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PM security lapse case: वकीलों को धमकी देने के मामले में FIR दर्ज - दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की जांच रोकने के लिए वकीलों को धमकी भरे कॉल मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने दावा किया था कि कॉल कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) द्वारा किए गए थे.

PM security lapse case
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक
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Published : Jan 12, 2022, 6:08 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने एक वकील की शिकायत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की जांच रोकने के लिए वकीलों को धमकी भरे कॉल मिलने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि उन्हें प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को लेकर धमकी भरे फोन कॉल आ रहे थे. बता दें, दो दिन पहले कुछ वकीलों ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की जांच रोकने के लिए उन्हें धमकी भरे कॉल आए हैं.

सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने सोमवार को शीर्ष अदालत को पत्र लिखकर दावा किया था कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले की सुनवाई से जुड़े न्यायाधीशों के लिए उनके पास धमकी भरे फोन आ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) के पत्र में दावा किया गया था कि कॉल कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) द्वारा किए गए थे.

पत्र में कहा गया था, 'अनाम कॉल में कहा गया है कि पंजाब के हुसैनीवाला के रास्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को 20 मिनट रोके जाने के लिए अमेरिका स्थित एसएफजे संगठन जिम्मेदार है.' उच्चतम न्यायालय के महासचिव वीरेंद्र कुमार बंसल को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि फोन करने वाले ने शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को एक गैर सरकारी संगठन 'लॉयर्स वॉयस' की जनहित याचिका पर सुनवाई से इस आधार पर परहेज करने की भी चेतावनी दी है कि शीर्ष अदालत 1984 के सिख-विरोधी दंगों के दोषियों को दंडित करने में सक्षम नहीं रही है.

यह भी पढ़ें- PM MODI की सुरक्षा में चूक: वकीलों को SFJ की धमकी भरी कॉल, सुनवाई से दूर रहने को कहा

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने एक वकील की शिकायत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की जांच रोकने के लिए वकीलों को धमकी भरे कॉल मिलने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि उन्हें प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को लेकर धमकी भरे फोन कॉल आ रहे थे. बता दें, दो दिन पहले कुछ वकीलों ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की जांच रोकने के लिए उन्हें धमकी भरे कॉल आए हैं.

सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने सोमवार को शीर्ष अदालत को पत्र लिखकर दावा किया था कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले की सुनवाई से जुड़े न्यायाधीशों के लिए उनके पास धमकी भरे फोन आ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) के पत्र में दावा किया गया था कि कॉल कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) द्वारा किए गए थे.

पत्र में कहा गया था, 'अनाम कॉल में कहा गया है कि पंजाब के हुसैनीवाला के रास्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को 20 मिनट रोके जाने के लिए अमेरिका स्थित एसएफजे संगठन जिम्मेदार है.' उच्चतम न्यायालय के महासचिव वीरेंद्र कुमार बंसल को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि फोन करने वाले ने शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को एक गैर सरकारी संगठन 'लॉयर्स वॉयस' की जनहित याचिका पर सुनवाई से इस आधार पर परहेज करने की भी चेतावनी दी है कि शीर्ष अदालत 1984 के सिख-विरोधी दंगों के दोषियों को दंडित करने में सक्षम नहीं रही है.

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