नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि संसद का नया भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा और इसके निर्माण पर कुल 971 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.
बिरला ने प्रस्तावित भवन के बारे में विवरण पेश करते हुए कहा, 'लोकतंत्र का वर्तमान मंदिर अपने 100 साल पूरे कर रहा है. यह देशवासियों के लिये गर्व का विषय होगा कि नए भवन का निर्माण हमारे अपने लोगों द्वारा किया जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत का एक प्रमुख उदाहरण होगा.'
उन्होंने कहा, 'नए भवन के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित होगी. आशा है कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर संसद का सत्र नए भवन में आयोजित होगा.'
लोकसभा अध्यक्ष के अनुसार, संसद की नई इमारत भूकंप रोधी क्षमता वाली होगी और इसके निर्माण में 2000 लोग सीधे तौर पर शामिल होंगे तथा 9000 लोगों की परोक्ष भागीदारी होगी.
उन्होंने बताया कि नए संसद भवन में 1224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे और मौजूदा श्रम शक्ति भवन (संसद भवन के निकट) के स्थान पर दोनों सदनों के सांसदों के लिए कार्यालय परिसर का निर्माण कराया जाएगा. बिरला ने कहा कि संसद के वर्तमान भवन को देश की पुरातात्त्विक संपत्ति के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि नए भवन के निर्माण की आधारशिला संबंधी कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा. कुछ लोग मौके पर मौजूद होंगे तथा अन्य लोग डिजिटल माध्यम शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में कोरोना वायरस से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन होगा.
बिरला ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी को इस कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण दिया. नियमों के मुताबिक, लोकसभा का अध्यक्ष संसद भवन का संरक्षक भी होता है.
नए भवन के निर्माण के दौरान वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं. बिरला का कहना है कि नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होंगे जो आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से युक्त होंगे तथा यह ‘कागज रहित कार्यालय’ बनाने की दिशा में कदम होगा.
नए संसद भवन में एक विशाल संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा. इसके साथ ही सांसदों के लिए एक लॉन्ज होगा. उनके लिए पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, भोजन कक्ष और पार्किंग क्षेत्र होगा.
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इस भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य बैठ सकेंगे. यह भविष्य में दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. मौजूदा में समय में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य हैं.
गत सितंबर महीने में 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण का ठेका टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को मिला था. यह नया भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत है और इसे वर्तमान संसद भवन के नजदीक बनाया जाएगा.