वाराणसी : लंका थाना क्षेत्र के मदरवा में बुधवार को एक दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है. एक घर में बुजुर्ग महिला का कंकाल मिला है. यह एक साल पुराना बताया जा रहा है. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई. कुछ देर की छानबीन में पुलिस के सामने जो आया, उसने सबके होश उड़ा दिए. आसपास के लोगों से पूछताछ में पता चला कि दोनों बेटियों ने मां की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार नहीं किया और शव घर में ही रखा. दोनों मां के शव के साथ ही अधिकतर समय बिताती थीं और बगल में ही सोती थीं. मोहल्ले में सामान्य व्यवहार करने वाली दोनों बेटियों पढ़ी-लिखी हैं लेकिन बातचीत में पुलिस को उनकी मानसिक दशा सामान्य नहीं लगी.
मौसा पहुंचा घर तो हुआ खुलासा
इस पूरे मामले में संबंधित थाने द्वारा कंट्रोल रूम को जो सूचना दी गई है, उसके मुताबिक मिर्जापुर के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार चतुर्वेदी लंका मदरवा चित्तूपुर में रहने वाली अपनी साली उषा त्रिपाठी का हालचाल लेने के लिए बुधवार को उनके घर पहुंचे थे. काफी देर तक घंटी बजाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो धर्मेंद्र ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम को दी. सूचना मिलने के बाद मौके पर फैंटम दस्ते के साथ पुलिस टीम पहुंच गई.
दरवाजा तोड़कर घर में दाखिल हुई पुलिस
पुलिस टीम ने दरवाजा काफी देर तक खुलवाने की कोशिश की लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिल रहा था. इसके बाद दरवाजे को तोड़कर अंदर पहुंची तो सभी के होश उड़ गए. अंदर एक कमरे में महिला का कंकाल पड़ा हुआ था. जबकि दूसरे कमरे में उस महिला की दो बेटियां पल्लवी त्रिपाठी और वैश्विक तिवारी मौजूद थीं. पुलिस की छानबीन में पता चला कि पिछले कई दिनों से दोनों बेटियां घर से बाहर कम निकलती थीं. इधर करीब एक हफ्ते से घर का दरवाजा बंद था.
बड़ी बहन पोस्ट ग्रेजुएट, छोती दसवीं में
दोनों बच्चियों के मौसा धर्मेंद्र से पूछताछ में पता चला है कि बड़ी बेटी पल्लवी ने मास्टर डिग्री प्राप्त की है, जबकि छोटी वैश्विक कक्षा 10 की छात्रा हैं. पुलिस के मुताबिक उनकी मां उषा लंबे वक्त से बीमार थीं. उनकी मृत्यु की तिथि लड़कियों को याद है, जो कहीं न कहीं संदेह पैदा करने वाली है. दोनों बहनें पुलिस पूछताछ में बहकी-बहकी सी बातें कर रही हैं. आसपास के लोगों का कहना है कि दोनों बहनों की मानसिक हालत खराब है.
पिता ने दो साल पहले छोड़ दिया घर, रहते हैं बलिया में
पता चला है कि यह पूरा परिवार मूल रूप से बलिया का रहने वाला है. लंका में इनका मकान है. उषा त्रिपाठी के पति लगभग 2 साल पहले बलिया में ही रहने लगे और परिवार यहां पर रहता था. परिवार के अन्य सदस्य और पति घर आते ही नहीं थे. उषा की कॉस्मेटिक की एक छोटी सी दुकान थी, जिससे वह घर का खर्च चलाती थीं. पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला है कि दोनों बेटियां लगभग 1 साल से सिर्फ जरूरत का सामान लेने के लिए ही घर से निकल रही थीं. घर में कुछ जोड़ कर रखे हुए पैसे और मां के गहने बेचकर घर का खर्च पूरा कर रही थीं. फिलहाल दोनों से पूछताछ की जा रही है.
शव के साथ ही बिताती थीं अधिकतर समय
बताया जा रहा है कि दोनों बहनों ने मां की मौत के बाद किसी को इसकी खबर नहीं होने दी. घर के एक कमरे में मां का शव रख दिया और उसी के साथ वक्त बिताती रहीं. ऐसा एक साल तक चला. दोनों बहनें बाहर कम ही निकलती थीं. किसी से ज्यादा मतलब भी नहीं था. ऐसे में किसी को भनक ही नहीं लगी. दोनों बहनें जब कभी बाहर निकलतीं, सामान्य व्यवहार करतीं. पुलिस से पूछताछ में सामने आया कि दोनों की मानसिक हालत ठीक नहीं है.