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अंतरराष्ट्रीय पर्यटन शुरू करने की कोई समय सीमा नहीं, बढ़ेगी पर्यटन लागत - India Maldives Air Bubble

पूरे विश्व में एक ओर कोरोना का कहर जारी है. वहीं दूसरी ओर कई देश वैश्विक पर्यटन की संभावनाएं तलाशने में लगे हुए हैं. मालदीव ने इस महीने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का स्वागत करना शुरू भी कर दिया है. वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने वैश्विक पर्यटन की संभावनाओं को लेकर कुछ विशेषज्ञों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष बातचीत की है. पढ़ें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

Special talk with experts
विशेषज्ञों के साथ खास बातचीत.
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Published : Jul 31, 2020, 9:35 AM IST

Updated : Jul 31, 2020, 9:58 AM IST

नई दिल्ली : दुनिया के कई देश कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए संघर्षरत हैं. इस दौरान बहुत से देश वैश्विक पर्यटन की शुरू करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. कोरोना काल में पर्यटन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्री किराए में इजाफे की भी उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा कई देश ऐसे हैं जो अपने यहां पर्यटन सेवाएं शुरू कर चुके हैं. मालदीव ने इस महीने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का स्वागत करना शुरू कर दिया है.

मालदीव की अर्थव्यवस्था का 80 प्रतिशत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन पर निर्भर है. यही कारण है कि यह छोटा सा द्वीप विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा और स्वच्छता का अच्छा खासा ध्यान रख रहा है. माले से भारतीय उच्चायुक्त संजय सुधीर ने वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा के साथ विशेष से बातचीत की. उन्होंने बताया कि मालदीव की भौगोलिक स्थिति अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है. इससे यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलता है.

वीडियो देखें-
कोरोना काल में खुला मालदीव पर्यटन
संजय सुधीर ने बताया कि मालदीव दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां 15 जुलाई से पर्यटन शुरू हुआ है. यहां पर पर्यटकों के लिए 200 रिसॉर्ट्स हैं जिसमें से करीब 57-60 रिसॉर्ट्स में पर्यटकों ने ठहरने शुरू कर दिया है. मालदीप की राजधानी माले घनी आबादी वाला शहर है. यदि एक बार यहां कोविड-19 का संक्रमण फैल गया तो इसका नियंत्रण मुश्किल है. उन्होंने बताया कि इससे रोकथाम के लिए हवाई अड्डे पर उतरने वाले यात्रियों के लिए सुरक्षित मार्ग बनाया है. वह यहां से सीधे द्वीपों पर जा कर छुट्टी बिताएंगे. इसके बाद वापस हवाई अड्डे पर आ कर वापस चले जाएंगे.

मालदीव में करीब 1.7 मिलियन पर्यटक पहुंचे थे. इस दौरान करीब 50 हजार भारतीय पर्यटक पहुंचे. विदेशी पर्यटकों के मामले में भारतीय समूह दूसरे नंबर पर था. मालदीव आर्थिक सुधार के लिए संघर्ष कर रहा है. 15 अगस्त के बाद से मुंबई और कोचीन से व्यवसायिक उड़ान संचालन करने की उम्मीद है. संजय सुधीर ने पुष्टि की है कि दोनों देशों के बीच एक संभावित 'एयर बबल' पर काम करने पर चर्चा चल रही है. पर्यटन के मामले में पहले मालदीव पांचवे नंबर पर था लेकिन पर्यटकों की संख्या दोगुनी होने के बाद अब यह द्वीप दूसरे स्थान पर काबिज हो गया है. लेकिन अन्य देशों के साथ कनेक्टिविटी कम होने और कोरोना वायरस के कारण पर्यटकों की संख्या घट गई है. यदि किसी तरह 'एयर बबल' बन जाता है तो उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया के संपर्क में आ जाएंगे. अगर सब ठीक रहा तो भारत और मालदीव के बीच कम से कम कुछ सीमित उड़ानें संचालित होनी चाहिए.

उनके अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ान भरने के लिए लोगों का विश्वास हासिल करना सभी क्षेत्रों के सामने चुनौतियां है. थाईलैंड या यूरोपीय देशों जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के लिए घरेलू पर्यटन राजस्व का स्रोत है.

