मोरबी (गुजरात) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी हादसे से संबंधित सभी पहलुओं की पहचान करने के लिए मंगलवार को 'विस्तृत और व्यापक' जांच का आह्वान किया और कहा कि इस जांच से मिले प्रमुख सबक को जल्द से जल्द अमल में लाया जाना चाहिए. अधिकारियों के अनुसार रविवार शाम को मोरबी में मच्छु नदी पर बने ब्रिटिश कालीन पुल के गिर जाने के बाद सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और अन्य बचाव एजेंसियों ने 135 शव निकाले हैं.
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Morbi, Gujarat | PM Modi chairs a high-level meeting with senior officials on the bridge collapse incident
— ANI (@ANI) November 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि मोदी ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और वह स्थानीय अस्पताल भी गए जहां इस हादसे में घायल हुए लोगों का उपचार किया जा रहा है. उन्होंने राहत और बचाव कार्य में शामिल लोगों से बातचीत की और उनके प्रयासों की सराहना की.
उन्होंने स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. प्रधानमंत्री ने कहा, 'समय की मांग है कि एक विस्तृत और व्यापक जांच की जाए जो इस दुर्घटना से संबंधित सभी पहलुओं की पहचान करेगी.'
उन्होंने कहा कि इस जांच से मिले प्रमुख सबक को जल्द से जल्द अमल में लाया जाना चाहिए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को प्रभावित परिवारों के संपर्क में रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दुख की इस घड़ी में उन्हें हरसंभव मदद मिले. बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, स्थानीय विधायक व मंत्री बृजेश मेरजा, राज्य के मुख्य सचिव पंकज कुमार और राज्य के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया सहित अन्य लोग शामिल हुए.
गुजरात के मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि मोरबी पुल हादसे में 170 लोगों को बचा लिया गया. उन्होंने राज्य की राजधानी गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, 'सभी मृतकों के परिजनों को पहले ही गुजरात सरकार द्वारा घोषित चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित दो-दो लाख रुपये का मुआवजा जल्द ही उनके बैंक खातों में डीबीटी (प्रत्यक्ष बैंक अंतरण) के जरिए जमा किया जाएगा.'
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद बचाए गए लोगों में से केवल 17 लोगों का मोरबी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को कहा था कि अब कोई भी व्यक्ति लापता नहीं है.
पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा समूह के चार कर्मचारियों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही, जिन कंपनियों को इसके (पुल के) रखरखाव एवं संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है.
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(पीटीआई-भाषा)