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सीबीएसई के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को दी जाएगी स्किल ट्रेनिंग

सीबीएसई के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सामान्य शिक्षा के अलावा स्किल से जुड़े पाठ्यक्रम भी ऑफर किए जाएंगे. देश भर के सीबीएसई स्कूलों के लिए यह एक नई शुरुआत है. 50 प्रतिशत छात्रों के लिए स्कूलों के भीतर ही स्किल ट्रेनिंग की शुरुआत की जा रही है. स्कूली छात्रों के बीच रोजगार कौशल को बढ़ावा देने के लिए सीबीएसई और स्किल काउंसिल ने एक समझौता किया है.

CBSE photo taken from social media
सीबीएसई
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Published : Dec 23, 2021, 7:27 PM IST

नई दिल्ली : सीबीएसई के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सामान्य शिक्षा के अलावा स्किल से जुड़े पाठ्यक्रम भी ऑफर किए जाएंगे. सीबीएसई का कहना है कि उनके स्कूलों के लिए कम से कम 50 फीसदी छात्रों हेतु इस प्रकार के स्किल पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं. देश भर के सीबीएसई स्कूलों के लिए यह एक नई शुरुआत है. दरअसल यह पहली बार है जब 50 प्रतिशत छात्रों के लिए स्कूलों के भीतर ही स्किल ट्रेनिंग की शुरुआत की जा रही है. स्किल एजुकेशन पर सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने कहा, हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार स्कूली छात्रों को कम से कम 50 प्रतिशत कौशल शिक्षा का अनुभव होना चाहिए.

नई शिक्षा नीति के इस प्रावधान को लागू करने और स्कूली छात्रों के बीच रोजगार कौशल को बढ़ावा देने के लिए सीबीएसई और स्किल काउंसिल ने एक समझौता किया है. सीबीएसई ने योग और ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए ब्यूटी एंड वेलनेस के क्षेत्र में छात्रों को कुशल बनाने जॉब रोल्स के लिए एमओयू भी साइन किया है.

सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने कहा, इस सहयोग में आगे चलकर स्कूल इकोसिस्टम में 'कौशल शिक्षकों का प्रशिक्षण' भी शामिल होगा. ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल के समर्थन से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सीबीएसई स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हों. सीबीएसई के अध्यक्ष ने कहा कि मुझे बेहद गर्व है कि सीबीएसई ने 11 वीं और 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कौशल के रूप में योग जैसे विषय को भी लॉन्च किया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, छात्रों के लिए शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मानसिक कल्याण सहित समग्र शिक्षा की बात करती है. योग समग्र विकास का एक अभिन्न अंग है. स्कूली छात्रों के लिए योग को एक कौशल विषय के रूप में संस्थागत बनाने का यह प्रयास न सिर्फ उन्हें रोजगार योग्य बनाएगा, बल्कि उनके अपने समग्र विकास में भी सहयोग देगा.

मोनिका बहल, सीईओ- बी एंड डब्ल्यूएसएससी के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी-2020) के तहत, नौवीं से बारहवीं कक्षा के सीबीएसई छात्रों के लिए सौंदर्य और योग एनएसक्यूएफ अनुपालन कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. बी एंड डब्ल्यूएसएससी इन विषयों में सीबीएसई स्कूल के शिक्षकों के लिए ट्रेन द ट्रेनर कार्यक्रम भी आयोजित करेगा, ताकि उनके छात्रों के उद्योग के लिए आवश्यक कौशल आधारित प्रशिक्षण को संरेखित किया जा सके. छात्र कक्षा 9 और 10 के लिए स्तर 3 पाठ्यक्रम और कक्षा 11 और 12 के लिए स्तर 4 पाठ्यक्रम चुन सकते हैं. ये कौशल आधारित पाठ्यक्रम छात्रों को उनकी स्कूली शिक्षा पूरी होने पर नौकरी, व्यवसाय के लिए तैयार करेंगे और बी एंड डब्ल्यूएसएससी इसमें उनकी सहायता करेंगे.

ये वोकेशनल कोर्स दो साल की अवधि के लिए चलेंगे और स्कूलों में केवल छात्रों को उनकी चुनी हुई स्ट्रीम में कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित किए जाएंगे. स्कूलों में कौशल-आधारित शिक्षा की शुरूआत से छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अपने चुने हुए कौशल विषय में अच्छी तरह से परिभाषित करियर पथ पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी ऊर्जा का उपयोग करने में मदद मिलेगी और उन्हें भारत की अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने और सम्मानजनक आजीविका अर्जित करने में भी मदद मिलेगी.

