मुंबई: असली शिवसेना किसकी है, इसकी जंग दो गुटों के बीच चल रही है, जहां एक ओर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का गुट है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का गुट है. इस दशहरा के पर्व पर दोनों गुटों ने दशहरा रैली (Dussehra Rally) का आयोजन किया है, जिसमें दोनों गुटों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया. उद्धव ठाकरे की रैली शिवाजी पार्क में आयोजित की गई है, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 'जनता कटप्पा को माफ नहीं करेगी. यह बात साफ है कि शिव सैनिकों की गद्दी पर सिर्फ एक शिव सैनिक का ही अधिकार है.'
उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'गद्दारों को गद्दार ही कहा जाएगा. ये बात सभी को पता होनी चाहिए शिवसेना की गद्दी मेरे शिवसैनिकों की है. जनता कभी भी कटप्पा को माफ नहीं करने वाली है. बीजेपी ने भी सही नहीं किया, उसने भी धोखा देने का काम किया.' उद्धव ने शिंदे को निशाने पर लेते हुए कहा कि 'ये लोग शिवसेना का नाम चुराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ये लोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही कुर्सी पर रहने वाले हैं. इनका कोई भविष्य नहीं है. मैं हिंदू हूं, किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है, झुकने की जरूरत नहीं है.'
उद्धव ने आगे कहा कि 'मेरा नाम सिर्फ उद्धव ठाकरे नहीं है, बल्कि मैं उद्धव बालासाहेब ठाकरे हूं. मुझे बीजेपी वालों से हिंदुत्व का पाठ पढ़ने की जरूरत नहीं है. बीजेपी वाले तो इस समय शिवसेना की गद्दी चुराने की कोशिश में लगे हैं. वो जो भी कर रहे हैं, ठीक नहीं है.' इसके अलावा उद्धव ने प्रधानमंत्री मोदी की पाकिस्तान यात्रा का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि 'जो लोग पाकिस्तान में जाकर केक खाते हैं, वो हिंदुत्व की बात कैसे कर सकते हैं. आप सिर्फ गाय-गाय की बात करते हैं, महंगाई पर कभी कुछ नहीं बोलते.'
वहीं दूसरी ओर एकनाथ शिंदे ने भी अपनी दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा. रैली से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कवि हरिवंश राय बच्चन की एक पंक्ति ट्वीटर पर ट्वीट की, जिसके जरिए उन्होंने ठाकरे परिवार पर व्यंग्य किया. उन्होंने लिखा ‘मेरे बेटे, बेटे होने से मेरे उत्तराधिकारी नहीं होंगे, जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे, वो मेरे बेटे होंगे - हरिवंशराय बच्चन.’ अपनी रैली के दौरान उन्होने कहा कि 'इस रैली में आए जन सागर के जरिए लोगों को पता चल गया है कि असली शिवसेना किसकी है.'
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उन्होंने खुद को बाला साहेब ठाकरे का वारिस बताते हुए कहा कि 'बाला साहेब के विचार हमारे साथ हैं. बाला साहेब के विचारों को जनता ने समर्थन दिया है और हम बाला साहेब के विचारों पर ही चल रहे हैं.' उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 'वो कांग्रेस और एनसीपी की धुन पर नाचते हैं. शिवसेना न उद्धव ठाकरे की है और न ही एकनाथ शिंदे की है, शिवसेना सिर्फ बाला साहेब ठाकरे की है. शिवसेना हर एक शिवसैनिक की है.'
आगे उन्होंने कहा कि 'वारिस विचारों के होते हैं और हम बाला साहेब के विचारों के वारिस हैं.' उद्धव ठाकरे द्वारा लगाए गए गद्दारी के आरोप पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि 'गद्दारी हुई है, लेकिन 2019 में हुई थी, गद्दारी उन विधानसभा चुनावों में हुई थी. जनता ने बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को समर्थन दिया था. लेकिन उन्होंने जनता के साथ गद्दारी करते हुए कांग्रेस के साथ सरकार बना ली.' गौरतलब है कि शिंदे ने 39 विधायकों के साथ शिवसेना से बगावत कर दी थी, जिसके कारण ठाकरे नीत महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार 29 जून को गिर गई थी.