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विधानसभा चुनाव : रैलियों पर प्रतिबंध 31 जनवरी तक बढ़ाया गया, पहले दो चरणों के मतदान के लिए कुछ छूट - door-to-door campaign

वर्तमान स्थिति, तथ्यों और परिस्थितियों तथा साथ ही शनिवार को विभिन्न वर्चुअल बैठकों में प्राप्त इनपुट पर विचार करने के बाद, आयोग ने कहा कि उसने निर्णय लिया है कि 31 जनवरी तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, साइकिल, बाइक या वाहन रैलियों और जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी.

election commission
निर्वाचन आयोग
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Published : Jan 22, 2022, 10:41 PM IST

नई दिल्लीः निर्वाचन आयोग (election commission ) ने शनिवार को पांच चुनावी राज्यों (Poll-bound States) में रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया, लेकिन मतदान के पहले दो चरणों वाले निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम 500 लोगों के साथ सार्वजनिक सभा करने की अनुमति प्रदान कर दी और घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने के लिए नियमों में भी ढील दे दी.

आयोग ने एक बयान में कहा कि घर-घर प्रचार अभियान में सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर अब पांच व्यक्तियों की जगह 10 लोग शामिल हो सकेंगे. इसने कहा कि 10 फरवरी को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार 28 जनवरी से 500 लोगों की सीमा के साथ जनसभा कर सकते हैं और 14 फरवरी को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए ऐसी बैठकें एक फरवरी से की जा सकती हैं. प्रचार के लिए वीडियो वैन को भी कोविड-19 (Covid pandemic) प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर अनुमति दी गई है. निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए 15 जनवरी तक रैलियों, रोड शो और बाइक रैलियों तथा इस तरह के अन्य प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.

आयोग ने 15 जनवरी को इन प्रतिबंधों को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था. हालांकि, इसने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 लोगों या हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत तक इनडोर बैठकें आयोजित करने की छूट दी थी. वर्तमान स्थिति, तथ्यों और परिस्थितियों तथा साथ ही शनिवार को विभिन्न वर्चुअल बैठकों में प्राप्त इनपुट पर विचार करने के बाद, आयोग ने कहा कि उसने निर्णय लिया है कि 31 जनवरी तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, साइकिल, बाइक या वाहन रैलियों और जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी.

चूंकि पहले चरण के चुनाव के लिए 27 जनवरी को उम्मीदवार अंतिम रूप से तय हो जाएंगे, इसलिए आयोग ने संबंधित राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को 28 जनवरी से आठ फरवरी तक 'भौतिक रूप से सार्वजनिक बैठकें' करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है जिनके लिए 'अधिकतम 500 व्यक्तियों या 50 प्रतिशत क्षमता के साथ निर्दिष्ट खुले स्थान पर' या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (एसडीएमए) द्वारा निर्धारित सीमा, जो भी कम हो, का मानदंड होगा. हालांकि मतदान से पहले के 48 घंटे में चुनाव प्रचार पर जो रोक रहती है, वह जारी रहेगी.

पढ़ें- UP Elections 2022: अखिलेश का वादा, सपा सरकार आई तो आईटी क्षेत्र में 22 लाख युवाओं को देंगे रोजगार

इसी तरह, चूंकि दूसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार 31 जनवरी को अंतिम रूप से तय हो जाएंगे, आयोग ने एक फरवरी से 12 फरवरी तक (मतदान से पहले की 48 घंटे की अवधि को छोड़कर) संबंधित राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भौतिक रूप से बैठकें करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. निर्वाचन आयोग पहले ही राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 व्यक्तियों या हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत तक या एसडीएमए द्वारा निर्धारित सीमा के अनुरूप इनडोर बैठकें करने की अनुमति दे चुका है. उत्तर प्रदेश में पहले दो चरणों में 10 और 14 फरवरी को मतदान होना है. उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में मतदान होगा.

प्रचार अभियान से लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए
बयान में कहा गया है कि आयोग ने पांच चुनावी राज्यों में अधिकतम 500 लोगों या 50 प्रतिशत क्षमता या एसडीएमए द्वारा निर्धारित सीमा, जो भी कम हो, के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर सामान्य कोविड​​​​-19 प्रतिबंधों के साथ वीडियो वैन के जरिए प्रचार करने की भी अनुमति दी है. इसने आगाह किया कि वीडियो वैन के जरिए प्रचार अभियान से लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए और यातायात के सुचारू प्रवाह में बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए. इसने कहा कि यह संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह इसके लिए पहले से निर्दिष्ट स्थानों की पहचान करें और उन्हें अधिसूचित करें.

आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ भी वर्चुअल बैठकें की
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ वर्चुअल रूप से समीक्षा बैठक करने के बाद निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी किए. आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ भी वर्चुअल बैठकें कीं. चुनाव इकाई ने पांच चुनावी राज्यों में कोविड महामारी की वर्तमान स्थिति की व्यापक समीक्षा की. आयोग ने मतदान कर्मियों के बीच पात्र व्यक्तियों के लिए पहली, दूसरी और बूस्टर खुराक के लिए टीकाकरण को तेजी से पूरा करने के लिए कोविड रोधी टीकाकरण की स्थिति और कार्य योजना की भी समीक्षा की. निर्वाचन आयोग अब 31 जनवरी को स्थिति की समीक्षा करेगा.

