हैदराबाद : कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों से लगातार सुझाव मांग रहे हैं. इस कड़ी में उन्होंने आज प्रिंट मीडिया के प्रमुखों से बात की. रामोजी ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव ने भी पीएम को अपने सुझाव दिए. पीएम मोदी ने उनके सुझावों पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि इन पर हमारा काम जारी है.
रामोजी राव ने पीएम मोदी को मुख्य रूप से तीन सुझाव दिए. उनका पहला सुझाव था कि कोरोना वायरस के मरीजों को किसी भी हाल में गांवों तक पहुंचने से रोका जाए. उन्होंने कहा, 'भारत की 65 फीसदी आबादी गांवों में रहती है. लिहाजा, हमारा प्रयास होना चाहिए कि यह बीमारी गांवों तक नहीं पहुंचे, यानी गांवों को इंसुलेट करने का कदम उठाया जाना चाहिए.' रामोजी राव ने कहा कि इस कार्य में मीडिया निश्चित तौर पर अपनी भूमिका निभाएगा. लोगों तक सूचनाएं भी पहुंचाएगा. लेकिन हमारा सुझाव है कि सरकार और अधिक कड़े कदम उठाए. उन्होंने कहा, 'यदि हम ऐसा करने में कामयाब हो गए, तो हम वर्तमान स्वास्थ्य ढांचे पर अतिरिक्त बोझ बनने नहीं देंगे.'
रामोजी राव का दूसरा सुझाव 'मेक इन इंडिया' को लेकर था. उन्होंने पीएम मोदी से कहा, "आप 'मेक इन इंडिया' को लेकर बहुत अधिक प्रयासरत रहे हैं. आपने इसे स्लोगन बनाया है. हमें इस पर गर्व है कि हमारी फार्मास्युटिकल कंपनियां काफी रोबस्ट हैं. इन्होंने कई दवाएं और वैक्सीन तैयार किए हैं. लिहाजा, हमारा सुझाव है कि हमें उन्हें आमंत्रित कर उनका सहयोग लेना चाहिए. सरकार को जो भी मदद करनी चाहिए, वो करे."
अपना सुझाव देते हुए रामोजी ने पीएम मोदी से आग्रह किया कि दवा कंपनियों को जल्द से जल्द अनुसंधान कार्य के लिए प्रेरित करें, ताकि वे वैक्सीन और उपयुक्त दवा को बना सकें.
रामोजी राव के इस सुझाव पर पीएम मोदी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी.
पीएम मोदी ने कहा, 'रामोजी राव, आपकी जानकारी के लिए बता दूं, मैंने फार्मास्युटिकल कंपनियों और जो इस तरह के डिवाइसेस बनाती हैं, उनसे विस्तार से चर्चा की है. हमने मिलकर कुछ योजनाएं भी बनाई हैं. दुनिया को भी भारत से काफी अपेक्षाएं हैं. मुझे उम्मीद है कि प्राइवेट सेक्टर हमारी इन जरूरतों को पूरा कर पाएगा.'
उनके इस जवाब पर रामोजी राव ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा, 'मझे प्रसन्नता है कि आपने ऐसा किया.'
तीसरा सुझाव रामोजी राव ने चीन और इटली को लेकर दिया.
रामोजी राव ने पीएम मोदी से कहा, 'चीन और इटली, दोनों ही देश कोरोना से काफी प्रभावित हैं. हमें उनके अनुभवों से सीख लेनी चाहिए. इसके लिए सरकार के जो एक्सपर्ट हैं, वे जरूर उनसे बात करें, ताकि उन्होंने इस दौरान क्या सीखा, वो भारत के लिए काफी मददगार साबित होगा.'