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राज्यसभा चुनाव: क्रॉस वोटिंग करने वाले कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस ने सभी पदों से हटाया

कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा में अपने विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के लिए 'क्रॉस वोटिंग' की थी.

कुलदीप बिश्नोई
कुलदीप बिश्नोई
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Published : Jun 11, 2022, 1:37 PM IST

Updated : Jun 11, 2022, 6:50 PM IST

चंडीगढ़ : कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा में अपने विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के लिए 'क्रॉस वोटिंग' की थी. कार्तिकेय शर्मा को बीजेपी और उसके सहयोगी दल जेजेपी का समर्थन हासिल था. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कुलदीप बिश्नोई पर गाज गिरना (Congress can take action against Kuldeep Bishnoi ) पहले से ही तय माना जा रहा था. हरियाणा कांग्रेस की तरफ से कुलदीप बिश्नोई को सभी पदों से निलंबित करने की मांग उठने लगी थी. गौरतलब है कि कुलदीप बिश्नोई CWC के भी सदस्य थे.

  • Congress expels party MLA Kuldeep Bishnoi from all his present party positions, with immediate effect.

    Bishnoi had earlier cross-voted in Rajya Sabha polls in Haryana. pic.twitter.com/tjPdWyXAEi

    — ANI (@ANI) June 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्यों गिरी बिश्नोई पर गाज- दरअसल कहा जा रहा है कि शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनावों की वोटिंग के दौरान कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने क्रॉस वोटिंग की और कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की बजाय निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को वोट (kartikeya Sharma beats Ajay Maken) दिया. जब नतीजे आए तो दोनों के बीच हार-जीत का अंतर सिर्फ एक वोट का था. अगर कुलदीप बिश्नोई का वोट अजय माकन को मिलता तो माकन की जीत पक्की (Ajay Maken lost Rajya Sabha Election) थी. नतीजों के बाद कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi Tweet) ने एक ट्वीट भी किया है.

  • “फन कुचलने का हुनर आता है मुझे,
    सांप के ख़ौफ़ से जंगल नही छोड़ा करते।” सुप्रभात 🙏💪🏼

    — Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) June 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ट्वीट में क्या है- कुलदीप बिश्नोई ने जो ट्वीट किया है उसमें लिखा है. “फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के ख़ौफ़ से जंगल नही छोड़ा करते।” सुप्रभात. इसके साथ बिश्नोई ने हाथ जोड़ते और ताकत दिखाने वाली इमोजी भी लगाई है. नतीजों के बाद इस ट्वीट से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये ट्वीट राज्यसभा चुनाव के नतीजों को लेकर किया (Kuldeep bishnoi tweet) गया है और नतीजा वैसा ही रहा है जैसा कुलदीप बिश्नोई चाहते थे.
बिश्नोई ने कहा था अंतर आत्मा की आवाज सुनकर करूंगा वोट- राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) में वोटिंग को लेकर बिश्नोई ने साफ कह दिया था कि वो किसी के कहने पर वोट नहीं देंगे बल्कि अपनी अंतर आत्मा की आवाज सुनकर मतदान (Kuldeep Bishnoi on Rajya Sabha Election) करेंगे. बिश्नोई राज्यसभा चुनाव को लेकर हुई कांग्रेस की बैठकों में भी नहीं शामिल हुए और ना ही रायपुर गए, जहां कांग्रेस के सभी विधायकों को एक हफ्ते तक रखा गया था. इससे पहले गुरुग्राम में बिश्नोई और सीएम मनोहर लाल की मुलाकात की एक तस्वीर भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी थी. खासकर राज्यसभा चुनाव से ऐन पहले इस मुलाकात के कई मायने भी निकाले गए. राज्यसभा चुनाव में उनके एक वोट की वजह से अजय माकन राज्यसभा नहीं पहुंच सके. ऐसे में पार्टी की कुलदीप बिश्नोई पर एक्शन की मांग (action against Kuldeep Bishnoi) उठ रही है.

