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दुनिया के शीर्ष शोधकर्ताओं की लिस्ट में वाराणसी के डॉ. पंकज चतुर्वेदी का नाम - टाटा मेमोरियल सेंटर

अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा प्रतिष्ठित जर्नल प्लोस वन में प्रकाशित देश के शीर्ष दो प्रतिशत रिसर्चर की लिस्ट में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर व होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी के प्रभारी पंकज द्विवेदी को भी शामिल किया गया है.

पंकज चतुर्वेदी
पंकज चतुर्वेदी
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Published : Dec 6, 2020, 5:59 PM IST

वाराणसी : दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत शोधकर्ताओं की लिस्ट जारी की गई है, जिसमें टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई के उपनिदेशक और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर एवं होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी के प्रभारी डॉ. पंकज चतुर्वेदी को भी शामिल किया गया है. यह लिस्ट अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा प्रतिष्ठित जर्नल प्लोस वन में प्रकाशित की गई है.

बेहतरीन कार्यों के लिए डॉक्टर चतुर्वेदी को लिस्ट में मिली जगह
विज्ञान के हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों का मूल्यांकन करने के बाद 1,59,683 शोधकर्ताओं को शीर्ष दो प्रतिशत में शामिल किया गया है.

डॉ. पंकज चतुर्वेदी के करीब 300 शोध प्रकाशन और पब्लिक हेल्थ के क्षेत्र में किए गए बेहतरीन कार्यों के लिए उन्हें इस लिस्ट में जगह मिली है. डॉ. चतुर्वेदी की ओर से किए गए कैंसर के क्षेत्र में तमाम तरह के शोध कार्य पब्लिक हेल्थ को बेहतर करने के लिए और काम करने वालों के लिए न केवल दिशा-निर्देश की तरह है, बल्कि इससे उन्हें काफी मदद भी मिलती है. कैंसर और अन्य बीमारियों के बचाव के लिए डॉ. पंकज चतुर्वेदी तंबाकू, शराब और सुपारी के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए व्यापक स्तर पर काम करते आ रहे हैं.

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ हेड एंड नेक के रहे संयुक्त संपादक
डॉ. पंकज चतुर्वेदी इंटरनेशनल जर्नल ऑफ हेड एंड नेक के संयुक्त संपादक रहे. कैंसर रोकथाम के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने के लिए डॉ. चतुर्वेदी को 32 देशों के 44 संस्थानों में बतौर विजिटिंग फैकल्टी के रूप में बुलाया जा चुका है. वहीं गले और सिर के कैंसर के टेक्स्ट बुक के वह संपादक भी हैं. इसके अलावा कई शोध, क्लिनिकल ट्रायल इत्यादि में भी डॉ. पंकज अहम भूमिका निभा चुके हैं.

पढ़ें :- कोरोना से लड़ने के लिए भारतीय मूल के डॉक्टर की किताब का विमोचन

तंबाकू पर रिसर्च करने के लिए डॉ. चतुर्वेदी को प्रतिष्ठित NIH R01 ग्रांट भी मिल चुका है. ओरल कैंसर से जुड़े तमाम असोसिएशन के सदस्य होने के साथ ही कई अंतरराष्ट्रीय असोसिएशन के प्रमुख के रूप में भी डॉ. पंकज चतुर्वेदी कार्यरत हैं, जबकि कई बड़े सम्मान से भी इन्हें नवाजा जा चुका है.

महाराष्ट्र में कैंसर वारियर की स्थापना की
महाराष्ट्र में तंबाकू उत्पादों को प्रतिबंधित कराने में भी डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने अहम भूमिका निभाई है. साथ ही महाराष्ट्र कैंसर वारियर की स्थापना भी इन्होंने ही की है. कैंसर वारियर के जरिए महाराष्ट्र राज्य के 20 से अधिक जिलों में लोगों को वॉलंटरी कैंसर सेवाएं दी जा रही हैं.

