लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा किये जा रहे वादों पर उन्हें घेरते हुये कहा कि इन वादों को सत्ता में आने के बाद भुला दिया जाता है.
उन्होंने जनता से इन प्रलोभनों से सावधान रहने को कहा. बसपा नेता ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘उत्तर प्रदेश में खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस प्रदेश की जनता को लुभाने व गुमराह करने के लिए आए दिन प्रलोभन भरे जो चुनावी वादों की झड़ी लगा रही है, इन्हें सत्ता में आने के बाद अधिकांशत: भुला दिया जाता है. अब तक का इनका यही इतिहास रहा है. जनता इनसे सतर्क रहे.'
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मायावती ने कहा, ‘अर्थात् भाजपा व सपा जनता को जो वादे कर रही हैं, ये काम उन्होंने यहां अपनी सरकार रहते हुए क्यों नहीं किए? कांग्रेस पार्टी भी महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट व स्कूटी आदि देने के जो वादे कर रही है, ये काम इन्होंने उन राज्यों में क्यों नही किए, जहां इनकी सरकारें हैं? यह भी सोचने की बात है.'
यूपी चुनाव में 'हिंदू-मुस्लिम की राजनीति' कर रही भाजपा: मायावती
इससे पहले गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोगों से भाजपा की 'हिंदू-मुस्लिम राजनीति' से सावधान करते हुए कहा कि यह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी हार से बचने के लिए पार्टी की आखिरी दांव है. मायावती ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मथुरा में मंदिर के लिए चल रहे निर्माण कार्य पर दिये बयान पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने ट्वीट किया कि यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा विधानसभा आमचुनाव के नजदीक दिया गया बयान कि अयोध्या व काशी में मंदिर निर्माण जारी है, अब मथुरा की तैयारी है, यह भाजपा के हार की आम धारणा को पुख्ता करता है. इनके इस 'आखिरी हथकण्डे' से अर्थात हिन्दू-मुस्लिम राजनीति से भी जनता सावधान रहे.
मथुरा जिला प्रशासन ने 28 नवंबर को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी, जिसके बाद अखिल भारत हिंदू महासभा ने मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा की थी. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मौर्य की आलोचना करते हुए कहा था कि उनकी यह टिप्पणी से पता चलता है कि भाजपा को हार का आभास होने लगा है.
(पीटीआई-भाषा)