नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वरा अयोध्या में राम जन्म भूमि ट्रस्ट गठन की घोषणा के साथ ही संत-महंतों और धर्माचार्यों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं. राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व भाजपा सांसद डॉक्टर राम विलास वेदांती ने रामानंद संप्रदाय के संत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाए जाने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह उनकी ही नहीं पूरे देश के हिंदू समाज की मांग है. दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाए जाने के फैसले का स्वागत किया है. राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रहीं साध्वी निरंजन ने कहा कि मंदिर आंदोलन में संत समाज ने अहम भूमिका निभाई थी. उम्मीद है कि उन्हें भी ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा.
वेदांती महाराज ने कहा कि पूरा संत समाज और हिंदू यही चाहते हैं. इस भूमिका का निर्वाहन करने के लिए नृत्य गोपाल दास में सामर्थ्य है और वह सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर 1111 फीट ऊंचा होना चाहिए.
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की इस घोषणा को महज चुनावी प्रलोभन करार देते हुए कहा कि भाजपा ने दिल्ली चुनाव से तीन दिन पहले राम मंदिर ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है.
राजनीतिक नहीं, आस्था का मुद्दा
साध्वी निरंजन ज्योति ने ईटीवी से खास बातचीत में विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि नौ फरवरी आखिरी तारीख थी, इसलिए ट्रस्ट का एलान तो करना ही था. उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर कभी भी राजनीतिक एजेंडा नहीं, बल्कि आस्था का मुद्दा था.
साध्वी निरंजन ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए उनका सारा जीवन समर्पित रहा है.
संतों को करें ट्रस्ट में शामिल
ट्रस्ट के सदस्यों में संतों को शामिल किए जाने के सवाल पर साध्वी ने कहा कि इस आंदोलन में जिस तरह से संतों ने अपना योगदान दिया है, उम्मीद है कि उन्हें भी इस ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा.
संत समाज चाहता था, जल्द हो मंदिर निर्माण
साधु-संतों का एक बड़ा समूह सालों से राम मंदिर बनाए जाने का सपना लिए बैठा था. साध्वी निरंजन ने कहा कि आचार्य गिरिराज किशोर, परमहंस रामचंद्र दास, महंत अवैद्यनाथ और अशोक सिंघल सभी राम मंदिर बनने की आस लिए दिवंगत हो गए, लेकिन आज मोदी सरकार ने यह काम कर दिखाया. आज उन महात्मा-संतों का सपना पूरा हो गया.