नई दिल्लीः निर्वाचन आयोग (election commission ) ने शनिवार को पांच चुनावी राज्यों (Poll-bound States) में रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया, लेकिन मतदान के पहले दो चरणों वाले निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम 500 लोगों के साथ सार्वजनिक सभा करने की अनुमति प्रदान कर दी और घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने के लिए नियमों में भी ढील दे दी.

आयोग ने एक बयान में कहा कि घर-घर प्रचार अभियान में सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर अब पांच व्यक्तियों की जगह 10 लोग शामिल हो सकेंगे. इसने कहा कि 10 फरवरी को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार 28 जनवरी से 500 लोगों की सीमा के साथ जनसभा कर सकते हैं और 14 फरवरी को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए ऐसी बैठकें एक फरवरी से की जा सकती हैं. प्रचार के लिए वीडियो वैन को भी कोविड-19 (Covid pandemic) प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर अनुमति दी गई है. निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए 15 जनवरी तक रैलियों, रोड शो और बाइक रैलियों तथा इस तरह के अन्य प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.

आयोग ने 15 जनवरी को इन प्रतिबंधों को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था. हालांकि, इसने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 लोगों या हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत तक इनडोर बैठकें आयोजित करने की छूट दी थी. वर्तमान स्थिति, तथ्यों और परिस्थितियों तथा साथ ही शनिवार को विभिन्न वर्चुअल बैठकों में प्राप्त इनपुट पर विचार करने के बाद, आयोग ने कहा कि उसने निर्णय लिया है कि 31 जनवरी तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, साइकिल, बाइक या वाहन रैलियों और जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी.

चूंकि पहले चरण के चुनाव के लिए 27 जनवरी को उम्मीदवार अंतिम रूप से तय हो जाएंगे, इसलिए आयोग ने संबंधित राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को 28 जनवरी से आठ फरवरी तक 'भौतिक रूप से सार्वजनिक बैठकें' करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है जिनके लिए 'अधिकतम 500 व्यक्तियों या 50 प्रतिशत क्षमता के साथ निर्दिष्ट खुले स्थान पर' या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (एसडीएमए) द्वारा निर्धारित सीमा, जो भी कम हो, का मानदंड होगा. हालांकि मतदान से पहले के 48 घंटे में चुनाव प्रचार पर जो रोक रहती है, वह जारी रहेगी.

पढ़ें- UP Elections 2022: अखिलेश का वादा, सपा सरकार आई तो आईटी क्षेत्र में 22 लाख युवाओं को देंगे रोजगार

इसी तरह, चूंकि दूसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार 31 जनवरी को अंतिम रूप से तय हो जाएंगे, आयोग ने एक फरवरी से 12 फरवरी तक (मतदान से पहले की 48 घंटे की अवधि को छोड़कर) संबंधित राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भौतिक रूप से बैठकें करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. निर्वाचन आयोग पहले ही राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 व्यक्तियों या हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत तक या एसडीएमए द्वारा निर्धारित सीमा के अनुरूप इनडोर बैठकें करने की अनुमति दे चुका है. उत्तर प्रदेश में पहले दो चरणों में 10 और 14 फरवरी को मतदान होना है. उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में मतदान होगा.

प्रचार अभियान से लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए
बयान में कहा गया है कि आयोग ने पांच चुनावी राज्यों में अधिकतम 500 लोगों या 50 प्रतिशत क्षमता या एसडीएमए द्वारा निर्धारित सीमा, जो भी कम हो, के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर सामान्य कोविड​​​​-19 प्रतिबंधों के साथ वीडियो वैन के जरिए प्रचार करने की भी अनुमति दी है. इसने आगाह किया कि वीडियो वैन के जरिए प्रचार अभियान से लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए और यातायात के सुचारू प्रवाह में बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए. इसने कहा कि यह संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह इसके लिए पहले से निर्दिष्ट स्थानों की पहचान करें और उन्हें अधिसूचित करें.

आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ भी वर्चुअल बैठकें की
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ वर्चुअल रूप से समीक्षा बैठक करने के बाद निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी किए. आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ भी वर्चुअल बैठकें कीं. चुनाव इकाई ने पांच चुनावी राज्यों में कोविड महामारी की वर्तमान स्थिति की व्यापक समीक्षा की. आयोग ने मतदान कर्मियों के बीच पात्र व्यक्तियों के लिए पहली, दूसरी और बूस्टर खुराक के लिए टीकाकरण को तेजी से पूरा करने के लिए कोविड रोधी टीकाकरण की स्थिति और कार्य योजना की भी समीक्षा की. निर्वाचन आयोग अब 31 जनवरी को स्थिति की समीक्षा करेगा.

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