नई दिल्ली : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) द्वारा निर्मित छह महत्वपूर्ण पुलों का अनावरण किया. अखनूर सेक्टर में चार और जम्मू-राजपुरा क्षेत्र में दो पुलों के निर्माण पर 45 करोड़ रुपये की लागत आई है. रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी पुल लगभग 100 से 300 मीटर लंबे हैं.
चीन के साथ चल रहे सीमा तनाव के बीच राजनाथ ने बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास बुनियादी ढांचे के सुधार पर चर्चा की गई थी.
बैठक के दौरान, सिंह ने निर्देश दिया था कि सभी सीमाओं पर चल रहे निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए, जिससे सैन्य बलों की आवाजाही प्रभावित न हो.
बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने रक्षा मंत्री को जानकारी दी कि शुरू से ही बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन एक प्रमुख सड़क निर्माण एजेंसी है, जो दूरदराज के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों, पुलों, सुरंगों और हवाई अड्डों का निर्माण करती है. एजेंसी ने भूटान, म्यांमार और अफगानिस्तान जैसे देशों में भी निर्माण कार्य किया है.
बीआरओ ने 2018-19 की तुलना में 2019-20 में लगभग 30 प्रतिशत अधिक कार्य किया है. उन्होंने बताया कि बीआरओ ने 1,273 किलोमीटर फॉर्मेशन कटिंग, 2,214 किलोमीटर सरफेसिंग, 1,715 करोड़ रुपये के स्थायी काम, 2,979 किलोमीटर के प्रमुख पुल, सुरंग के कामों में 689 करोड़ रुपये और 2019-20 में री-सर्फिंग के 2,498 किलोमीटर का काम किया है.
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पिछले दो सालों में फॉर्मेशन कटिंग में 44 प्रतिशत, सरफेसिंग में 15 प्रतिशत, स्थायी कार्यों में 55 प्रतिशत, प्रमुख पुलों में 17 प्रतिशत और पुनरुत्थान कार्यों में 49 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने बताया कि 2017-18 में 5,458 करोड़ रुपये, 2018- 19 में 6,859 करोड़ रुपये और 2019-20 में 7,867 करोड़ रुपये का कुल व्यय किया गया था.
सरकार ने जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में बीआरओ द्वारा राजमार्ग के कार्यों के लिए अतिरिक्त 1,691 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इसके अलावा, भारत और चीन सीमा तनाव के बीच लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने निर्माणाधीन 8.8 किलोमीटर लंबी अटल रोहतांग सुरंग का दौरा किया.