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कर्नाटक: कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री पद पर फैसले के लिए पार्टी अध्यक्ष को अधिकृत किया - पार्टी ने तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए

कर्नाटक विधानसभा ने शानदार जीत हासिल करने के बाद पार्टी विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन को एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्णय पर छोड़ने का फैसला किया गया है. पढ़िए पूरी खबर...

Congress Legislature Party meeting in Karnataka
कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू
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Published : May 14, 2023, 6:37 PM IST

Updated : May 15, 2023, 2:38 PM IST

बेंगलुरु : कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं-सिद्धारमैया और डी. के. शिवकुमार के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की दौड़ तेज होने के बीच नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत किया. कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा कि खड़गे द्वारा नियुक्त तीन केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों की राय लेंगे, जिसे पार्टी अध्यक्ष को बता दिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'सभी विधायकों की राय लेने की यह प्रक्रिया आज ही पूरी हो जाएगी.' सूत्रों ने कहा कि पर्यवेक्षक सोमवार तक अपनी रिपोर्ट खड़गे को सौंप देंगे.

कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की रविवार शाम यहां एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पहला प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने पेश कर कर्नाटक के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं तथा लोगों को धन्यवाद कहा, जबकि एक लाइन का दूसरा प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा पेश किया गया.

बैठक के बाद सुरजेवाला ने कहा, 'विधायक आज रात के खाने के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों से मिलेंगे और उनके फैसले से पार्टी अध्यक्ष को अवगत करा दिया जाएगा, ताकि नए विधायक दल के नेता की नियुक्ति का फैसला लिया जा सके.' बैठक स्थल के बाहर सिद्धारमैया और शिवकुमार के समर्थकों ने नारेबाजी की तथा बैनर लहराए. इससे पहले दोनों नेताओं ने अपने वफादार विधायकों के साथ बैठकें कीं. दोनों पक्षों के बीच अपने नेता को अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने के साथ एक पोस्टर युद्ध भी शुरू हो गया.

खड़गे ने सीएलपी नेता के चुनाव के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह और पार्टी के पूर्व महासचिव दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले वेणुगोपाल के साथ कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने सिद्धरमैया और शिवकुमार के साथ चर्चा की.

सिद्धारमैया (75) और शिवकुमार (60) दोनों ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को छुपाया नहीं है. कांग्रेस चुनाव से पहले एकजुटता बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे मुख्यमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ उस एकता को बनाए रखने के लिए कठिन स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. कर्नाटक में पिछली विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को समाप्त होने से पहले नवनिर्वाचित विधानसभा का गठन किया जाना है. शिवकुमार को कांग्रेस पार्टी के लिए 'संकटमोचक' माना जाता है, वहीं निवर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया राज्य भर में लोकप्रिय हैं.

अगर सिद्धारमैया सीएलपी नेता के रूप में चुने जाते हैं तो 2013-18 के बीच पांच साल तक इस पद पर रहने के बाद पार्टी के मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा. शिवकुमार ने सिद्धरमैया के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य किया था. नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक से पहले शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने सभी को साथ लेकर पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की और अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगा.

शिवकुमार ने कहा कि जब 2019 के उपचुनाव में पार्टी की शिकस्त के बाद सिद्धारमैया और दिनेश गुंडु राव ने क्रमश: कांग्रेस विधायक दल के नेता तथा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, तो कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन पर विश्वास जताया था तथा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. शिवकुमार ने यह भी कहा कि जब वह धनशोधन के एक मामले में जेल में बंद थे, तो सोनिया गांधी अपना समर्थन जताने के लिए उनसे मिलने आयी थीं. सिद्धारमैया के साथ किसी तरह के मतभेद से इनकार करते हुए शिवकुमार ने कहा, 'हर कोई कह रहा है कि मेरे और सिद्धारमैया के बीच मतभेद हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि रत्ती भर भी मतभेद नहीं है. मैंने किसी को मौका ही नहीं दिया। मैंने अपने आप को जमीन से जुड़ा हुआ रखा तथा अपने रास्ते पर चलता गया.'

