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जानिए, धनतेरस पर किस मुहूर्त में क्या खरीदें और पूजा का शुभ समय - धनतेरस में पूजा का समय

धनतेरस में नई चीजों को खरीदने की परंपरा रही है. अगर धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2021 Muhurat) में खरीदारी की जाए तो उसका शुभ फल मिलता है. जानिए धनतेरस पर किस शुभ मुहूर्त में क्या खरीदें और पूजा का शुभ समय क्या है.

Dhanteras
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Published : Nov 1, 2021, 10:34 PM IST

Updated : Nov 2, 2021, 8:03 AM IST

पटना: धनतेरस (Dhanteras 2021) में हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ नई चीज जरूर खरीदता है. माना जाता है कि धनतेरस में खरीदारी करने से शुभ फल मिलता है. धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी, कुबेर देवता और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है. आचार्य कमल देव दूबे का कहना है कि अगर शुभ समय में खरीदारी (Subh Muhurat For Shopping On Dhanteras) की जाए तो उसका ज्यादा लाभ पहुंचता है. कार्तिक मास हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ और पावन महीना माना जाता है.

पूजा का शुभ मुहूर्त : आचार्य कमल दुबे बताते हैं पहला प्रदोष आज है. इस व्रत में महादेव भोले शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है. ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत का प्रारंभ मंगलवार को दिन के 01:01 बजे से शुरू है और इसका समापन बुधवार 3 नवंबर को 01:32 बजे होगा.

पूजा का शुभ समय

इस दौरान विशेष पूजा का समय संध्याकाल में 06:42 बजे से रात 08:49 बजे तक रहेगा. जो भी जातक भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करते हैं, पुराणों में मान्यता है कि उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति को भोलेनाथ के परिवार का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस व्रत में व्रती को निर्जल रहकर व्रत रखना होता है.

आचार्य के अनुसार प्रदोष रखने से चंद्र ठीक होता है अर्थात शरीर में चंद्र तत्व में सुधार होता है. माना जाता है कि चंद्र के सुधार होने से शुक्र भी सुधरता है और शुक्र से सुधरने से बुध भी सुधर जाता है. मानसिक बेचैनी खत्म होती है.

पूजा की विधि : जो लोग भी इस व्रत को करते हैं, उन्हें सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए. घर की साफ सफाई करनी चाहिए. घर के मंदिर में घी का दीपक जलाकर भगवान भोले नाथ और माता पार्वती से प्रार्थना करनी चाहिए कि हे प्रभु आपका आशीर्वाद हमारे परिवार के ऊपर हमेशा बना रहे. ऐसी कामना करके पूरे दिन ओम नम:शिवाय का जाप करना चाहिए. माता पार्वती और गणपति का ध्यान करना चाहिए. घर के पास के शिवालय में जाकर भोलेनाथ को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. इस दौरान भोलेनाथ को उनकी प्रिय वस्तुएं चढ़ानी चाहिए. इससे भोलेनाथ और माता पार्वती का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है.

जरूर खरीदें झाड़ू : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि को हम सब धनतेरस के रूप में मनाते हैं. पुराणों में ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन से धनवंतरी इसी दिन प्रकट हुए थे. तभी से इस तिथि को धन त्रयोदशी के रूप में मनाया जाता है. आचार्य बताते हैं कि आज के दिन झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए क्योंकि मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. धनतेरस के दिन हर घर में एक नई झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि झाड़ू घर से दरिद्रता हटाती है, उसका नाश करती है. मान्यता ये भी है कि धनतेरस पर घर में नई झाड़ू से झाड़ू लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है.

इन बातों का रखें ख्याल : धनतेरस पर नई चीजें खरीदकर घर लाना बेहद शुभ माना जाता है. लेकिन इस त्योहार पर खरीदारी के अलावा कुछ खास नियमों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है. धनतेरस के दिन घर में कूड़ा-कबाड़ नहीं रखना चाहिए. दिवाली से पहले लोग घर के कोने-कोने की सफाई करते हैं, लेकिन अगर आपके घर में धनतेरस के दिन तक कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान पड़ा हुआ है तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होगा.

