नई दिल्ली: प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) 10 अक्टूबर को सोलन से हिमाचल प्रदेश चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगी. हिमाचल प्रदेश के प्रचार प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने बताया, 'वह बेरोजगारी, महंगाई और सरकारी भर्ती में भ्रष्टाचार जैसे तीन मुख्य मुद्दे उठाएंगी.' उन्होंने कहा, 'कांग्रेस मतदाताओं से बदलाव लाने और राज्य को विकास के रास्ते पर वापस लाने का आग्रह कर रही है.' हालांकि राज्य के नेता राज्य भर में प्रचार कर रहे हैं, लेकिन प्रियंका की सोलन रैली चुनाव से पहले मतदाताओं में ऊर्जा भरने के लिए गांधी परिवार के किसी सदस्य की पहली यात्रा होगी.
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं और उन्हें पहाड़ी राज्य के लिए समय नहीं मिल रहा है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पहाड़ी राज्य के लिए एआईसीसी पर्यवेक्षक भूपेश बघेल के भी प्रियंका की रैली में शामिल होने की उम्मीद है. अभियान की निगरानी कर रहे बघेल ने पिछले हफ्तों में राज्य के कई दौरे किए हैं. सूत्रों ने बताया कि इससे पहले प्रियंका 29 सितंबर को हमीरपुर में एक रैली को संबोधित करने वाली थीं, लेकिन कुछ जरूरी कामों के कारण वह वहां नहीं पहुंच सकीं.
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह (Himachal Congress chief Pratibha Singh) को भरोसा है कि वह अपने दिवंगत पति और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विरासत के जरिए भाजपा से सत्ता छीनने में कामयाब होंगी. सिंह ने 'ईटीवी भारत' से कहा, 'लोग पिछली कांग्रेस सरकारों के दौरान हुए विकास को याद करते हैं. वे जानते हैं कि पिछले पांच वर्षों में कुछ भी नहीं हुआ है. वे बदलाव के लिए वोट करेंगे.'
भाजपा का दामन थाम रहे नेता : रैली के दौरान उम्मीद है कि प्रियंका टीम की एकता को मजबूत करने पर जोर देंगी. इसकी वजह ये है कि हिमाचल कांग्रेस के नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं. हाल ही में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन भाजपा में शामिल हो गए, जिनका चंबा क्षेत्र में प्रभाव है. उनसे पहले, लखविंदर राणा, पवन काजल और रामलाल ठाकुर भगवा पार्टी में शामिल हो गए थे. यह दर्शाता है कि हिमाचल कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है.
कांग्रेस भी भाजपा नेताओं को अपने साथ ले रही है. हाल ही में राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख खिमी राम को भी उसने शामिल किया है. कुछ महीने पहले, AICC प्रभारी राजीव शुक्ला ने भाजपा को हराने के लिए राज्य इकाई प्रमुख प्रतिभा सिंह, CLP नेता मुकेश अग्निहोत्री और अभियान प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू की टीम को त्रिमूर्ति के रूप में प्रस्तुत किया था. उन्होंने संकेत दिया था कि कांग्रेस राज्य में सामूहिक नेतृत्व पर जोर दे रही है. हालांकि तब से कांग्रेस छोड़ चुके कई वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि राज्य इकाई में नेतृत्व की कमी है.
सुक्खू ने कहा, 'वे अपने स्वार्थ साध रहे थे और पार्टी को दोष दे रहे थे.' उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पुरानी पार्टी अगली सरकार बनाएगी. पहले की तरह, उन्होंने आप की मौजूदगी से इनकार किया, जो पहाड़ी राज्य में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा भी पूरी तरह से पीएम मोदी की छवि पर निर्भर है, जो 5 अक्टूबर को कुल्लू में रैली करेंगे. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, 'जब हम सत्ता में आएंगे तो किसी भी भ्रष्ट नेता या नौकरशाह को बख्शा नहीं जाएगा.'
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