कनकपुरा से विधानसभा चुनाव जीतने वाले शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने सभी को साथ लेकर चलते हुए दिन-रात मेहनत की है. कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय के प्रमुख मठ आदि चुंचनगिरी मठ के प्रमुख पुजारी निर्मलानंद नाथ स्वामीजी ने कांग्रेस नेतृत्व से प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाने की अपील की. वोक्कालिगा संघ ने समुदाय के संतों की एक बैठक आयोजित की, जहां कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से वोक्कालिगा समुदाय के शिवकुमार को राज्य का अगला मुख्यमंत्री नियुक्त करने का अनुरोध करने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया.

निर्मलानंद नाथ स्वामीजी ने कहा, 'यह कार्यक्रम सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और सिद्धारमैया से लेकर सभी वरिष्ठों से अनुरोध करने के लिए आयोजित किया गया है कि वे शिवकुमार को शासन चलाने और समाज की सेवा करने का अवसर दें.' सिद्धारमैया और शिवकुमार के आवास के सामने समर्थकों द्वारा बैनर लगाए गए हैं, जिनमें कांग्रेस की जीत के लिए उन्हें बधाई दी गई है और उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया गया है. शिवकुमार खुले तौर पर विभिन्न आयोजनों में खासकर वोक्कालिगा से जुड़े कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री बनने की अपनी आकांक्षाओं को व्यक्त करते रहे हैं.

दूसरी तरफ, बेहद अनुभवी सिद्धारमैया अपने सक्षम प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते हैं. उन्हें राज्य के लिए 13 बजट पेश करने का गौरव भी प्राप्त है. जमीनी नेता के तौर पर अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों और दलितों के बीच उनका काफी दबदबा है. सिद्धारमैया ने घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी चुनाव है. राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट जीतीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 66 और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने 19 सीट जीती हैं.

विधायक दल की बैठक में लिए गए संकल्प - कांग्रेस पार्टी प्रदेश की जनता को दी गई पांच गारंटी योजनाओं को लागू करेगी. कर्नाटक के लोगों को जिम्मेदार, पारदर्शी और कुशल शासन प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत और एकता का दृढ़ संकल्प. राज्य के 6.5 करोड़ कन्नडिगों की सुरक्षा और सेवा प्राथमिकता होगी. सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता ही सरकार की नीतियों का मूल उद्देश्य होगा. इसके अलावा जनकल्याण के लिए निकट भविष्य में सरकार द्वारा बनाई गई प्रत्येक नीति राज्य के प्रत्येक व्यक्ति और परिवार के जीवन को बेहतर बनाने के लिए संकल्पित होगी. साथ ही पहला कर्तव्य कर्नाटक की संस्कृति, भाषा और महान विरासत की रक्षा करना है और मुख्य उद्देश्य कर्नाटक शांति को फिर से स्थापित करना और राज्य को प्रगति और सद्भाव में शीर्ष बनाना है.

कर्नाटक के विधायकों की राय लेंगे पर्यवेक्षक, मुख्यमंत्री के चयन पर आलाकमान करेगा फैसला: खड़गे

जानिए क्या कहा कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नई दिल्ली में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पर्यवेक्षक कर्नाटक में पार्टी विधायकों की राय से आलाकमान को अवगत करायेंगे और इसके बाद मुख्यमंत्री के चयन को लेकर फैसला किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए सब कुछ ठीक-ठाक रहा है और जल्द ही सरकार बनेगी. कर्नाटक से दोपहर में यहां लौटे खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता राज्य के लोगों की सेवा करना है. उन्होंने कहा कि पार्टी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, चाहे किसी ने भी पार्टी को वोट दिया हो या नहीं दिया हो.

खड़गे ने यहां पहुंचने के बाद हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा, 'हमारे पर्यवेक्षक बेंगलुरू गए हैं, वे शाम को पहुंचेंगे। इसके बाद सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) की बैठक होगी, जिसके बाद जो भी राय बनेगी, उसके बारे में आलाकमान को अवगत कराया जाएगा. इसके बाद आलाकमान अपना निर्णय लेगा.'