इन तमाम उपलब्धियों के साथ-साथ डॉ. चतुर्वेदी दुनिया के पहले कैंसर हॉस्पिटल ऑन व्हील 'लाइफ लाइन एक्सप्रेस' के समन्वयक भी हैं. वहीं 2011 में 'यूनाइटेड नेशन समिट ऑन नॉन कम्युनिकेबल डिजीज' में बतौर वक्ता भी डॉ. पंकज चतुर्वेदी को आमंत्रित किया जा चुका है.

वाराणसी : दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत शोधकर्ताओं की लिस्ट जारी की गई है, जिसमें टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई के उपनिदेशक और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर एवं होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी के प्रभारी डॉ. पंकज चतुर्वेदी को भी शामिल किया गया है. यह लिस्ट अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा प्रतिष्ठित जर्नल प्लोस वन में प्रकाशित की गई है.

बेहतरीन कार्यों के लिए डॉक्टर चतुर्वेदी को लिस्ट में मिली जगह
विज्ञान के हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों का मूल्यांकन करने के बाद 1,59,683 शोधकर्ताओं को शीर्ष दो प्रतिशत में शामिल किया गया है.

डॉ. पंकज चतुर्वेदी के करीब 300 शोध प्रकाशन और पब्लिक हेल्थ के क्षेत्र में किए गए बेहतरीन कार्यों के लिए उन्हें इस लिस्ट में जगह मिली है. डॉ. चतुर्वेदी की ओर से किए गए कैंसर के क्षेत्र में तमाम तरह के शोध कार्य पब्लिक हेल्थ को बेहतर करने के लिए और काम करने वालों के लिए न केवल दिशा-निर्देश की तरह है, बल्कि इससे उन्हें काफी मदद भी मिलती है. कैंसर और अन्य बीमारियों के बचाव के लिए डॉ. पंकज चतुर्वेदी तंबाकू, शराब और सुपारी के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए व्यापक स्तर पर काम करते आ रहे हैं.

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ हेड एंड नेक के रहे संयुक्त संपादक
डॉ. पंकज चतुर्वेदी इंटरनेशनल जर्नल ऑफ हेड एंड नेक के संयुक्त संपादक रहे. कैंसर रोकथाम के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने के लिए डॉ. चतुर्वेदी को 32 देशों के 44 संस्थानों में बतौर विजिटिंग फैकल्टी के रूप में बुलाया जा चुका है. वहीं गले और सिर के कैंसर के टेक्स्ट बुक के वह संपादक भी हैं. इसके अलावा कई शोध, क्लिनिकल ट्रायल इत्यादि में भी डॉ. पंकज अहम भूमिका निभा चुके हैं.

पढ़ें :- कोरोना से लड़ने के लिए भारतीय मूल के डॉक्टर की किताब का विमोचन

तंबाकू पर रिसर्च करने के लिए डॉ. चतुर्वेदी को प्रतिष्ठित NIH R01 ग्रांट भी मिल चुका है. ओरल कैंसर से जुड़े तमाम असोसिएशन के सदस्य होने के साथ ही कई अंतरराष्ट्रीय असोसिएशन के प्रमुख के रूप में भी डॉ. पंकज चतुर्वेदी कार्यरत हैं, जबकि कई बड़े सम्मान से भी इन्हें नवाजा जा चुका है.

महाराष्ट्र में कैंसर वारियर की स्थापना की
महाराष्ट्र में तंबाकू उत्पादों को प्रतिबंधित कराने में भी डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने अहम भूमिका निभाई है. साथ ही महाराष्ट्र कैंसर वारियर की स्थापना भी इन्होंने ही की है. कैंसर वारियर के जरिए महाराष्ट्र राज्य के 20 से अधिक जिलों में लोगों को वॉलंटरी कैंसर सेवाएं दी जा रही हैं.

इन तमाम उपलब्धियों के साथ-साथ डॉ. चतुर्वेदी दुनिया के पहले कैंसर हॉस्पिटल ऑन व्हील 'लाइफ लाइन एक्सप्रेस' के समन्वयक भी हैं. वहीं 2011 में 'यूनाइटेड नेशन समिट ऑन नॉन कम्युनिकेबल डिजीज' में बतौर वक्ता भी डॉ. पंकज चतुर्वेदी को आमंत्रित किया जा चुका है.

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