नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूल के शिक्षक जब 23 अगस्त को सितार के साथ मंच पर बैठे, तो शायद यह इल्म ही नहीं होगा कि 24 अगस्त दोपहर बाद वह ऐसा कारनामा कर जाएंगे कि इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में नाम दर्ज हो जाएगा. बात कर रहे हैं संगीत के शिक्षक व सितार वादक राजकुमार का. उन्होंने 30 घंटे लगातार सितार बजाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है.
राजकुमार द्वारका के सेक्टर-19 स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय में संगीत के शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं. सितार, उनके मनपसंदीदा वाद्ययंत्रों में से एक है. ऐसे में, उनका यह शौक एक दिन विश्व कीर्तिमान हासिल कर लेगा. इस बात का, शायद उनको एहसास भी नहीं होगा.
राजकुमार ने 23 अगस्त सुबह आठ बजे से सितार बजाना शुरू किया. इसके लिये द्वारका सेक्टर-19 स्थित स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एजुकेशन को चुना. उन्होंने मंगलवार दो बजे तक 30 घंटे लगातार सितार वादन कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवा लिया. इसके लिये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के अधिकारी ऑनलाइन मौजूद थे. इससे पहले केरल के राधाकृष्णन मनोहरन ने अक्टूबर 2017 में 29 घंटे आठ मिनट तक सितार वादन कर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था.
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बता दें कि सितार भारत के सबसे लोकप्रिय वाद्ययंत्रों में से एक है. इसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है. सितार पूरी तरह भारतीय वाद्य है, क्योंकि इसमें भारतीय वाद्यों की तीनों विशेषताएं हैं.
सितार से कुछ बड़ा वाद्य सुर-बहार आज भी प्रयोग में है, लेकिन सितार से अधिक लोकप्रिय कोई भी वाद्य नहीं है. इसकी ध्वनि को अन्य स्वरूप में उतारने की कोशिशें की गई, लेकिन सितार की तरह मधुर ध्वनि प्राप्त नहीं की जा सकी.