नई दिल्ली: प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, कुछ नेताओं की प्रतिक्रियाओं को देखें वह ईआईए के मसौदे के खिलाफ विरोध करने की मांग कर रहे हैं.
जावड़ेकर ने सवालिया लहजे में कहा, 'वह मसौदे का विरोध कैसे कर सकते हैं? यह अंतिम अधिसूचना नहीं है. कोविड-19 के कारण इसे 150 दिनों के लिए सार्वजनिक परामर्श के लिए रखा गया था. अन्यथा यह नियमानुसार केवल 60 दिन है.'
उन्होंने आगे कहा कि हमें हजारों सुझाव मिले हैं जिनका हम स्वागत करते हैं. हम सुझावों पर विचार करेंगे, फिर चर्चा करेंगे और अंतिम मसौदा तैयार करेंगे. इसलिए, सिर्फ ड्राफ्ट पर कूदने वाले लोग उचित व्यवहार नहीं कर रहे हैं.
बकौल जावड़ेकर, 'जो लोग अब विरोध करना चाहते हैं, यह वही लोग हैं, जिन्होंने अपने शासन के दौरान किसी से परामर्श किए बिना बड़े फैसले लिए थे.'
दरअसल, राहुल गांधी ने पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 अधिसूचना के मसौदे पर आपत्ति जताते हुए, उनसे अनावश्यक और समयिक बताया था. राहुल ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहादेश में लूट मचाने और पर्यावरण को बर्बाद होने से बचाने के लिए, EIA 2020 के मसौदे को वापस लेना चाहिए.
इसके अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी जावड़ेकर को EIA 2020 को स्क्रैप करने की अपील करते हुए पत्र लिखे.
मामले में राहुल गांधी ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट भी साझा किया, जिसमें EIA 2020 के मसौदे को अपमानजनक और खतरनाक कहा गया. इस दौरान गांधी ने राष्ट्र के युवाओं से इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, 'अगर ईआईए 2020 को सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाता है, तो व्यापक रूप से पर्यावरणीय गिरावट के दीर्घकालिक परिणाम हमारे और भारतीयों की भावी पीढ़ियों के लिए विनाशकारी होंगे.
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बता दें कि हाल ही में एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान , जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि हालिया ईआईए मसौदा पर्यावरण कानूनों को अपमानजनक करने वाला है, इस मसौदे का मूल मार्गदर्शक ईआईए 2020 अधिसूचना ईज ऑफ डूईंग ( व्यापार को सरल करना) है न कि पर्यावरण को बचाना.