गांधीनगर (गुजरात): अहमदाबाद के रहने वाले महाठग किरण पटेल ने मणिनगर के एक प्रिंटिंग प्रेस में पीएमओ अधिकारी के तौर पर फर्जी विजिटिंग कार्ड छपवाए. उस वक्त जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मणिनगर के आकांक्षा क्रिएशन में मामले की जांच की थी. पीएमओ के सहायक निदेशक के रूप में फर्जी पहचान बताकर जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में उच्चाधिकारियों से मुलाकात करने वाले ठग किरण पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
अहमदाबाद पहुंची जम्मू-कश्मीर पुलिस: इस मामले की जांच के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस अहमदाबाद पहुंच गई है. इतना ही नहीं, जहां उन्होंने पीएमओ अधिकारी के तौर पर विजिटिंग कार्ड छपवाया. पुलिस ने वहां पूछताछ की. आरोपी किरण पटेल अहमदाबाद के घोड़ासर की रहने वाला है.
पता चला कि ठग किरण पटेल ने अहमदाबाद के मणिनगर इलाके में स्थित एक प्रिंटिंग प्रेस में विजिटिंग कार्ड छपवाये थे. उस वक्त जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस में मौजूद मैनेजर से भी पूछताछ की थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मणिनगर के महालक्ष्मी मार्केट वन स्थित आकांक्षा क्रिएशन नाम की दुकान में छापेमारी कर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और दस्तावेजों की तलाशी ली.
क्रिएशन की मैनेजर जिनल दोशी ने ईटीवी भारत से बताया कि किरण पटेल फरवरी महीने में उनकी दुकान पर आया था और 10 विजिटिंग कार्ड तत्काल बनवाकर अपनी पहचान दिल्ली में पीएम के कार्यालय में एक पद पर कार्यरत बताते हुए कहा कि विजिटिंग कार्ड खत्म हो गए थे. हालांकि, दुकान में काम करने वाले व्यक्ति ने सरकारी विजिटिंग कार्ड बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज मांगे. लिहाजा, ठग किरण पटेल ने कम समय में दस्तावेज भेजने की बात कहकर 10 विजिटिंग कार्ड बनवा लिए थे. उसके बाद उसने दुकान में किसी भी तरह के दस्तावेज जमा नहीं किए. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनसे अलग-अलग मामलों पर पूछताछ की.
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ऐसे हुई गिरफ्तारी: खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का वरिष्ठ अधिकारी बताने वाले महाठग किरण पटेल अहमदाबाद के घोड़ासर इलाके में रहता है. महाठग किरण पटेल जेड प्लस सुरक्षा और एसयूवी कार में जम्मू-कश्मीर में घूम रहा था. उस वक्त खुफिया एजेंसी ने पुलिस के सामने किरण पटेल को लेकर शक जताया था, फिर पुलिस ने 3 मार्च 2023 को ठग किरण पटेल को श्रीनगर से गिरफ्तार किया.
फिर 16 मार्च को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे श्रीनगर कोर्ट में पेश किया और उसके बाद उसे हिरासत में भेज दिया गया है. किरण पटेल ने उच्च स्तरीय सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाते हुए न केवल जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया, बल्कि बडगाम के अधिकारियों के साथ बैठकें भी कीं. हालांकि, उसके बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस को अलर्ट कर दिया गया और गुप्त एजेंसियों को शक हो गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.