घर के मुख्य द्वार या मुख्य कक्ष के सामने तो बेकार वस्तुएं बिल्कुल भी ना रखें. माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार के जरिए घर में लक्ष्मी का आगमन होता है. धनतेरस के दिन दोपहर या शाम के समय सोने से बचना चाहिए. आज के दिन लोहे का कोई भी सामान न खरीदें. इस दिन लोहा खरीदना शुभ नहीं माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन लोहा खरीदने से घर में दरिद्रता आती है.

पटना: धनतेरस (Dhanteras 2021) में हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ नई चीज जरूर खरीदता है. माना जाता है कि धनतेरस में खरीदारी करने से शुभ फल मिलता है. धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी, कुबेर देवता और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है. आचार्य कमल देव दूबे का कहना है कि अगर शुभ समय में खरीदारी (Subh Muhurat For Shopping On Dhanteras) की जाए तो उसका ज्यादा लाभ पहुंचता है. कार्तिक मास हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ और पावन महीना माना जाता है.

पूजा का शुभ मुहूर्त : आचार्य कमल दुबे बताते हैं पहला प्रदोष आज है. इस व्रत में महादेव भोले शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है. ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत का प्रारंभ मंगलवार को दिन के 01:01 बजे से शुरू है और इसका समापन बुधवार 3 नवंबर को 01:32 बजे होगा.

पूजा का शुभ समय

इस दौरान विशेष पूजा का समय संध्याकाल में 06:42 बजे से रात 08:49 बजे तक रहेगा. जो भी जातक भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करते हैं, पुराणों में मान्यता है कि उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति को भोलेनाथ के परिवार का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस व्रत में व्रती को निर्जल रहकर व्रत रखना होता है.

आचार्य के अनुसार प्रदोष रखने से चंद्र ठीक होता है अर्थात शरीर में चंद्र तत्व में सुधार होता है. माना जाता है कि चंद्र के सुधार होने से शुक्र भी सुधरता है और शुक्र से सुधरने से बुध भी सुधर जाता है. मानसिक बेचैनी खत्म होती है.

पूजा की विधि : जो लोग भी इस व्रत को करते हैं, उन्हें सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए. घर की साफ सफाई करनी चाहिए. घर के मंदिर में घी का दीपक जलाकर भगवान भोले नाथ और माता पार्वती से प्रार्थना करनी चाहिए कि हे प्रभु आपका आशीर्वाद हमारे परिवार के ऊपर हमेशा बना रहे. ऐसी कामना करके पूरे दिन ओम नम:शिवाय का जाप करना चाहिए. माता पार्वती और गणपति का ध्यान करना चाहिए. घर के पास के शिवालय में जाकर भोलेनाथ को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. इस दौरान भोलेनाथ को उनकी प्रिय वस्तुएं चढ़ानी चाहिए. इससे भोलेनाथ और माता पार्वती का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है.

जरूर खरीदें झाड़ू : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि को हम सब धनतेरस के रूप में मनाते हैं. पुराणों में ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन से धनवंतरी इसी दिन प्रकट हुए थे. तभी से इस तिथि को धन त्रयोदशी के रूप में मनाया जाता है. आचार्य बताते हैं कि आज के दिन झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए क्योंकि मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. धनतेरस के दिन हर घर में एक नई झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि झाड़ू घर से दरिद्रता हटाती है, उसका नाश करती है. मान्यता ये भी है कि धनतेरस पर घर में नई झाड़ू से झाड़ू लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है.

इन बातों का रखें ख्याल : धनतेरस पर नई चीजें खरीदकर घर लाना बेहद शुभ माना जाता है. लेकिन इस त्योहार पर खरीदारी के अलावा कुछ खास नियमों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है. धनतेरस के दिन घर में कूड़ा-कबाड़ नहीं रखना चाहिए. दिवाली से पहले लोग घर के कोने-कोने की सफाई करते हैं, लेकिन अगर आपके घर में धनतेरस के दिन तक कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान पड़ा हुआ है तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होगा.

घर के मुख्य द्वार या मुख्य कक्ष के सामने तो बेकार वस्तुएं बिल्कुल भी ना रखें. माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार के जरिए घर में लक्ष्मी का आगमन होता है. धनतेरस के दिन दोपहर या शाम के समय सोने से बचना चाहिए. आज के दिन लोहे का कोई भी सामान न खरीदें. इस दिन लोहा खरीदना शुभ नहीं माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन लोहा खरीदने से घर में दरिद्रता आती है.

Last Updated : Nov 2, 2021, 8:03 AM IST
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