हैदराबाद: तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) बुधवार को खम्मम शहर में एक जनसभा आयोजित करेगी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी. राजा शामिल होंगे.
इस जनसभा को राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह तेलंगाना राष्ट्र समिति द्वारा अपना नाम बदलकर बीआरएस करने के बाद उसकी पहली जनसभा है और साथ ही इसमें विभिन्न विपक्षी दलों बीआरएस, आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी (सपा) और वाम दलों के नेता एक साथ दिखाई देंगे.
बीआरएस अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव तथा अन्य नेता बुधवार को खम्मम जाने से पहले हैदराबाद के समीप यदाद्री में भगवान लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर जाएंगे जिसका राव सरकार ने व्यापक स्तर पर पुनरुद्धार किया है. बीआरएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बी विनोद कुमार ने मंगलवार को कहा कि हैदराबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर खम्मम में ये नेता तेलंगाना सरकार के नेत्र जांच कार्यक्रम 'कांति वेलुगु' के दूसरे चरण के उद्घाटन में शामिल होंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और उदारवाद समेत संविधान की आत्मा को कमजोर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीआरएस देश में वैकल्पिक राजनीति लाने का प्रयास कर रही है.
यह पूछने पर कि क्या खम्मम जनसभा को 2024 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकता की ओर एक कदम के तौर पर देखा जा सकता है, इस पर कुमार ने कहा कि यह केवल बार-बार दोहराए जाने वाले मोर्चे का गठन नहीं है और बीआरएस देश के लोगों को वैकल्पिक राजनीति देना चाहेगी. इस बीच, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और सांसद बंदी संजय कुमार ने अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों को यदाद्री मंदिर में ले जाने के लिए केसीआर के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री राव पर निशाना साधा.
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उन्होंने ट्वीट किया, 'कल्वाकुंतला परिवार के लिए मंदिर उद्योग केंद्र बन गए हैं. क्या केसीआर बीआरएस खम्मम जनसभा के मद्देनजर दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को यह दिखाने के लिए ले जा रहे हैं कि हिंदू मंदिर निवेश का एक अवसर है?'
(पीटीआई-भाषा)