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माकपा नेता तारिगामी ने अनुच्छेद 370 से संबंधित याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए दी अर्जी

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एमवाई तारिगामी ने उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दाखिल कर जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया.

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Published : Aug 28, 2021, 5:06 PM IST

श्रीनगर : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एमवाई तारिगामी ने अपनी याचिका में कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि पांच अगस्त 2019 को केंद्र द्वारा आदेशों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर (पुनर्गठन) कानून 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है, केंद्र सरकार ने अपरिवर्तनीय कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्र ने विधानसभा चुनाव से पहले सभी निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं को चिह्नित करने के लिए एक परिसीमन आयोग का गठन किया है. याचिका में केंद्र के कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए कहा गया कि जम्मू और कश्मीर विकास कानून का संशोधन उन व्यक्तियों को जम्मू कश्मीर में गैर कृषि योग्य भूमि खरीदने की अनुमति देता है जो स्थायी निवासी नहीं हैं.

जम्मू कश्मीर राज्य महिला आयोग, जम्मू कश्मीर राज्य जवाबदेही आयोग, जम्मू कश्मीर राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग और जम्मू-कश्मीर राज्य मानवाधिकार आयोग जैसे संस्थानों को बंद कर दिया गया.

यह भी पढ़ें-झारखंड जज की मौत मामला : HC ने CBI से कहा, आवश्यक हो तो आरोपियों को फ्लाइट से ले जाएं

माकपा नेता ने कहा कि यदि मामलों की तत्काल सुनवाई नहीं की गई तो आवेदक के साथ गंभीर अन्याय होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में यहां आवेदक उक्त रिट याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध कर रहा है.

(पीटीआई)

श्रीनगर : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एमवाई तारिगामी ने अपनी याचिका में कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि पांच अगस्त 2019 को केंद्र द्वारा आदेशों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर (पुनर्गठन) कानून 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है, केंद्र सरकार ने अपरिवर्तनीय कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्र ने विधानसभा चुनाव से पहले सभी निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं को चिह्नित करने के लिए एक परिसीमन आयोग का गठन किया है. याचिका में केंद्र के कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए कहा गया कि जम्मू और कश्मीर विकास कानून का संशोधन उन व्यक्तियों को जम्मू कश्मीर में गैर कृषि योग्य भूमि खरीदने की अनुमति देता है जो स्थायी निवासी नहीं हैं.

जम्मू कश्मीर राज्य महिला आयोग, जम्मू कश्मीर राज्य जवाबदेही आयोग, जम्मू कश्मीर राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग और जम्मू-कश्मीर राज्य मानवाधिकार आयोग जैसे संस्थानों को बंद कर दिया गया.

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माकपा नेता ने कहा कि यदि मामलों की तत्काल सुनवाई नहीं की गई तो आवेदक के साथ गंभीर अन्याय होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में यहां आवेदक उक्त रिट याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध कर रहा है.

(पीटीआई)

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