जर्मनी में पर्यटन
दिल्ली में जर्मन दूतावास के प्रवक्ता हेंस क्रिश्चियन विंकलर ने स्मिता शर्मा से बात करते हुए बताया कि, इस बार ज्यादातर जर्मन नागरिक देश में ही छुट्टियां मना रहे हैं. अधिकांशत: घर पर नहीं रहने वाले जर्मन नागरिक दक्षिणी यूरोपीय देशों इटली, स्पेन, ग्रीस जाते हैं, जो फिलहाल कोरोना वायरस के मामले की सूची में ऊपर है. इस बात पर चर्चा की जा रही है कि इन देशों से लौटने वाले जर्मन नागरिकों का क्या किया जाना चाहिए, उनकी जांच करने और क्वारंटाइन को लेकर भी चर्चा की जा रही है. जर्मनी के लोगों की सूची में एशिया के केवल दो देश थाईलैंड और वियतनाम ही सकारात्मक हैं. सैद्धांतिक रूप से चीन भी है लेकिन चीन के साथ आपसी संबंध बेहतर नहीं हैं. जर्मन पर्यटन उद्योग में कठिनाइयां हैं लेकिन वे उतनी बड़ी नहीं, जितने की अपेक्षा की जा रही थी क्योंकि अधिक जर्मन घर पर रह रहे हैं.

उन्होंने आगाह किया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा की उच्च लागत के साथ किराए में बढ़ोतरी की संभावना है. 'जर्मनी में आने वाले ज्यादातर लोग हमारे पड़ोसी देशों जैसे फ्रांस, नीदरलैंड, यूके और स्पेन से हैं. भारत में होटल और रेस्तरां अधिक मात्रा में ग्राहकों को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. हमारी एयरलाइंस बेहद खराब स्थिति में हैं. फ्रांस में एयर फ्रांस या जर्मनी में लुफ्थांसा एयरलाइंस को करदाताओं द्वारा बचाए गया थे. राज्य इन कंपनियों को दिवालिया होने से बचाने के लिए इन कंपनियों के शेयर खरीद चुके हैं. ट्रैवल ऑपरेटर और एयरलाइंस सबसे कठिन स्थिति में हैं. कुछ होटल और रेस्तरां को जर्मनी में बंद करना पड़ा क्योंकि संचालन की लागत बढ़ गई है,

थाईलैंड में पर्यटन
थाईलैंड के पर्यटन प्राधिकरण के निदेशक वचिराचाय सिरिसुम्पन के अनुसार अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के जल्दी शुरू होने की संभावना नहीं है. यूएन कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (यूएनसीटीएडी) द्वारा एक जुलाई को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व पर्यटन क्षेत्र में कम से कम 1.2 ट्रिलियन अमरीकी डालर या वैश्विक जीडीपी का 1.5 प्रतिशत कम होने की उम्मीद है. संयुक्त राष्ट्र विश्व के अनुसार, पर्यटन संगठन का अनुमान है, कि भारत से आने वाले आगंतुकों को 2019 में 29 मिलियन से 2020 में 10 मिलियन तक गिरने की उम्मीद है. जबकि कोविड 19 से पहले अनुमानों ने सुझाव दिया था कि कुछ 50 मिलियन भारतीयों ने 2017 में 23 मिलियन से अधिक विदेश यात्रा की होगी. सिंगापुर, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, भूटान जैसे देश भारतीयों के लिए शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक हैं.

सिरिसुम्पन ने स्मिता शर्मा विशेष बातचीत में बताया कि थाईलैंड में घरेलू पर्यटन लगभग सामान्य स्थिति में है. जिससे लोग स्वतंत्र रूप से देश भर में यात्रा कर सकें. अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में कुछ समय लगेगा. मैं यह नहीं कह सकता कि सब ठीक है, लेकिन वर्तमान स्थिति में हमें सुरक्षा और आर्थिक संतुलन दोनों की जरूरत है, जो हर देश के लिए चुनौतीपूर्ण है. फिलहाल हम धीरे-धीरे इस स्तर को बेहतर कर रहे हैं. हमने विदेशियों के लिए मुख्य रूप से थाईलैंड में काम करने वालों और चिकित्सा उपचार की आवश्यकता के लिए खोला है. इससे थाई पर्यटन को बड़ा नुकसान हुआ है.

