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चीनी चालबाजी : लद्दाख के पास लड़ाकू विमान अड्डा विकसित कर रहा 'ड्रैगन'

भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के समीप चीन पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के शकचे में लड़ाकू विमान (Shakche fighter airbase) संचालन के लिए एक एयरबेस (airbase for fighter aircraft operations) विकसित कर रहा है.

चीन लद्दाख
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Published : Jul 19, 2021, 6:30 PM IST

नई दिल्ली : भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के समीप चीन पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के शकचे में लड़ाकू विमान (Shakche fighter airbase) संचालन के लिए एक एयरबेस विकसित कर रहा है. इस बारे में सरकारी सूत्रों ने बताया कि नया बेस बन जाने से चीनी लड़ाकू विमानों के भारतीय सीमाओं पर संचालन में सुविधा होगी.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक शकचे शहर में पहले से ही एक एयरबेस (Shakche airbase China) है और इसे लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए अपग्रेड किया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि निकट भविष्य में यह बेस लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए तैयार हो जाएगा और इस पर काम तेज कर दिया गया है.

लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए एलएसी के करीब चीन में मौजूदा हवाई अड्डों के बीच की दूरी लगभग 400 किलोमीटर थी, लेकिन इस एयरबेस से सहूलियत हो जाएगी. भारतीय एजेंसियां ​​चीन के साथ बाराहोती में उत्तराखंड सीमा के पास एक हवाई क्षेत्र पर भी कड़ी नजर रख रही हैं, जहां चीनियों ने बड़ी संख्या में मानव रहित हवाई वाहन लाए हैं, जो उस क्षेत्र में लगातार उड़ान भर रहे हैं. हाल ही में, चीनी वायु सेना ने भारतीय क्षेत्रों के पास गर्मियों में एक अभ्यास किया था और इस दौरान मुख्य रूप से होगन, काशगर और गार गुनसा हवाई क्षेत्रों से उड़ानें भरी गईं थीं.

ये भी पढ़ें - चीन की चालबाजी, सिक्किम-पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास बना रहा स्थाई कैंप

चीनी ने रूस से आयातित अपने S-400 वायु रक्षा प्रणालियों की तैनाती के साथ क्षेत्र में अपनी वायु रक्षा को और मजबूत किया है, जबकि भारत ने चीनी लड़ाकू विमान बेड़े की देखभाल के लिए बड़ी संख्या में सिस्टम तैनात किए हैं. भारतीय पक्ष ने लेह और अन्य अग्रिम हवाई अड्डों पर कई लड़ाकू विमान भी तैनात किए हैं जो लद्दाख में अपने ठिकानों से चीन और पाकिस्तान दोनों का एक साथ मुकाबला कर सकते हैं. इसके अलावा अंबाला और हाशिमारा एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती और उनके संचालन ने भी चीन के खिलाफ भारत की तैयारी को बढ़ावा दिया है.

(एएनआई)

नई दिल्ली : भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के समीप चीन पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के शकचे में लड़ाकू विमान (Shakche fighter airbase) संचालन के लिए एक एयरबेस विकसित कर रहा है. इस बारे में सरकारी सूत्रों ने बताया कि नया बेस बन जाने से चीनी लड़ाकू विमानों के भारतीय सीमाओं पर संचालन में सुविधा होगी.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक शकचे शहर में पहले से ही एक एयरबेस (Shakche airbase China) है और इसे लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए अपग्रेड किया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि निकट भविष्य में यह बेस लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए तैयार हो जाएगा और इस पर काम तेज कर दिया गया है.

लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए एलएसी के करीब चीन में मौजूदा हवाई अड्डों के बीच की दूरी लगभग 400 किलोमीटर थी, लेकिन इस एयरबेस से सहूलियत हो जाएगी. भारतीय एजेंसियां ​​चीन के साथ बाराहोती में उत्तराखंड सीमा के पास एक हवाई क्षेत्र पर भी कड़ी नजर रख रही हैं, जहां चीनियों ने बड़ी संख्या में मानव रहित हवाई वाहन लाए हैं, जो उस क्षेत्र में लगातार उड़ान भर रहे हैं. हाल ही में, चीनी वायु सेना ने भारतीय क्षेत्रों के पास गर्मियों में एक अभ्यास किया था और इस दौरान मुख्य रूप से होगन, काशगर और गार गुनसा हवाई क्षेत्रों से उड़ानें भरी गईं थीं.

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चीनी ने रूस से आयातित अपने S-400 वायु रक्षा प्रणालियों की तैनाती के साथ क्षेत्र में अपनी वायु रक्षा को और मजबूत किया है, जबकि भारत ने चीनी लड़ाकू विमान बेड़े की देखभाल के लिए बड़ी संख्या में सिस्टम तैनात किए हैं. भारतीय पक्ष ने लेह और अन्य अग्रिम हवाई अड्डों पर कई लड़ाकू विमान भी तैनात किए हैं जो लद्दाख में अपने ठिकानों से चीन और पाकिस्तान दोनों का एक साथ मुकाबला कर सकते हैं. इसके अलावा अंबाला और हाशिमारा एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती और उनके संचालन ने भी चीन के खिलाफ भारत की तैयारी को बढ़ावा दिया है.

(एएनआई)

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