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कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूल भर्ती अनियमितताओं में सीबीआई जांच का आदेश निरस्त किया

कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा सहायता प्राप्त/प्रायोजित स्कूलों में समूह 'डी' कर्मचारियों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच के एकल पीठ का निर्देश सोमवार को रद्द कर दिया है.

कलकत्ता हाई कोर्ट
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Published : Dec 6, 2021, 3:55 PM IST

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा सहायता प्राप्त/प्रायोजित स्कूलों में समूह 'डी' कर्मचारियों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच के एकल पीठ का निर्देश सोमवार को रद्द कर दिया.

न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति रवींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ ने तीन-सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया, जिसकी निगरानी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे. खंडपीठ ने जांच दल को दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

खंडपीठ ने निर्देश दिया कि जांच दल में पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग और डब्ल्यूबीबीएसई एक-एक सदस्य और उच्च न्यायालय के एक वकील शामिल होगा, जिसकी निगरानी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर के बाग करेंगे.

खंडपीठ ने नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं की सीबीआई द्वारा जांच करने के एकल पीठ के आदेश पर गत 24 नवंबर को तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी.

न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने 22 नवंबर को सीबीआई को राज्य के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की कथित सिफारिशों पर डब्ल्यूबीबीएसई के तहत सहायता प्राप्त/प्रायोजित स्कूलों में ग्रुप डी स्टाफ की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं की जांच करने और यह पता लगाने का आदेश दिया था कि क्या इस मामले में पैसे के लेनदेन का कोई सुराग है.

पढ़ें - कोलकाता की एक कंपनी पर आयकर का छापा, सौ करोड़ के बेहिसाब धन का पर्दाफाश

अदालत ने सीबीआई निदेशक को जांच शुरू करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था, जिसकी कमान संयुक्त निदेशक पद से नीचे के अधिकारी के हाथ में न हो, तथा जिसमें डीआईजी के पद से नीचे के जांच अधिकारी न हों.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा सहायता प्राप्त/प्रायोजित स्कूलों में समूह 'डी' कर्मचारियों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच के एकल पीठ का निर्देश सोमवार को रद्द कर दिया.

न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति रवींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ ने तीन-सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया, जिसकी निगरानी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे. खंडपीठ ने जांच दल को दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

खंडपीठ ने निर्देश दिया कि जांच दल में पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग और डब्ल्यूबीबीएसई एक-एक सदस्य और उच्च न्यायालय के एक वकील शामिल होगा, जिसकी निगरानी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर के बाग करेंगे.

खंडपीठ ने नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं की सीबीआई द्वारा जांच करने के एकल पीठ के आदेश पर गत 24 नवंबर को तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी.

न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने 22 नवंबर को सीबीआई को राज्य के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की कथित सिफारिशों पर डब्ल्यूबीबीएसई के तहत सहायता प्राप्त/प्रायोजित स्कूलों में ग्रुप डी स्टाफ की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं की जांच करने और यह पता लगाने का आदेश दिया था कि क्या इस मामले में पैसे के लेनदेन का कोई सुराग है.

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अदालत ने सीबीआई निदेशक को जांच शुरू करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था, जिसकी कमान संयुक्त निदेशक पद से नीचे के अधिकारी के हाथ में न हो, तथा जिसमें डीआईजी के पद से नीचे के जांच अधिकारी न हों.

(पीटीआई-भाषा)

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