थाई पर्यटन अधिकारी ने बताया कि वैश्विक पर्यटन के पुनर्जीवन के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को विश्वास करना होगा. हर देश, हर होटल, रिसॉर्ट को अब मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया (एसओपी) करना होगा. हमें आपूर्ति और मांगों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है. यदि आपको कीमतें बढ़ाने की आवश्यकता है तो आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आपका ग्राहक इसका कारण समझता है.

नई दिल्ली : दुनिया के कई देश कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए संघर्षरत हैं. इस दौरान बहुत से देश वैश्विक पर्यटन की शुरू करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. कोरोना काल में पर्यटन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्री किराए में इजाफे की भी उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा कई देश ऐसे हैं जो अपने यहां पर्यटन सेवाएं शुरू कर चुके हैं. मालदीव ने इस महीने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का स्वागत करना शुरू कर दिया है.

मालदीव की अर्थव्यवस्था का 80 प्रतिशत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन पर निर्भर है. यही कारण है कि यह छोटा सा द्वीप विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा और स्वच्छता का अच्छा खासा ध्यान रख रहा है. माले से भारतीय उच्चायुक्त संजय सुधीर ने वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा के साथ विशेष से बातचीत की. उन्होंने बताया कि मालदीव की भौगोलिक स्थिति अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है. इससे यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलता है.

वीडियो देखें-
कोरोना काल में खुला मालदीव पर्यटनसंजय सुधीर ने बताया कि मालदीव दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां 15 जुलाई से पर्यटन शुरू हुआ है. यहां पर पर्यटकों के लिए 200 रिसॉर्ट्स हैं जिसमें से करीब 57-60 रिसॉर्ट्स में पर्यटकों ने ठहरने शुरू कर दिया है. मालदीप की राजधानी माले घनी आबादी वाला शहर है. यदि एक बार यहां कोविड-19 का संक्रमण फैल गया तो इसका नियंत्रण मुश्किल है. उन्होंने बताया कि इससे रोकथाम के लिए हवाई अड्डे पर उतरने वाले यात्रियों के लिए सुरक्षित मार्ग बनाया है. वह यहां से सीधे द्वीपों पर जा कर छुट्टी बिताएंगे. इसके बाद वापस हवाई अड्डे पर आ कर वापस चले जाएंगे.

मालदीव में करीब 1.7 मिलियन पर्यटक पहुंचे थे. इस दौरान करीब 50 हजार भारतीय पर्यटक पहुंचे. विदेशी पर्यटकों के मामले में भारतीय समूह दूसरे नंबर पर था. मालदीव आर्थिक सुधार के लिए संघर्ष कर रहा है. 15 अगस्त के बाद से मुंबई और कोचीन से व्यवसायिक उड़ान संचालन करने की उम्मीद है. संजय सुधीर ने पुष्टि की है कि दोनों देशों के बीच एक संभावित 'एयर बबल' पर काम करने पर चर्चा चल रही है. पर्यटन के मामले में पहले मालदीव पांचवे नंबर पर था लेकिन पर्यटकों की संख्या दोगुनी होने के बाद अब यह द्वीप दूसरे स्थान पर काबिज हो गया है. लेकिन अन्य देशों के साथ कनेक्टिविटी कम होने और कोरोना वायरस के कारण पर्यटकों की संख्या घट गई है. यदि किसी तरह 'एयर बबल' बन जाता है तो उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया के संपर्क में आ जाएंगे. अगर सब ठीक रहा तो भारत और मालदीव के बीच कम से कम कुछ सीमित उड़ानें संचालित होनी चाहिए.

उनके अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ान भरने के लिए लोगों का विश्वास हासिल करना सभी क्षेत्रों के सामने चुनौतियां है. थाईलैंड या यूरोपीय देशों जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के लिए घरेलू पर्यटन राजस्व का स्रोत है.

