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Congress Plans Unity Yatras : चुनावी राज्यों में शीर्ष नेताओं के बीच एकता दिखाने कांग्रेस की यात्राएं शुरू करने की योजना

कांग्रेस पार्टी ने चार चुनावी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए यात्राएं प्रदर्शित करने की योजना बनाई है. इसी क्रम में राजस्थान में 23 सितंबर से शुरू होने वाली यात्रा सबसे अहम है, क्योंकि इसके जरिए सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट को एक साथ लाने की उम्मीद है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 21, 2023, 5:56 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शीर्ष नेताओं के बीच एकता प्रदर्शित करने और कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए चार चुनावी राज्यों में यात्राओं की योजना बनाई है. जन आक्रोश यात्रा नाम से यात्रा जहां मध्य प्रदेश में शुरू हो चुकी है वहीं राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में इसे शुरू किया जाएगा. इस संबंध में एमपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल ने बताया कि चुनाव की तारीखें आने से पहले 5 अक्टूबर तक सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने का लक्ष्य है.

उन्होंने कहा कि यात्रा का भाजपा शासित मध्य प्रदेश में एआईसीसी द्वारा राज्य इकाई प्रमुख कमलनाथ को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश करने पर कोई विवाद नहीं है. वहीं जन आक्रोश यात्रा के जरिये अजय सिंह, सुरेश पचौरी जैसे प्रमुख नेताओं के योगदान को उजागर करने का भी एक प्रयास है. इसके अलावा जीतू पटवारी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, कमलेश्वर पटेल और गोविंद सिंह, जो सात अलग-अलग मार्गों पर मार्च का याात्रा कर रहे हैं. इनमें से नेतृत्व करने वाले सभी नेता 1,000 किमी से अधिक की दूरी तय करेंगे.

उन्होंने कहा कि यात्रा का नेतृत्व करने वाले सभी सात व्यक्ति वरिष्ठ नेता हैं और राज्य टीम में एकता का संदेश देंगे. वे सिर्फ भाजपा सरकार के खिलाफ जनता के गुस्से को कांग्रेस का समर्थन करने और हमारे कार्यकर्ताओं को एक कठिन अभियान के लिए चार्ज करने की कोशिश कर रहे हैं. मित्तल ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान में 23 सितंबर को शुरू होने वाली यात्रा सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें प्रतिद्वंद्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट को एक मकसद के लिए एक साथ लाने की उम्मीद है.

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट के बीच शांति स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत की थी. इस यात्रा के जरिये और मतदाताओं को संदेश देने के लिए यात्रा कार्यक्रम में दोनों नेताओं के शामिल होने की संभावना है. इस बारे में एआईसीसी के राजस्थान प्रभारी सचिव वीरेंद्र राठौड़ ने बताया कि यात्रा के दौरान गहलोत और पायलट दोनों को राज्य के पूर्वी हिस्सों में लगभग 13 जिलों और 35 विधानसभा सीटों को कवर करने की आशा है ताकि सूखे क्षेत्र में महत्वाकांक्षी ईआरसीपी जल आपूर्ति योजना की केंद्र की उपेक्षा को उजागर किया जा सके. उन्होंने कहा कि पीने का पानी इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक भावनात्मक मुद्दा है.

वहीं तेलंगाना में कांग्रेस कर्नाटक की तर्ज पर राज्य इकाई प्रमुख रेवंत रेड्डी और सीएलपी भट्टी विक्रमार्क के बीच एकता प्रदर्शित करने के लिए अक्टूबर में एक बस यात्रा शुरू किए जाने की योजना है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को साथ लाने में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सफल हुए थे. इसी क्रम में तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने कहा कि कर्नाटक के नतीजे का असर तेलंगाना चुनाव पर भी पड़ेगा. बस यात्रा के लिए योजनाएं बनाई जा रही है.

छत्तीसगढ़ में भी खड़गे और राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आगे रखते हुए वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नत करके शक्ति संतुलन बनाया. सिंहदेव नाराज थे लेकिन अपनी शिकायतों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त नहीं करते थे. अब आदिवासी राज्य में कांग्रेस को फिर से सत्ता में आने के लिए दोनों नेता मिलकर काम कर रहे हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि आदिवासी राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों को कवर करने के लिए तेलंगाना की तर्ज पर एक एकता बस यात्रा की योजना बनाई जा रही है.

