नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में गत दो नवम्बर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प ने मंगलवार को वृहद रूप ले लिया. इस क्रम में खुद पर हुए हमलों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों ने अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन किया. दिनभर दिल्ली पुलिस के कई शीर्ष अधिकारियों ने धरनास्थल पर मान-मनौवल की और लगभग 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद यह विरोध प्रदर्शन समाप्त हुआ.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर की अनुशासन बनाये रखने की अपील
पुलिसकर्मियों का विरोध प्रदर्शन खत्म होने के बाद दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा, ' आज जो विरोध प्रदर्शन हुआ, वह शांतिपूर्ण था, हम भविष्य में अनुशासन बनाए रखने के लिए बल से अनुरोध करेंगे.'
पटनायक ने कहा कि पुलिसकर्मियों की चिंताओं को उचित स्तरों पर उठाया गया है. मामला दर्ज किया गया है और साकेत की घटना पर कार्रवाई की जाएगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट की घटना में न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं.
दिल्ली पुलिस को देश के कई हिस्सों से समर्थन
दिल्ली पुलिस के अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन का सबसे उल्लेखनीय पहलू यह रहा कि देश के कई राज्यों के आईपीएएस एसोसिएशनों ने उसे समर्थन देते हुए पुलिसकर्मियों की सुरक्षा की मांग की है. दिल्ली पुलिस को समर्थन देने वालों में बिहार, हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल व हिमाचल प्रदेश के पुलिस एसोसिएशन शामिल हैं.
बिहार आईपीएस एसोसिएसन ने दिल्ली पुलिस को अपना समर्थन देते हुए पुलिसकर्मियों की पिटाई की निंदा की है. एसोसिएशन ने कहा है कि वकीलों व पुलिसकर्मियों, दोनों को ही कानून के बारे पता है और उन्हें अपने हाथों में कानून नहीं लेना चाहिए.
यही नहीं बल्कि आईएएस एसोसिएशन ने भी इस विवाद में दिल्ली पुलिस का सर्मथन करते हुए कहा कि घटना में शामिल वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
इन आईपीएस एसोसिएशन का समर्थन :
- तमिलनाडु भारतीय पुलिस सेवा
- कर्नाटक पुलिस एसोसिएशन
- बिहार पुलिस एसोसिएशन
- केरल पुलिस एसोसिएशन
- हरियाणा पुलिस एसोसिएशन
- हिमाचल प्रदेश पुलिस एसोसिएशन
स्पेशल कमिश्नर गोलचा ने अनुग्रह राशि की घोषणा की
प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों को मनाने के लिए दिनभर दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचते रहे। देर शाम दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर सतीश गोलचा ने भी पुलिसकर्मियों से धरना खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा, 'सभी घायल पुलिसकर्मियों को दिल्ली पुलिस द्वारा कम से कम 25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान दी जाएगी. हम सभी से निवेदन करते हैं कि कृपया अपने ड्यूटीस्थल पर वापस चले जाएं.'
एलजी का निर्देश : घायल पुलिसकर्मियों का बढ़ाएं मनोबल
इस बीच दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) अनिल बैजल ने मुख्य सचिव निर्देश दिया कि घायल अधिवक्ताओं और पुलिसकर्मियों को सर्वोत्तम चिकित्सा प्रदान की जाए.
एलजी ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को भी सलाह दी कि वरिष्ठ अधिकारियों को घायल पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने और उनके परिवारों को सांत्वना देने के लिए जाना चाहिए. साथ ही दिल्ली पुलिस के घायल कर्मचारियों को उपयुक्त अनुग्रह राशि प्रदान की जाए.
एसीपी देवेश की प्रदर्शन खत्म करने की अपील
उधर एसीपी देवेश श्रीवास्तव ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगें पूरी की जाएंगी. उन्होंने कहा कि साकेत और तीस हजारी कोर्ट के सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली गयी है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि विरोध करने वालों के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की जाएगी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने बीसीआई को जारी किया नोटिस
इसके पूर्व दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र/गृह मंत्रालय के आवेदन पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य बार एसोसिएशनों को नोटिस जारी किया है। गृह मंत्रालय ने वकीलों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न करने के गत तीन नवम्बर के आदेश में संशोधन की मांग की थी. मामले की सुनवाई बुधवार को जारी रहेगी.
परिजनों ने इंडिया गेट पर किया प्रदर्शन
वहीं विरोध प्रदर्शन कर रहे दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों के समर्थन में उनके परिवार वाले भी उतर आए. उन्होंने दिन में इंडिया गेट पर धरना दिया. पुलिसकर्मियों के परिजनों ने कैंडिल जलाकर प्रदर्शन किया.
संयुक्त पुलिस आयुक्त की पुलिसकर्मियों से अपील
उधर संयुक्त पुलिस आयुक्त राजेश खुराना ने दिल्ली आईटीओ में पुलिस मुख्यालय (PHQ) में विरोध प्रदर्शन कर रहे पुलिस कर्मियों को संबोधित किया. उन्होंने पुलिसकर्मियों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए कहा, 'हम कानून लागू करने वाले हैं और हमें अपने काम को जारी रखना है.'