जर्मनी में पर्यटन
दिल्ली में जर्मन दूतावास के प्रवक्ता हेंस क्रिश्चियन विंकलर ने स्मिता शर्मा से बात करते हुए बताया कि, इस बार ज्यादातर जर्मन नागरिक देश में ही छुट्टियां मना रहे हैं. अधिकांशत: घर पर नहीं रहने वाले जर्मन नागरिक दक्षिणी यूरोपीय देशों इटली, स्पेन, ग्रीस जाते हैं, जो फिलहाल कोरोना वायरस के मामले की सूची में ऊपर है. इस बात पर चर्चा की जा रही है कि इन देशों से लौटने वाले जर्मन नागरिकों का क्या किया जाना चाहिए, उनकी जांच करने और क्वारंटाइन को लेकर भी चर्चा की जा रही है. जर्मनी के लोगों की सूची में एशिया के केवल दो देश थाईलैंड और वियतनाम ही सकारात्मक हैं. सैद्धांतिक रूप से चीन भी है लेकिन चीन के साथ आपसी संबंध बेहतर नहीं हैं. जर्मन पर्यटन उद्योग में कठिनाइयां हैं लेकिन वे उतनी बड़ी नहीं, जितने की अपेक्षा की जा रही थी क्योंकि अधिक जर्मन घर पर रह रहे हैं.

उन्होंने आगाह किया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा की उच्च लागत के साथ किराए में बढ़ोतरी की संभावना है. 'जर्मनी में आने वाले ज्यादातर लोग हमारे पड़ोसी देशों जैसे फ्रांस, नीदरलैंड, यूके और स्पेन से हैं. भारत में होटल और रेस्तरां अधिक मात्रा में ग्राहकों को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. हमारी एयरलाइंस बेहद खराब स्थिति में हैं. फ्रांस में एयर फ्रांस या जर्मनी में लुफ्थांसा एयरलाइंस को करदाताओं द्वारा बचाए गया थे. राज्य इन कंपनियों को दिवालिया होने से बचाने के लिए इन कंपनियों के शेयर खरीद चुके हैं. ट्रैवल ऑपरेटर और एयरलाइंस सबसे कठिन स्थिति में हैं. कुछ होटल और रेस्तरां को जर्मनी में बंद करना पड़ा क्योंकि संचालन की लागत बढ़ गई है,

थाईलैंड में पर्यटन
थाईलैंड के पर्यटन प्राधिकरण के निदेशक वचिराचाय सिरिसुम्पन के अनुसार अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के जल्दी शुरू होने की संभावना नहीं है. यूएन कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (यूएनसीटीएडी) द्वारा एक जुलाई को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व पर्यटन क्षेत्र में कम से कम 1.2 ट्रिलियन अमरीकी डालर या वैश्विक जीडीपी का 1.5 प्रतिशत कम होने की उम्मीद है. संयुक्त राष्ट्र विश्व के अनुसार, पर्यटन संगठन का अनुमान है, कि भारत से आने वाले आगंतुकों को 2019 में 29 मिलियन से 2020 में 10 मिलियन तक गिरने की उम्मीद है. जबकि कोविड 19 से पहले अनुमानों ने सुझाव दिया था कि कुछ 50 मिलियन भारतीयों ने 2017 में 23 मिलियन से अधिक विदेश यात्रा की होगी. सिंगापुर, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, भूटान जैसे देश भारतीयों के लिए शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक हैं.

सिरिसुम्पन ने स्मिता शर्मा विशेष बातचीत में बताया कि थाईलैंड में घरेलू पर्यटन लगभग सामान्य स्थिति में है. जिससे लोग स्वतंत्र रूप से देश भर में यात्रा कर सकें. अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में कुछ समय लगेगा. मैं यह नहीं कह सकता कि सब ठीक है, लेकिन वर्तमान स्थिति में हमें सुरक्षा और आर्थिक संतुलन दोनों की जरूरत है, जो हर देश के लिए चुनौतीपूर्ण है. फिलहाल हम धीरे-धीरे इस स्तर को बेहतर कर रहे हैं. हमने विदेशियों के लिए मुख्य रूप से थाईलैंड में काम करने वालों और चिकित्सा उपचार की आवश्यकता के लिए खोला है. इससे थाई पर्यटन को बड़ा नुकसान हुआ है.

थाई पर्यटन अधिकारी ने बताया कि वैश्विक पर्यटन के पुनर्जीवन के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को विश्वास करना होगा. हर देश, हर होटल, रिसॉर्ट को अब मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया (एसओपी) करना होगा. हमें आपूर्ति और मांगों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है. यदि आपको कीमतें बढ़ाने की आवश्यकता है तो आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आपका ग्राहक इसका कारण समझता है.

Last Updated : Jul 31, 2020, 9:58 AM IST
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