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चक्रवाती तूफान की आशंका, कैबिनेट सचिव ने की तैयारियों की समीक्षा

राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर संभावित चक्रवाती तूफान की तैयारियों की समीक्षा की (cyclonic storm over Bay of Bengal). इस दौरान भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने समिति को बंगाल की खाड़ी में मौसम प्रणाली की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी.

cabinet secretary Rajiv Gauba
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा
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Published : Oct 21, 2022, 9:26 PM IST

नई दिल्ली: कैबिनेट सचिव राजीव गौबा (cabinet secretary Rajiv Gauba) की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) ने शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर संभावित चक्रवाती तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की. एनसीएमसी ने केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ-साथ राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों के बारे में जानकारी ली.

बैठक के दौरान गौबा ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित अधिकारियों और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों द्वारा एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए. गौबा ने कहा, 'इसका उद्देश्य जानमाल के नुकसान को शून्य पर रखना और बिजली और दूरसंचार जैसी संपत्ति और बुनियादी ढांचे को नुकसान को बचाना है. बुनियादी ढांचे को नुकसान होने की स्थिति में इसे कम से कम समय में बहाल किया जाना चाहिए.'

कैबिनेट सचिव ने कहा कि समुद्र में मछली पकड़ने गए मछुआरों को वापस बुलाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तूफान से पहले कमजोर क्षेत्रों के लोगों को अच्छी तरह से निकाला जाए. गौबा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां ​​तैयार हैं और सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने समिति को बंगाल की खाड़ी में मौसम के वर्तमान हालात के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तूफान के उत्तर की ओर बढ़ने और 24 अक्टूबर को चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है.

महापात्र ने कहा, 'ओडिशा तट को छोड़कर इसके उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने और 25 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तट तक पहुंचने की संभावना है. इसके 25 अक्टूबर की मध्यरात्रि के आसपास बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों को पार करने की संभावना है.'

आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप के मुख्य सचिवों ने समिति को चक्रवाती तूफान के संभावित रास्ते में आबादी की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रारंभिक उपायों और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों की जानकारी दी. जहाजों और विमानों के साथ थल सेना और नौसेना के बचाव और राहत दलों को तैयार रखा गया है.

बैठक में ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिवों और आंध्र प्रदेश के विशेष मुख्य सचिव ने भाग लिया. गृह मंत्रालय और बिजली मंत्रालय के सचिवों के साथ-साथ दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधि, डीजी एनडीआरएफ, सदस्य सचिव एनडीएमए सहित अन्य लोग बैठक में उपस्थित थे.

पढ़ें- चक्रवात का पूर्वानुमान, ओडिशा सरकार ने तटीय जिलों को किया अलर्ट

नई दिल्ली: कैबिनेट सचिव राजीव गौबा (cabinet secretary Rajiv Gauba) की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) ने शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर संभावित चक्रवाती तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की. एनसीएमसी ने केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ-साथ राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों के बारे में जानकारी ली.

बैठक के दौरान गौबा ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित अधिकारियों और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों द्वारा एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए. गौबा ने कहा, 'इसका उद्देश्य जानमाल के नुकसान को शून्य पर रखना और बिजली और दूरसंचार जैसी संपत्ति और बुनियादी ढांचे को नुकसान को बचाना है. बुनियादी ढांचे को नुकसान होने की स्थिति में इसे कम से कम समय में बहाल किया जाना चाहिए.'

कैबिनेट सचिव ने कहा कि समुद्र में मछली पकड़ने गए मछुआरों को वापस बुलाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तूफान से पहले कमजोर क्षेत्रों के लोगों को अच्छी तरह से निकाला जाए. गौबा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां ​​तैयार हैं और सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने समिति को बंगाल की खाड़ी में मौसम के वर्तमान हालात के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तूफान के उत्तर की ओर बढ़ने और 24 अक्टूबर को चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है.

महापात्र ने कहा, 'ओडिशा तट को छोड़कर इसके उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने और 25 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तट तक पहुंचने की संभावना है. इसके 25 अक्टूबर की मध्यरात्रि के आसपास बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों को पार करने की संभावना है.'

आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप के मुख्य सचिवों ने समिति को चक्रवाती तूफान के संभावित रास्ते में आबादी की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रारंभिक उपायों और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों की जानकारी दी. जहाजों और विमानों के साथ थल सेना और नौसेना के बचाव और राहत दलों को तैयार रखा गया है.

बैठक में ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिवों और आंध्र प्रदेश के विशेष मुख्य सचिव ने भाग लिया. गृह मंत्रालय और बिजली मंत्रालय के सचिवों के साथ-साथ दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधि, डीजी एनडीआरएफ, सदस्य सचिव एनडीएमए सहित अन्य लोग बैठक में उपस्थित थे.

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