंजय ने कोर्ट में किया था सरेंडर
अजीत सिंह की हत्या में आरोपी बनाए गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह की तलाश में पुलिस दिल्ली, जौनपुर व लखनऊ में छापेमारी कर रही थी. पुलिस ने धनंजय पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था. यही नहीं इनाम की राशि बढ़ाने के लिए डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन ने उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा था. पुलिस धनंजय सिंह पर इनाम की राशि 25 से बढ़ाकर 50 हजार करने की तैयारी कर ही रही थी की धनंजय सिंह ने सरेंडर कर दिया. लखनऊ पुलिस ने पूर्व सांसद की संपत्तियों का ब्योरा निकालकर प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स को भेजा था. इन संपत्तियों को अपराधिक गतिविधियों से अर्जित करने का आरोप लगाकर पुलिस ने इन्हें जब्त करने के लिए पत्राचार किया था. पुलिस का शिकंजा कसता देखकर धनंजय ने दूसरे मामले में जमानत लेकर जेल जाना उचित समझा. बताया जा रहा है कि कुर्की की कार्रवाई रोकने के लिए धनंजय ने यह कदम उठाया था.
बता दें कि जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के ऊपर जिले के केराकत थाने में 2017 में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसमें धनंजय सिंह के साथ ही आशुतोष सिंह, सुशील सिंह उर्फ डब्बू और पुनीत सिंह को भी आरोपी बनाया गया था. इस मामले में प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. जिसके बाद कोर्ट ने धनंजय सिंह समेत चारों आरोपियों पर आरोप तय कर दिया था.
ये है मामला
कठौता चौराहे पर हुए गैंगवार में अजीत सिंह की हत्या 6 जनवरी को हुई थी. दूसरे दिन ही अजीत की पत्नी रानू सिंह ने मऊ में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह, आजमगढ़ के माफिया कुंटू सिंह उर्फ ध्रुव सिंह, अखंड सिंह व गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर के खिलाफ लिखित तहरीर दी थी. मऊ पुलिस ने लखनऊ में वारदात होने के कारण उसे संबंधित थाने में देने की बात कहकर वापस भेज दिया था. इसके बाद विभूतिखंड थाने में अजीत के करीबी मोहर सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया था.
आरोपी धनंजय की पत्नी बनीं जिला पंचायत अध्यक्ष
धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी तीन जुलाई को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जीती हैं. उन्होंने बीजेपी से बगावत कर उनके खिलाफ लड़ने वाली नीलम सिंह को 15 वोट से हराकर जीत दर्ज की. उनकी जीत में उनके पति का भरपूर सहयोग रहा है.
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