स्कूलों में कौशल शिक्षा की शुरुआत, छात्रों को परिभाषित करियर पथ की ओर केंद्रित करने में मदद देगा और उन्हें भारत की गिग अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने और सम्मानजनक आजीविका कमाने में भी मदद देगा.

ये भी पढ़ें : CBSE का नया नियम, विदेशी छात्रों को स्कूलों में दाखिले के लिए पूर्वानुमति जरूरी नहीं

नई दिल्ली : सीबीएसई के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सामान्य शिक्षा के अलावा स्किल से जुड़े पाठ्यक्रम भी ऑफर किए जाएंगे. सीबीएसई का कहना है कि उनके स्कूलों के लिए कम से कम 50 फीसदी छात्रों हेतु इस प्रकार के स्किल पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं. देश भर के सीबीएसई स्कूलों के लिए यह एक नई शुरुआत है. दरअसल यह पहली बार है जब 50 प्रतिशत छात्रों के लिए स्कूलों के भीतर ही स्किल ट्रेनिंग की शुरुआत की जा रही है. स्किल एजुकेशन पर सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने कहा, हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार स्कूली छात्रों को कम से कम 50 प्रतिशत कौशल शिक्षा का अनुभव होना चाहिए.

नई शिक्षा नीति के इस प्रावधान को लागू करने और स्कूली छात्रों के बीच रोजगार कौशल को बढ़ावा देने के लिए सीबीएसई और स्किल काउंसिल ने एक समझौता किया है. सीबीएसई ने योग और ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए ब्यूटी एंड वेलनेस के क्षेत्र में छात्रों को कुशल बनाने जॉब रोल्स के लिए एमओयू भी साइन किया है.

सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने कहा, इस सहयोग में आगे चलकर स्कूल इकोसिस्टम में 'कौशल शिक्षकों का प्रशिक्षण' भी शामिल होगा. ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल के समर्थन से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सीबीएसई स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हों. सीबीएसई के अध्यक्ष ने कहा कि मुझे बेहद गर्व है कि सीबीएसई ने 11 वीं और 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कौशल के रूप में योग जैसे विषय को भी लॉन्च किया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, छात्रों के लिए शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मानसिक कल्याण सहित समग्र शिक्षा की बात करती है. योग समग्र विकास का एक अभिन्न अंग है. स्कूली छात्रों के लिए योग को एक कौशल विषय के रूप में संस्थागत बनाने का यह प्रयास न सिर्फ उन्हें रोजगार योग्य बनाएगा, बल्कि उनके अपने समग्र विकास में भी सहयोग देगा.

मोनिका बहल, सीईओ- बी एंड डब्ल्यूएसएससी के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी-2020) के तहत, नौवीं से बारहवीं कक्षा के सीबीएसई छात्रों के लिए सौंदर्य और योग एनएसक्यूएफ अनुपालन कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. बी एंड डब्ल्यूएसएससी इन विषयों में सीबीएसई स्कूल के शिक्षकों के लिए ट्रेन द ट्रेनर कार्यक्रम भी आयोजित करेगा, ताकि उनके छात्रों के उद्योग के लिए आवश्यक कौशल आधारित प्रशिक्षण को संरेखित किया जा सके. छात्र कक्षा 9 और 10 के लिए स्तर 3 पाठ्यक्रम और कक्षा 11 और 12 के लिए स्तर 4 पाठ्यक्रम चुन सकते हैं. ये कौशल आधारित पाठ्यक्रम छात्रों को उनकी स्कूली शिक्षा पूरी होने पर नौकरी, व्यवसाय के लिए तैयार करेंगे और बी एंड डब्ल्यूएसएससी इसमें उनकी सहायता करेंगे.

ये वोकेशनल कोर्स दो साल की अवधि के लिए चलेंगे और स्कूलों में केवल छात्रों को उनकी चुनी हुई स्ट्रीम में कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित किए जाएंगे. स्कूलों में कौशल-आधारित शिक्षा की शुरूआत से छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अपने चुने हुए कौशल विषय में अच्छी तरह से परिभाषित करियर पथ पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी ऊर्जा का उपयोग करने में मदद मिलेगी और उन्हें भारत की अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने और सम्मानजनक आजीविका अर्जित करने में भी मदद मिलेगी.

स्कूलों में कौशल शिक्षा की शुरुआत, छात्रों को परिभाषित करियर पथ की ओर केंद्रित करने में मदद देगा और उन्हें भारत की गिग अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने और सम्मानजनक आजीविका कमाने में भी मदद देगा.

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