ये भी पढ़ें - कांग्रेस के लिए भाग्यशाली अध्यक्ष साबित हुए खड़गे, हिमाचल के बाद कर्नाटक में दिलाई जीत

(इनपुट-भाषा)

बेंगलुरु : कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं-सिद्धारमैया और डी. के. शिवकुमार के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की दौड़ तेज होने के बीच नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत किया. कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा कि खड़गे द्वारा नियुक्त तीन केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों की राय लेंगे, जिसे पार्टी अध्यक्ष को बता दिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'सभी विधायकों की राय लेने की यह प्रक्रिया आज ही पूरी हो जाएगी.' सूत्रों ने कहा कि पर्यवेक्षक सोमवार तक अपनी रिपोर्ट खड़गे को सौंप देंगे.

कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की रविवार शाम यहां एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पहला प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने पेश कर कर्नाटक के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं तथा लोगों को धन्यवाद कहा, जबकि एक लाइन का दूसरा प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा पेश किया गया.

बैठक के बाद सुरजेवाला ने कहा, 'विधायक आज रात के खाने के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों से मिलेंगे और उनके फैसले से पार्टी अध्यक्ष को अवगत करा दिया जाएगा, ताकि नए विधायक दल के नेता की नियुक्ति का फैसला लिया जा सके.' बैठक स्थल के बाहर सिद्धारमैया और शिवकुमार के समर्थकों ने नारेबाजी की तथा बैनर लहराए. इससे पहले दोनों नेताओं ने अपने वफादार विधायकों के साथ बैठकें कीं. दोनों पक्षों के बीच अपने नेता को अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने के साथ एक पोस्टर युद्ध भी शुरू हो गया.

खड़गे ने सीएलपी नेता के चुनाव के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह और पार्टी के पूर्व महासचिव दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले वेणुगोपाल के साथ कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने सिद्धरमैया और शिवकुमार के साथ चर्चा की.

सिद्धारमैया (75) और शिवकुमार (60) दोनों ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को छुपाया नहीं है. कांग्रेस चुनाव से पहले एकजुटता बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे मुख्यमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ उस एकता को बनाए रखने के लिए कठिन स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. कर्नाटक में पिछली विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को समाप्त होने से पहले नवनिर्वाचित विधानसभा का गठन किया जाना है. शिवकुमार को कांग्रेस पार्टी के लिए 'संकटमोचक' माना जाता है, वहीं निवर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया राज्य भर में लोकप्रिय हैं.

अगर सिद्धारमैया सीएलपी नेता के रूप में चुने जाते हैं तो 2013-18 के बीच पांच साल तक इस पद पर रहने के बाद पार्टी के मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा. शिवकुमार ने सिद्धरमैया के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य किया था. नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक से पहले शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने सभी को साथ लेकर पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की और अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगा.

शिवकुमार ने कहा कि जब 2019 के उपचुनाव में पार्टी की शिकस्त के बाद सिद्धारमैया और दिनेश गुंडु राव ने क्रमश: कांग्रेस विधायक दल के नेता तथा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, तो कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन पर विश्वास जताया था तथा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. शिवकुमार ने यह भी कहा कि जब वह धनशोधन के एक मामले में जेल में बंद थे, तो सोनिया गांधी अपना समर्थन जताने के लिए उनसे मिलने आयी थीं. सिद्धारमैया के साथ किसी तरह के मतभेद से इनकार करते हुए शिवकुमार ने कहा, 'हर कोई कह रहा है कि मेरे और सिद्धारमैया के बीच मतभेद हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि रत्ती भर भी मतभेद नहीं है. मैंने किसी को मौका ही नहीं दिया। मैंने अपने आप को जमीन से जुड़ा हुआ रखा तथा अपने रास्ते पर चलता गया.'