ये भी पढ़ें - Women Reservation Bill: कांग्रेस ने कानून में निकालीं खामियां, सरकार से 2024 में कोटा लागू करने का आग्रह

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शीर्ष नेताओं के बीच एकता प्रदर्शित करने और कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए चार चुनावी राज्यों में यात्राओं की योजना बनाई है. जन आक्रोश यात्रा नाम से यात्रा जहां मध्य प्रदेश में शुरू हो चुकी है वहीं राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में इसे शुरू किया जाएगा. इस संबंध में एमपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल ने बताया कि चुनाव की तारीखें आने से पहले 5 अक्टूबर तक सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने का लक्ष्य है.

उन्होंने कहा कि यात्रा का भाजपा शासित मध्य प्रदेश में एआईसीसी द्वारा राज्य इकाई प्रमुख कमलनाथ को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश करने पर कोई विवाद नहीं है. वहीं जन आक्रोश यात्रा के जरिये अजय सिंह, सुरेश पचौरी जैसे प्रमुख नेताओं के योगदान को उजागर करने का भी एक प्रयास है. इसके अलावा जीतू पटवारी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, कमलेश्वर पटेल और गोविंद सिंह, जो सात अलग-अलग मार्गों पर मार्च का याात्रा कर रहे हैं. इनमें से नेतृत्व करने वाले सभी नेता 1,000 किमी से अधिक की दूरी तय करेंगे.

उन्होंने कहा कि यात्रा का नेतृत्व करने वाले सभी सात व्यक्ति वरिष्ठ नेता हैं और राज्य टीम में एकता का संदेश देंगे. वे सिर्फ भाजपा सरकार के खिलाफ जनता के गुस्से को कांग्रेस का समर्थन करने और हमारे कार्यकर्ताओं को एक कठिन अभियान के लिए चार्ज करने की कोशिश कर रहे हैं. मित्तल ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान में 23 सितंबर को शुरू होने वाली यात्रा सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें प्रतिद्वंद्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट को एक मकसद के लिए एक साथ लाने की उम्मीद है.

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट के बीच शांति स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत की थी. इस यात्रा के जरिये और मतदाताओं को संदेश देने के लिए यात्रा कार्यक्रम में दोनों नेताओं के शामिल होने की संभावना है. इस बारे में एआईसीसी के राजस्थान प्रभारी सचिव वीरेंद्र राठौड़ ने बताया कि यात्रा के दौरान गहलोत और पायलट दोनों को राज्य के पूर्वी हिस्सों में लगभग 13 जिलों और 35 विधानसभा सीटों को कवर करने की आशा है ताकि सूखे क्षेत्र में महत्वाकांक्षी ईआरसीपी जल आपूर्ति योजना की केंद्र की उपेक्षा को उजागर किया जा सके. उन्होंने कहा कि पीने का पानी इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक भावनात्मक मुद्दा है.

वहीं तेलंगाना में कांग्रेस कर्नाटक की तर्ज पर राज्य इकाई प्रमुख रेवंत रेड्डी और सीएलपी भट्टी विक्रमार्क के बीच एकता प्रदर्शित करने के लिए अक्टूबर में एक बस यात्रा शुरू किए जाने की योजना है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को साथ लाने में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सफल हुए थे. इसी क्रम में तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने कहा कि कर्नाटक के नतीजे का असर तेलंगाना चुनाव पर भी पड़ेगा. बस यात्रा के लिए योजनाएं बनाई जा रही है.

छत्तीसगढ़ में भी खड़गे और राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आगे रखते हुए वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नत करके शक्ति संतुलन बनाया. सिंहदेव नाराज थे लेकिन अपनी शिकायतों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त नहीं करते थे. अब आदिवासी राज्य में कांग्रेस को फिर से सत्ता में आने के लिए दोनों नेता मिलकर काम कर रहे हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि आदिवासी राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों को कवर करने के लिए तेलंगाना की तर्ज पर एक एकता बस यात्रा की योजना बनाई जा रही है.

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