अध्यक्ष बनने का अरमान था लेकिन...- बीते दिनों हरियाणा कांग्रेस में हुए बदलाव से पहले कुलदीप बिश्नोई प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल थे. उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था लेकिन आलाकमान ने पूर्व विधायक उदय भान को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी और श्रुति चौधरी, राम किशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज और सुरेश गुप्ता के रूप में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए. कुलदीप बिश्नोई के अरमान धरे के धरे रह गए और सियासी जानकार इसकी वजह हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की लॉबिंग को मानते हैं. हुड्डा और बिश्नोई भले एक पार्टी में हों लेकिन वो एक-दूसरे के कितने साथ रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है.

कांग्रेस से नाराज हैं बिश्नोई- ये बात तय है कि प्रदेश अध्यक्ष ना बनाए जाने से बिश्नोई पार्टी आलाकमान से नाराज हैं. बिश्नोई ने प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कई बार दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई और आला नेताओं से मुलाकात की लेकिन तवज्जो हुड्डा गुट को दी गई. जिसके बाद बिश्नोई ने कहा था कि वो इसपर राहुल गांधी से जवाब मांगेगे. लेकिन अब तक ना मुलाकात हुई है और ना बात हुई है. पार्टी आलाकमान से इस नाराजगी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बिश्नोई कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.

पहले भी छोड़ चुके हैं कांग्रेस- कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भजन लाल के बेटे हैं. अगर बिश्नोई कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ते हैं तो ऐसा पहली बार नहीं होगा. इससे पहले भी साल 2006 बिश्नोई कांग्रेस छोड़ हरियाणा जनहित कांग्रेस बना चुके हैं. इस दौरान उनकी पार्टी का हरियाणा में बीजेपी के साथ गठबंधन भी रहा और फिर साल 2016 में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया था. कुलदीप बिश्नोई मौजूदा वक्त में हरियाणा के सिरसा जिले की आदमपुर सीट से विधायक हैं. वो हिसार लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं लेकिन 2014 में इनेलो के दुष्यंत चौटाला से उन्हें हार मिली थी.

ये भी पढ़ें: Kartikeya Sharma : कांग्रेस के दिग्गज को पटखनी देने वाला राजनीति का नौसिखिया

चंडीगढ़ : कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा में अपने विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के लिए 'क्रॉस वोटिंग' की थी. कार्तिकेय शर्मा को बीजेपी और उसके सहयोगी दल जेजेपी का समर्थन हासिल था. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कुलदीप बिश्नोई पर गाज गिरना (Congress can take action against Kuldeep Bishnoi ) पहले से ही तय माना जा रहा था. हरियाणा कांग्रेस की तरफ से कुलदीप बिश्नोई को सभी पदों से निलंबित करने की मांग उठने लगी थी. गौरतलब है कि कुलदीप बिश्नोई CWC के भी सदस्य थे.

  • Congress expels party MLA Kuldeep Bishnoi from all his present party positions, with immediate effect.

    Bishnoi had earlier cross-voted in Rajya Sabha polls in Haryana. pic.twitter.com/tjPdWyXAEi

    — ANI (@ANI) June 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्यों गिरी बिश्नोई पर गाज- दरअसल कहा जा रहा है कि शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनावों की वोटिंग के दौरान कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने क्रॉस वोटिंग की और कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की बजाय निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को वोट (kartikeya Sharma beats Ajay Maken) दिया. जब नतीजे आए तो दोनों के बीच हार-जीत का अंतर सिर्फ एक वोट का था. अगर कुलदीप बिश्नोई का वोट अजय माकन को मिलता तो माकन की जीत पक्की (Ajay Maken lost Rajya Sabha Election) थी. नतीजों के बाद कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi Tweet) ने एक ट्वीट भी किया है.

