कानपुर : आईआईटी कानपुर में बुधवार की रात एमटेक छात्र ने तनाव में आकर आत्महत्या कर ली. कमरे में उसका शव मिला. घटना की जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की. बताया जाता है कि छात्र कई दिनों से पढ़ाई को लेकर परेशान चल रहा था. कुछ दिनों पहले ही पीएचडी की एक छात्रा ने भी जान दे दी थी.
कल्याणपुर थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि मेरठ के लक्ष्मी विहार कंकरखेड़ा के रहने वाला नेमचंद मीना का बेटा विकास मीना आईआईटी कानपुर में एमटेक सेकेंड ईयर का छात्र था. बुधवार की रात 10 बजे विकास ने आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी उस वक्त हुई जब हॉस्टल के कुछ छात्र विकास को खाना खाने के लिए बुलाने पहुंचे थे. इस दौरान उसके कमरा नंबर 10 की लाइट बंद थी. कमरे में उसका शव पड़ा था. साथी छात्रों का कहना है कि विकास अपनी पढ़ाई को लेकर काफी तनाव में था. साथियों ने बताया कि विकास एक परीक्षा में फेल हो गया था. इससे वह तनाव में था. हालांकि, उनकी ओवरआल परफार्मेंस बहुत अच्छी थी.
प्रशासनिक अफसरों की कार्यशैली पर उठे सवाल : आईआईटी कानपुर के कैंपस को प्रशासनिक अफसर हमेशा से ही स्टूडेंट फ्रेंडली बताते आए हैं. बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं कि स्टूडेंट्स तनाव मुक्त रहते हैं, लेकिन एक माह के अंदर हीं दो सीनियर स्टूडेंट की आत्महत्या की घटना ने इस दावे की पोल खोलकर रख दी है. छात्रों के ऐसे फैसलों को देखते हुए अब अन्य छात्र आईआईटी कानपुर के प्रशासनिक अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. छात्रों का कहना है उन्हें बेहतर माहौल नहीं मिल रहा है.
पीएचडी छात्रा ने भी की थी आत्महत्या : थाना प्रभारी के अनुसार साथी छात्रों से पूछताछ में पता चला है कि विकास काफी समय से पढ़ाई को लेकर तनाव में चल रहा था. फॉरेंसिक ने मौके पर पहुंचक साक्ष्य जुटाए हैं. इससे पूर्व कुछ दिनों पहले ही जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग की शोध छात्रा डॉ. पल्लवी ने भी तनाव में आकर जान दे दी थी.
आईआईटी के प्रशासनिक अफसर बोले- एक बेहतर छात्र खो दिया : मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी विकास की मौत को लेकर आईआईटी के प्रशासनिक अफसरों ने कहा कि संस्थान ने एक बेहतर छात्र खो दिया. विकास की मदद के लिए कई प्रोफेसरों ने भी उन्हें ढांढस बंधाया था. हालांकि, तनाव अचानक ही ऊन पर हावी हो गया. विकास की मौत के बाद संस्थान के छात्रों ने हंगामा भी किया. वरिष्ठ प्रोफेसरों ने उन्हें शांत कराया.
फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य : आईआईटी छात्र विकास की मौत के बाद देर रात ही फॉरेंसिक टीम ने आईआईटी पहुंचकर कमरा नं.10 से साक्ष्य जुटाए. थाना प्रभारी कल्याणपुर धनंजय पांडेय ने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद तस्वीर साफ हो सकेगी, कि विकास ने यह कदम क्यों उठाया. फिलहाल सभी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.
संस्थान में पहले भी हो चुकीं ये घटनाएं : 19 अप्रैल 2018 को फिरोजाबाद निवासी पीएचडी छात्र भीम सिंह ने आत्महत्या की थी. 30 दिसंबर 2019 को संस्थान में सिक्योरिटी गार्ड आलोक श्रीवास्तव ने भी जान दे दी थी. 9 जुलाई 2020 को आईआईटी में प्रोफेसर प्रमोद सुब्रमण्यन ने जान दे दी थी. 12 मई 2021 को संस्थान में असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुरजीत दास ने भी जान दी थी. 07 सितंबर 2022 को वाराणसी निवासी पीएचडी छात्र प्रशांत सिंह ने भी ऐसा ही कदम उठाया था. 19 दिसंबर 2023 को शोध स्टाफ सदस्य डा. पल्लवी ने भी जान दी थी.
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