कनकपुरा से विधानसभा चुनाव जीतने वाले शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने सभी को साथ लेकर चलते हुए दिन-रात मेहनत की है. कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय के प्रमुख मठ आदि चुंचनगिरी मठ के प्रमुख पुजारी निर्मलानंद नाथ स्वामीजी ने कांग्रेस नेतृत्व से प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाने की अपील की. वोक्कालिगा संघ ने समुदाय के संतों की एक बैठक आयोजित की, जहां कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से वोक्कालिगा समुदाय के शिवकुमार को राज्य का अगला मुख्यमंत्री नियुक्त करने का अनुरोध करने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया.

निर्मलानंद नाथ स्वामीजी ने कहा, 'यह कार्यक्रम सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और सिद्धारमैया से लेकर सभी वरिष्ठों से अनुरोध करने के लिए आयोजित किया गया है कि वे शिवकुमार को शासन चलाने और समाज की सेवा करने का अवसर दें.' सिद्धारमैया और शिवकुमार के आवास के सामने समर्थकों द्वारा बैनर लगाए गए हैं, जिनमें कांग्रेस की जीत के लिए उन्हें बधाई दी गई है और उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया गया है. शिवकुमार खुले तौर पर विभिन्न आयोजनों में खासकर वोक्कालिगा से जुड़े कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री बनने की अपनी आकांक्षाओं को व्यक्त करते रहे हैं.

दूसरी तरफ, बेहद अनुभवी सिद्धारमैया अपने सक्षम प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते हैं. उन्हें राज्य के लिए 13 बजट पेश करने का गौरव भी प्राप्त है. जमीनी नेता के तौर पर अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों और दलितों के बीच उनका काफी दबदबा है. सिद्धारमैया ने घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी चुनाव है. राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट जीतीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 66 और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने 19 सीट जीती हैं.

विधायक दल की बैठक में लिए गए संकल्प - कांग्रेस पार्टी प्रदेश की जनता को दी गई पांच गारंटी योजनाओं को लागू करेगी. कर्नाटक के लोगों को जिम्मेदार, पारदर्शी और कुशल शासन प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत और एकता का दृढ़ संकल्प. राज्य के 6.5 करोड़ कन्नडिगों की सुरक्षा और सेवा प्राथमिकता होगी. सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता ही सरकार की नीतियों का मूल उद्देश्य होगा. इसके अलावा जनकल्याण के लिए निकट भविष्य में सरकार द्वारा बनाई गई प्रत्येक नीति राज्य के प्रत्येक व्यक्ति और परिवार के जीवन को बेहतर बनाने के लिए संकल्पित होगी. साथ ही पहला कर्तव्य कर्नाटक की संस्कृति, भाषा और महान विरासत की रक्षा करना है और मुख्य उद्देश्य कर्नाटक शांति को फिर से स्थापित करना और राज्य को प्रगति और सद्भाव में शीर्ष बनाना है.

कर्नाटक के विधायकों की राय लेंगे पर्यवेक्षक, मुख्यमंत्री के चयन पर आलाकमान करेगा फैसला: खड़गे

जानिए क्या कहा कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नई दिल्ली में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पर्यवेक्षक कर्नाटक में पार्टी विधायकों की राय से आलाकमान को अवगत करायेंगे और इसके बाद मुख्यमंत्री के चयन को लेकर फैसला किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए सब कुछ ठीक-ठाक रहा है और जल्द ही सरकार बनेगी. कर्नाटक से दोपहर में यहां लौटे खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता राज्य के लोगों की सेवा करना है. उन्होंने कहा कि पार्टी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, चाहे किसी ने भी पार्टी को वोट दिया हो या नहीं दिया हो.

खड़गे ने यहां पहुंचने के बाद हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा, 'हमारे पर्यवेक्षक बेंगलुरू गए हैं, वे शाम को पहुंचेंगे। इसके बाद सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) की बैठक होगी, जिसके बाद जो भी राय बनेगी, उसके बारे में आलाकमान को अवगत कराया जाएगा. इसके बाद आलाकमान अपना निर्णय लेगा.'

ये भी पढ़ें - कांग्रेस के लिए भाग्यशाली अध्यक्ष साबित हुए खड़गे, हिमाचल के बाद कर्नाटक में दिलाई जीत

(इनपुट-भाषा)

Last Updated : May 15, 2023, 2:38 PM IST
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