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विदेश मंत्रालय ने दिया श्रीलंका को भरोसा, लोकतंत्र और आर्थिक सुधार का समर्थन जारी रखेगा भारत

Economic Crisis In Srilanka : श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण राजनीतिक समस्या भी गहराने लगी है. महंगाई के कारण जनता को बुनियादी चीजों के लिए भी मशक्कत करना पड़ रहा है. गुस्साई जनता सड़कों पर उतर आई है. सरकार के खिलाफ जनता के उग्र तेवर को देखते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को इस्तीफा भी देना पड़ा है. देश में आपातकाल लागू है. इस हालात में भी भारत श्रीलंका के साथ है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत श्रीलंका में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का समर्थन करता है.

Srilanka's political turmoil
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Published : May 10, 2022, 5:20 PM IST

Updated : May 10, 2022, 5:31 PM IST

नई दिल्ली : राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच भारत ने एक बार फिर पड़ोसी देश श्रीलंका के साथ सहानुभूति दिखाई है. श्रीलंका में विकास पर मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका भारत का पड़ोसी देश है. दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रिश्ते के साथ भारत श्रीलंका में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का समर्थन करता है.
इस बीच, श्रीलंकाई अधिकारियों ने पूरे देश में हिंसा और विरोध को रोकने के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है. सोमवार रात को प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के आवास को घेरकर आगजनी की थी. मंगलवार सुबह श्रीलंका की सेना ने कड़ी सुरक्षा के बीच महिंदा राजपक्षे को उनके घर से निकाला. श्रीलंका में आर्थिक स्थिति बहुत खराब है और श्रीलंकाई लोगों को दवाओं, दूध पाउडर, रसोई गैस, मिट्टी के तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है. महंगाई और जरूरी सामान की किल्लत से जूझ रहे सैंकड़ों प्रदर्शनकारी पिछले महीने से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

Srilanka's political turmoil
महंगाई और जरूरी सामानों की किल्लत से परेशान लोग अब राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. (file photo)

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि नेबरहुड फर्स्ट की नीति को ध्यान में रखते हुए, भारत ने श्रीलंका के लोगों की मौजूदा कठिनाइयों को खत्म करने के लिए इस वर्ष 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है. इसके अलावा, भारत के लोगों ने भोजन, दवा आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी को दूर करने में सहायता की है. उन्होंने कहा, भारत हमेशा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से श्रीलंका के लोगों की हितों का ख्याल रखेगा.

आर्थिक संकट के बीच, श्रीलंका ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों भागीदारों के माध्यम से भारत से सहायता मांगी थी, ताकि वह अंतराष्ट्रीय संस्थाओं से भी आर्थिक मदद हासिल कर सकें. श्रीलंका खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज हासिल करने की कोशिश कर कर रहा है. पिछले महीने भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने भारत-लंका आर्थिक सहयोग की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने के लिए नई दिल्ली में भारत की वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी. भारत क्रेडिट के तौर पर श्रीलंका को आवश्यक वस्तुओं और ईंधन दे रहा है. उच्चायुक्त मोरागोडा ने भारतीय वित्त मंत्री को ऐसे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भुगतान संतुलन सहायता के लिए भी इस सहायता के लिए धन्यवाद दिया.

पढ़ें : Sri Lanka Update: PM महिंदा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा, बवाल के बाद श्रीलंका में कर्फ्यू

नई दिल्ली : राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच भारत ने एक बार फिर पड़ोसी देश श्रीलंका के साथ सहानुभूति दिखाई है. श्रीलंका में विकास पर मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका भारत का पड़ोसी देश है. दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रिश्ते के साथ भारत श्रीलंका में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का समर्थन करता है.
इस बीच, श्रीलंकाई अधिकारियों ने पूरे देश में हिंसा और विरोध को रोकने के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है. सोमवार रात को प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के आवास को घेरकर आगजनी की थी. मंगलवार सुबह श्रीलंका की सेना ने कड़ी सुरक्षा के बीच महिंदा राजपक्षे को उनके घर से निकाला. श्रीलंका में आर्थिक स्थिति बहुत खराब है और श्रीलंकाई लोगों को दवाओं, दूध पाउडर, रसोई गैस, मिट्टी के तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है. महंगाई और जरूरी सामान की किल्लत से जूझ रहे सैंकड़ों प्रदर्शनकारी पिछले महीने से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

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महंगाई और जरूरी सामानों की किल्लत से परेशान लोग अब राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. (file photo)

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि नेबरहुड फर्स्ट की नीति को ध्यान में रखते हुए, भारत ने श्रीलंका के लोगों की मौजूदा कठिनाइयों को खत्म करने के लिए इस वर्ष 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है. इसके अलावा, भारत के लोगों ने भोजन, दवा आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी को दूर करने में सहायता की है. उन्होंने कहा, भारत हमेशा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से श्रीलंका के लोगों की हितों का ख्याल रखेगा.

आर्थिक संकट के बीच, श्रीलंका ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों भागीदारों के माध्यम से भारत से सहायता मांगी थी, ताकि वह अंतराष्ट्रीय संस्थाओं से भी आर्थिक मदद हासिल कर सकें. श्रीलंका खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज हासिल करने की कोशिश कर कर रहा है. पिछले महीने भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने भारत-लंका आर्थिक सहयोग की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने के लिए नई दिल्ली में भारत की वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी. भारत क्रेडिट के तौर पर श्रीलंका को आवश्यक वस्तुओं और ईंधन दे रहा है. उच्चायुक्त मोरागोडा ने भारतीय वित्त मंत्री को ऐसे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भुगतान संतुलन सहायता के लिए भी इस सहायता के लिए धन्यवाद दिया.

पढ़ें : Sri Lanka Update: PM महिंदा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा, बवाल के बाद श्रीलंका में कर्फ्यू

Last Updated : May 10, 2022, 5:31 PM IST
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