खुराना ने पुलिसकर्मियों को सांत्वना दी और यह भरोसा दिलाया कि जिन भी पुलिसकर्मियों के साथ घटनाएं हुई हैं, उन सभी मामलों में एफआईआर दर्ज की जाएगी, हालांकि उनकी अपील के बावजूद पुलिसकर्मियों का विरोध प्रदर्शन जारी था.
'न बने हंसी का पात्र'
इसके पूर्व दिन में भारतीय विधिक परिषद (बीसीआई) ने दिल्ली के सभी बार एसोसिएशनों से हड़ताल वापस लेने का आह्वान किया. बीसीआई की ओर से चेयरमैन मनन मिश्र ने सभी बार एसोसिएशनों को पत्र लिखकर अपील की है कि कोर्ट परिसर में हिंसा तुरंत बंद हो.
बीसीआई ने कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ बार एसोसिएशन आफ दिल्ली को लिखी चिट्ठी में कहा कि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आपने न्यायिक जांच की मांग की थी और हाईकोर्ट ने न्यायिक जांच का आदेश भी दे दिया है, बीसीआई ने कहा, 'हमने कोर्ट से आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.'
पत्र में कहा गया, 'हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की जांच से दिल्ली पुलिस अलग हो गई है और जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में बनी जांच कमेटी को आईबी, BCI और विजिलेंस सहयोग करेगा. ऐसी स्थिति में कोआर्डिनेशन कमेटी का हड़ताल जारी रखने का फैसला औचित्यहीन है.' BCI ने कहा है कि बार एसोसिएशन को इसके कानूनी पहलुओं पर विचार करना चाहिए ताकि हम आम लोगों की नजरों में हंसी का पात्र न बनें.
'चुनाव कारण तो नहीं?'
BCI ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली बार काउंसिल के सभी बड़े नेता खुश थे, लेकिन 24 घंटे में ही क्या बदल गया, क्या बार एसोसिएशंस के चुनाव नजदीक हैं, जिसकी वजह से हड़ताल जारी रखी जी रही है. बीसीआई ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हमें सही फैसला लेना चाहिए.
बीसीआई ने कहा, 'न्यायिक जांच के दौरान ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जिससे कोई असहज स्थिति पैदा हो. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि किसी वकील को दोषी नहीं ठहराया जाए. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद हड़ताल के दौरान साकेत कोर्ट में हिंसा की गई. पत्रकारों के साथ बदतमीजी की गई.'
बता दें कि पिछले तीन नवम्बर को बीसीआई ने सभी वकीलों से 5 नवम्बर से काम पर लौटने की अपील की थी. लेकिन चार नवम्बर को कोआर्डिनेशन कमेटी ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया.
उधर दिल्ली पुलिस मुख्यालय विरोध के लिए जुटे पुलिसकर्मियों ने अपनी सुरक्षा की मांग की. दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने तत्काल पुलिसकर्मियों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, 'सरकार और जनता की नजरों में हमारी छवि कानून के रखवालों की है. इस छवि को बरकरार रखना है.'
प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों का कहना था कि उन्हें बेहरमी से पीटा गया, उनकी पिस्टल छीनी गयी. अगर इस तरह पुलिसवालों के साथ मारपीट होगी तो उनका मनोबल टूट जाएगा. ऐसे में कैसे जनता की सुरक्षा की जाएगी.
किरन रिजीजू ने हटाया ट्वीट
इन घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने ट्वीट कर लिखा है कि पुलिसकर्मी अपने परिजनों से दूर रहने के बाद अपनी ड्यूटी का निर्वाह करते हैं, उन्होंने लोगों से कानून हाथ में न लेने की अपील की है. हालांकि रिजिजू ने कुछ घंटे बाद अपना ट्वीट हटा दिया.
बीसीआई अध्यक्ष अदिश अग्रवाल का बयान
तीस हजारी की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ जुरिस्ट्स के अध्यक्ष अदिश अग्रवाल ने कहा कि पुलिस कर्मियों के पास भी विरोध करने और प्रशासन के सामने अपनी मांगों को रखने के अपने अधिकार हैं.
यह पहली बार है, जब पुलिस एसोसिएशन ने इस प्रकार का विरोध प्रदर्शन किया है. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, यह एक मामूली घटना थी, जंगल की आग की तरह फैल गई. मेरा मानना है कि दोनों पक्षों के कर्मियों ने अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं किया है.
पुलिस ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
इस बीच दिल्ली की तीस हजारी अदालत में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुए टकराव के संबंध में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी. इस घटना में कम से कम 20 सुरक्षाकर्मी और कई वकील घायल हुए थे.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक तथ्यात्मक रिपोर्ट है, जिसमें दिल्ली पुलिस ने शनिवार की घटना की परिस्थितियों और उसके बाद की गई कार्रवाई का विवरण दिया है.
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में शनिवार के बाद हुई घटनाओं को शामिल नहीं किया गया है, जैसे सोमवार को हुई एक घटना, जिसमें वकीलों के एक समूह ने साकेत कोर्ट के बाहर एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की.