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ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने की मछलिया मरी, डेढ़ साल से नहीं हुई सफाई, कमेटी ने डीएम से की सफाई की मांग - ज्ञानवापी की ताजी खबर

ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने की मछलिया मर गई है. वजूखाने की डेढ़ साल से सफाई नहीं हुई है. यहां की कमेटी ने डीएम को पत्र लिखकर सफाई की मांग की है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 28, 2023, 10:42 AM IST

वाराणसीः ज्ञानवापी परिसर के अंदर वजूखाने में मछलियां मरने का मामला सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां चल रहे विवाद के बीच पूरे वजूखाने को सील किया गया है. इसके बाद यहां मौजूद मछलियों की देखरेख की गुजारिश मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतेजामियां मस्जिद ने कोर्ट से की थी. लगभग 2 सालों से मछलियों की सही तरीके से देखरेख नहीं हो पा रही थी. इसके बाद कल मछलियों के मरने की सूचना के बाद यहां पहुंचकर स्थिति देखने के बाद अंजुमन इंतजामिया की तरफ से जिला अधिकारी को पत्र लिखकर वजूखाने की सफाई कराने की मांग की गई है.

दरअसल पांच महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग करते हुए दाखिल किए गए मुकदमे के बाद अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई करने का आदेश बीते साल दिया था. 2022 में 6, 7 और 14, 15, 16 मई को हुई कार्रवाई के दौरान यहां वजूखाने में शिवलिंग की बात करते हुए इस पूरे परिसर को सील करने की मांग हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट से की गई थी.

इसके बाद इस परिसर को सील करते हुए इसकी सुरक्षा में सीआरपीएफ को तैनात किया गया था. इस तैनाती के बाद से यहां पर कोई अंदर प्रवेश भी नहीं कर रहा था और ना ही इसकी देखरेख हो पा रही थी. मुफ्ती ए शहर और अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी की तरफ से जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है. इसमें कहा गया है कि वजूखाना सील होने के कारण उसकी साफ सफाई और पानी निकासी नहीं हो पा रही है. इसके चलते अधिकांश मछलियां मर गई है. इसके कारण इसकी दुर्गंध दूर तक पहुंच रही है और बीमारी का खतरा भी बढ़ रहा है और लोगों के इसके चपेट में आने का भी डर है.


लेटर में लिखा है कि सीआरपीएफ जवान यहां आने वाले नमाजी और विश्वनाथ मंदिर आने वाले दर्शन भक्तों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अंजुमन की तरफ से संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वजू खाने को सील किया गया है. प्रशासनिक अधिकारियों को उसके अंदर मछलियां होने की जानकारी दी गई थी. उनके चारे पानी और सफाई की व्यवस्था हमारी तरफ से की जाती रही है, लेकिन सील होने के बाद हम यह कार्य नहीं कर पा रही हैं.

इसके कारण मछलियों की मृत्यु हो रही है. पूर्व में एक महीने में वजूखाने का पूरा पानी निकाल कर उसकी सफाई की जाती थी वजूखाना सील होने के बाद जाल से मछलियों को चारा तो दे दिया जाता है, लेकिन पानी की साफ सफाई पिछले डेढ़ साल से नहीं हो रही है. इसके कारण गंदा पानी होने और ऑक्सीजन की कमी की वजह से मछलियां मर रही हैं. यासीन का कहना है कि हमने जिलाधिकारी को अपनी समस्या से अवगत करा दिया है अब जगह कोर्ट के आदेश पर सील है, उनको देखना होगा कि इस संदर्भ में क्या किया जाए.

ये भी पढ़ेंः अंगूठा छाप हाजिरी: घंटों लेट ऑफिस आने वाले सरकारी कर्मचारियों पर सख्ती, CM योगी के पैंतरे से मौज-मस्ती खत्म

वाराणसीः ज्ञानवापी परिसर के अंदर वजूखाने में मछलियां मरने का मामला सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां चल रहे विवाद के बीच पूरे वजूखाने को सील किया गया है. इसके बाद यहां मौजूद मछलियों की देखरेख की गुजारिश मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतेजामियां मस्जिद ने कोर्ट से की थी. लगभग 2 सालों से मछलियों की सही तरीके से देखरेख नहीं हो पा रही थी. इसके बाद कल मछलियों के मरने की सूचना के बाद यहां पहुंचकर स्थिति देखने के बाद अंजुमन इंतजामिया की तरफ से जिला अधिकारी को पत्र लिखकर वजूखाने की सफाई कराने की मांग की गई है.

दरअसल पांच महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग करते हुए दाखिल किए गए मुकदमे के बाद अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई करने का आदेश बीते साल दिया था. 2022 में 6, 7 और 14, 15, 16 मई को हुई कार्रवाई के दौरान यहां वजूखाने में शिवलिंग की बात करते हुए इस पूरे परिसर को सील करने की मांग हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट से की गई थी.

इसके बाद इस परिसर को सील करते हुए इसकी सुरक्षा में सीआरपीएफ को तैनात किया गया था. इस तैनाती के बाद से यहां पर कोई अंदर प्रवेश भी नहीं कर रहा था और ना ही इसकी देखरेख हो पा रही थी. मुफ्ती ए शहर और अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी की तरफ से जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है. इसमें कहा गया है कि वजूखाना सील होने के कारण उसकी साफ सफाई और पानी निकासी नहीं हो पा रही है. इसके चलते अधिकांश मछलियां मर गई है. इसके कारण इसकी दुर्गंध दूर तक पहुंच रही है और बीमारी का खतरा भी बढ़ रहा है और लोगों के इसके चपेट में आने का भी डर है.


लेटर में लिखा है कि सीआरपीएफ जवान यहां आने वाले नमाजी और विश्वनाथ मंदिर आने वाले दर्शन भक्तों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अंजुमन की तरफ से संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वजू खाने को सील किया गया है. प्रशासनिक अधिकारियों को उसके अंदर मछलियां होने की जानकारी दी गई थी. उनके चारे पानी और सफाई की व्यवस्था हमारी तरफ से की जाती रही है, लेकिन सील होने के बाद हम यह कार्य नहीं कर पा रही हैं.

इसके कारण मछलियों की मृत्यु हो रही है. पूर्व में एक महीने में वजूखाने का पूरा पानी निकाल कर उसकी सफाई की जाती थी वजूखाना सील होने के बाद जाल से मछलियों को चारा तो दे दिया जाता है, लेकिन पानी की साफ सफाई पिछले डेढ़ साल से नहीं हो रही है. इसके कारण गंदा पानी होने और ऑक्सीजन की कमी की वजह से मछलियां मर रही हैं. यासीन का कहना है कि हमने जिलाधिकारी को अपनी समस्या से अवगत करा दिया है अब जगह कोर्ट के आदेश पर सील है, उनको देखना होगा कि इस संदर्भ में क्या किया जाए.

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