जयपुर. टोक्यो पैरालंपिक में आज देश के लिए शानदार दिन रहा. अवनि के बाद देवेंद्र और सुंदर गुर्जर ने भी देश के लिए मेडल जीते हैं. जेवेलियन में देवेंद्र झाझरिया ने सिल्वर और सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक जीता है. ऐसे में राजस्थान की ओर से आज कुल तीन मेडल देश के लिए जीते गए हैं. वहीं अवनि ने शूटिंग में देश को गोल्ड मेडल दिलाया है.
मेडल जीतने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से सभी खिलाड़ियों को बधाई दी. देवेंद्र ने जेवेलियन थ्रो एफ46 इवेंट में सिल्वर मेडल जीता, जबकि इस इवेंट में सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक अपने नाम किया.
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पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर हासिल किया पदक
राजस्थान के पैरा एथलीट देवेंद्र ने टोक्यो पैरालंपिक का टिकट अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर हासिल किया है. इसके अलावा देवेंद्र इससे पहले भी देश के लिए पैरालंपिक में दो बार गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. देवेंद्र ने साल 2004 पैरालंपिक एथेंस में पहला स्वर्ण पदक जीता था, जबकि साल 2016 रियो डी जेनेरियो में आयोजित ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इसके अलावा उन्हें खेल रत्न पद्मश्री और अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है.
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हादसे के दौरान अपना एक हाथ गंवा दिया
राजस्थान के पैरालंपिक खिलाड़ी (एथलीट) सुंदर गुर्जर ने साल 2016 में एक हादसे के दौरान अपना एक हाथ गंवा दिया था, लेकिन अपनी इसी कमजोरी को उन्होंने ताकत बनाया और टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया. सुंदर ने लंदन में आयोजित हुए ऑफ वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था और एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया था. इसके अलावा साल 2018 में एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल और ब्रॉन्ज मेडल भी अपने नाम कर चुके हैं और उन्हें अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है.
अवनि लेखरा ने जीता गोल्ड मेडल
जयपुर की उभरती हुई शूटर अवनि ने साल 2012 में हुए एक एक्सीडेंट के बाद अवनी व्हील चेयर पर आ गईं, लेकिन अवनि ने शूटिंग को अपने जीवन का हिस्सा बनाया. अवनि ने अपनी इसी कमजोरी को ताकत बनाया और अगस्त 2015 में राइफल उधार लेकर पहली बार स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता. शौकिया तौर पर निशानेबाजी करने वाली अवनि ने राइफल शाम से ही पदकों की झड़ी लगा दी. अपनी गुजरी जिंदगी को पीछे छोड़ते हुए अवनि ने आज एक नया मुकाम हासिल किया है.
कोविड- 19 संक्रमण के चलते बीते कुछ समय से अवनी अपने घर पर ही अभ्यास कर रही थीं और उनका सपना था कि पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर वे देश का नाम रोशन करें. इससे पहले विश्व पैरा खेल निशानेबाजी विश्व कप में अवनी ने रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था.
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बीए एलएलबी की हैं छात्रा
बता दें, अवनि राजस्थान विश्वविद्यालय में पंचवर्षीय विधि महाविद्यालय के बीए एलएलबी की चौथे सेमेस्टर की छात्रा हैं. राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि अवनि को एयर राइफल स्टेंडिंग वुमेन (R-2) में चौथी वरीयता हासिल है. इसके अतिरिक्त 50 मीटर 3 पोजीशन वूमेन (R-8) में भी विश्व में चौथी रैंक हासिल है.
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अवनि लखेरा ने WSPS वर्ल्ड कप 2017 में रजत पदक हासिल किया था. उन्होंने 2019 में भी विश्व कप के दौरान 50 मीटर राइफल शूटिंग में ओलंपिक कोटा हासिल किया था. आज अवनी ने टोक्यो ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल के स्टैंडिंग एसएच वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर एक और उपलब्धि अपने नाम की है और देश-प्रदेश के साथ ही राजस्थान विश्वविद्यालय का नाम भी रोशन किया है.