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बजट 2020 : चुनौतियां और उम्मीदें, 'क्या फील गुड का होगा अहसास' - आर्थिक वृद्धि दर

लोकसभा में 2020-21 का आम बजट पेश किया जाएगा. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट होगा. बजट ऐसे समय पेश किया जा रहा है जब अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर में है. इस वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह दर 11 साल में सबसे निचली वृद्धि होगी. भू-राजनीतिक क्षेत्र में तनाव व्याप्त है और दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध के बाद अब कुछ शांति दिख रही है. ऐसे में घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वित्त मंत्री क्या करेंगी, यह देखना दिलचस्प होगा.

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Published : Jan 31, 2020, 10:23 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 5:20 PM IST

नई दिल्ली : कठिन आर्थिक चुनौतियों और उम्मीदों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बजट पेश करेंगी. बजट में लोगों के जेब में खर्च के लिये अधिक पैसा बचे, इसके लिये आयकर में कटौती, ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को अधिक प्रोत्साहन और ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं के लिये आवंटन बढ़ाए जाने की चर्चा हो रही है.

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट वित्त मंत्री आज लोकसभा में 2020- 21 को आम बजट पेश करेंगी. अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर में है और बजट पेश किया जा रहा है. इस वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह दर 11 साल में सबसे निचली वृद्धि होगी. ऐसे में घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देना वित्त मंत्री के समक्ष सबस बड़ी चुनौती है.

सीतारमण को बजट में 2025 तक देश को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में पहल करनी होगी. इसके लिये स्पष्ट खाका बजट में पेश किया जा सकता है. आर्थिक समीक्षा में भी उद्योग जगत में विश्वास बढ़ाते हुये कारोबार सुगमता बढ़ाने सहित कई उपाय सुझाये गये हैं.

सरकार ने निवेश प्रोत्साहन के लिये पिछले साल सितंबर में कारपोरेट कर दरों में बड़ी कटौती कर दी. कंपनियों के लिये कर में बड़ी कटौती के बाद अब यह कयास लगाया जा रहा है कि व्यक्तिगत आयकर दरों में भी कटौती की जा सकती है. इसमें छूट की न्यूनतम सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा सकता है. व्यक्तिगत आयकर स्लैब में बदलाव के साथ ही ऊंची आय वालों के लिये एक नया स्लैब बजट में रखा जा सकता है.

एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा, 'पिछले चार महीने के दौरान उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाने के लिये सरकार ने कई प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की. लेकिन इसके बावजूद उपभोक्ता विश्वास नहीं बढ़ पाया है. बैंकों से कर्ज लेने वाले ज्यादा लोग नहीं आ रहे हैं. मकान और नई कार खरीदने वाले भी बाजार से दूर हैं. अर्थव्यवस्था में 'फील गुड' कारक कहीं गुम हो गया है.'

सूत्र ने कहा, 'मेरा मानना है कि नया बजट फील गुड वाला होगा. अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ाने के उपाय किये जायेंगे. बजट में निवेश और खर्च बढ़ाने के हर संभव उपाय किये जा सकते हैं.'

शहरों के मुकाबले गांवों के बच्चे किताब, कागज-कलम और वर्दी पर अधिक खर्च करते हैं

ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिये पीएम किसान योजना के तहत राज्यों को अधिक से अधिक किसानों का योजना के तहत लाने के लिये नये उपाय घोषित किये जा सकते हैं. नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, बिजली, सस्ते आवास, रीयल एस्टेट और निर्यात प्रोत्साहन के क्षेत्र में नये प्रोत्साहनों की घोषणा की जा सकती है.

नई दिल्ली : कठिन आर्थिक चुनौतियों और उम्मीदों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बजट पेश करेंगी. बजट में लोगों के जेब में खर्च के लिये अधिक पैसा बचे, इसके लिये आयकर में कटौती, ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को अधिक प्रोत्साहन और ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं के लिये आवंटन बढ़ाए जाने की चर्चा हो रही है.

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट वित्त मंत्री आज लोकसभा में 2020- 21 को आम बजट पेश करेंगी. अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर में है और बजट पेश किया जा रहा है. इस वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह दर 11 साल में सबसे निचली वृद्धि होगी. ऐसे में घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देना वित्त मंत्री के समक्ष सबस बड़ी चुनौती है.

सीतारमण को बजट में 2025 तक देश को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में पहल करनी होगी. इसके लिये स्पष्ट खाका बजट में पेश किया जा सकता है. आर्थिक समीक्षा में भी उद्योग जगत में विश्वास बढ़ाते हुये कारोबार सुगमता बढ़ाने सहित कई उपाय सुझाये गये हैं.

सरकार ने निवेश प्रोत्साहन के लिये पिछले साल सितंबर में कारपोरेट कर दरों में बड़ी कटौती कर दी. कंपनियों के लिये कर में बड़ी कटौती के बाद अब यह कयास लगाया जा रहा है कि व्यक्तिगत आयकर दरों में भी कटौती की जा सकती है. इसमें छूट की न्यूनतम सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा सकता है. व्यक्तिगत आयकर स्लैब में बदलाव के साथ ही ऊंची आय वालों के लिये एक नया स्लैब बजट में रखा जा सकता है.

एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा, 'पिछले चार महीने के दौरान उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाने के लिये सरकार ने कई प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की. लेकिन इसके बावजूद उपभोक्ता विश्वास नहीं बढ़ पाया है. बैंकों से कर्ज लेने वाले ज्यादा लोग नहीं आ रहे हैं. मकान और नई कार खरीदने वाले भी बाजार से दूर हैं. अर्थव्यवस्था में 'फील गुड' कारक कहीं गुम हो गया है.'

सूत्र ने कहा, 'मेरा मानना है कि नया बजट फील गुड वाला होगा. अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ाने के उपाय किये जायेंगे. बजट में निवेश और खर्च बढ़ाने के हर संभव उपाय किये जा सकते हैं.'

शहरों के मुकाबले गांवों के बच्चे किताब, कागज-कलम और वर्दी पर अधिक खर्च करते हैं

ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिये पीएम किसान योजना के तहत राज्यों को अधिक से अधिक किसानों का योजना के तहत लाने के लिये नये उपाय घोषित किये जा सकते हैं. नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, बिजली, सस्ते आवास, रीयल एस्टेट और निर्यात प्रोत्साहन के क्षेत्र में नये प्रोत्साहनों की घोषणा की जा सकती है.

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Last Updated : Feb 28, 2020, 5:20 PM IST
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