  • “फन कुचलने का हुनर आता है मुझे,
    सांप के ख़ौफ़ से जंगल नही छोड़ा करते।” सुप्रभात 🙏💪🏼

    — Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) June 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ट्वीट में क्या है- कुलदीप बिश्नोई ने जो ट्वीट किया है उसमें लिखा है. “फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के ख़ौफ़ से जंगल नही छोड़ा करते।” सुप्रभात. इसके साथ बिश्नोई ने हाथ जोड़ते और ताकत दिखाने वाली इमोजी भी लगाई है. नतीजों के बाद इस ट्वीट से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये ट्वीट राज्यसभा चुनाव के नतीजों को लेकर किया (Kuldeep bishnoi tweet) गया है और नतीजा वैसा ही रहा है जैसा कुलदीप बिश्नोई चाहते थे.
बिश्नोई ने कहा था अंतर आत्मा की आवाज सुनकर करूंगा वोट- राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) में वोटिंग को लेकर बिश्नोई ने साफ कह दिया था कि वो किसी के कहने पर वोट नहीं देंगे बल्कि अपनी अंतर आत्मा की आवाज सुनकर मतदान (Kuldeep Bishnoi on Rajya Sabha Election) करेंगे. बिश्नोई राज्यसभा चुनाव को लेकर हुई कांग्रेस की बैठकों में भी नहीं शामिल हुए और ना ही रायपुर गए, जहां कांग्रेस के सभी विधायकों को एक हफ्ते तक रखा गया था. इससे पहले गुरुग्राम में बिश्नोई और सीएम मनोहर लाल की मुलाकात की एक तस्वीर भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी थी. खासकर राज्यसभा चुनाव से ऐन पहले इस मुलाकात के कई मायने भी निकाले गए. राज्यसभा चुनाव में उनके एक वोट की वजह से अजय माकन राज्यसभा नहीं पहुंच सके. ऐसे में पार्टी की कुलदीप बिश्नोई पर एक्शन की मांग (action against Kuldeep Bishnoi) उठ रही है.

अध्यक्ष बनने का अरमान था लेकिन...- बीते दिनों हरियाणा कांग्रेस में हुए बदलाव से पहले कुलदीप बिश्नोई प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल थे. उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था लेकिन आलाकमान ने पूर्व विधायक उदय भान को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी और श्रुति चौधरी, राम किशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज और सुरेश गुप्ता के रूप में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए. कुलदीप बिश्नोई के अरमान धरे के धरे रह गए और सियासी जानकार इसकी वजह हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की लॉबिंग को मानते हैं. हुड्डा और बिश्नोई भले एक पार्टी में हों लेकिन वो एक-दूसरे के कितने साथ रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है.

कांग्रेस से नाराज हैं बिश्नोई- ये बात तय है कि प्रदेश अध्यक्ष ना बनाए जाने से बिश्नोई पार्टी आलाकमान से नाराज हैं. बिश्नोई ने प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कई बार दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई और आला नेताओं से मुलाकात की लेकिन तवज्जो हुड्डा गुट को दी गई. जिसके बाद बिश्नोई ने कहा था कि वो इसपर राहुल गांधी से जवाब मांगेगे. लेकिन अब तक ना मुलाकात हुई है और ना बात हुई है. पार्टी आलाकमान से इस नाराजगी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बिश्नोई कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.

पहले भी छोड़ चुके हैं कांग्रेस- कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भजन लाल के बेटे हैं. अगर बिश्नोई कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ते हैं तो ऐसा पहली बार नहीं होगा. इससे पहले भी साल 2006 बिश्नोई कांग्रेस छोड़ हरियाणा जनहित कांग्रेस बना चुके हैं. इस दौरान उनकी पार्टी का हरियाणा में बीजेपी के साथ गठबंधन भी रहा और फिर साल 2016 में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया था. कुलदीप बिश्नोई मौजूदा वक्त में हरियाणा के सिरसा जिले की आदमपुर सीट से विधायक हैं. वो हिसार लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं लेकिन 2014 में इनेलो के दुष्यंत चौटाला से उन्हें हार मिली थी.

ये भी पढ़ें: Kartikeya Sharma : कांग्रेस के दिग्गज को पटखनी देने वाला राजनीति का नौसिखिया

Last Updated : Jun 11, 2022, 6:50 PM IST
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