ETV Bharat / bharat

निर्भया के दोषियों को अब तीन मार्च को सुबह दी जाएगी फांसी

निर्भया मामले में पटियाला कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया है. दोषियों को तीन मार्च को फांसी दी जानी है.

nirbhaya-case-hearing-in-delhi-court
तीन मार्च फांसी की तारीख तय
author img

By

Published : Feb 17, 2020, 4:20 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:14 PM IST

नई दिल्ली : निर्भया मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटियाला कोर्ट चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है.

कोर्ट ने चारों दोषियों को तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी की सजा सुनाने का आदेश दिया है.

पहले भी दो बार जारी हो चुका है डेथ वारंट
इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था. बता दें कि पहला डेथ वारंट जारी करते हुए एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा ने फैसला सुनाया था. तब सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जानी थी. जिस वक्त कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, उस समय कोर्ट रूम में सिर्फ जज, जेल के अधिकारी और वकील ही मौजूद थे.

etv bharat
जानें कब कब जारी हुआ डेथ वारंट

पढ़ें : निर्भया के गुनहगारों का डेथ वारंट जारी, दिल्ली की महिलाएं हुईं खुश

दिल्ली वाले हुए थे खुश
निर्भया के दोषियों के खिलाफ जब पहला डेथ वारंट जारी हुआ था, तब दिल्ली वासियों के चेहरे मानों खुशी से खिल गए हों. महिलाओं ने कहा कि इंसाफ मिलने में टाइम लगा, लेकिन वह इस इंसाफ से खुश हैं, ताकि भविष्य में कोई ऐसी दरिंदगी न कर पाए. उन्हें यह सजा कई वर्ष बाद मिल रही है. इन आरोपियों को पहले ही फांसी लटका देना चाहिए था.

एक फरवरी को भी जारी हुआ था डेथ वारंट
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के खिलाफ फिर एक नया डेथ वारंट जारी किया था. एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा ने एक फरवरी की सुबह छह बजे चारों दोषियों को फांसी देने का आदेश दिया था.

यह भी पढ़ें : निर्भया के दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी, 1 फरवरी को दी जाएगी फांसी

क्या था मामला
वर्ष 2012 में 16-17 दिसंबर की दरम्यानी रात दक्षिणी दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से सामूहिक बलात्कार और उस पर बर्बर हमला किया था. इसके बाद उन्होंने उसे सड़क पर फेंक दिया था. लड़की की गंभीर हालत के चलते उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया था, जहां 29 दिसंबर 2012 को उसने दम तोड़ दिया था. इस लड़की को काल्पनिक नाम 'निर्भया' से जाना गया था.

शीर्ष अदालत ने नौ जुलाई 2018 को मामले के अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि दोषियों ने 2017 के निर्णय की समीक्षा के लिए कोई आधार नहीं दिया.

दोषियों में से एक राम सिंह ने दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

मामले के दोषियों में एक नाबालिग भी था, जिसे तीन साल तक बाल सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था.

दोषियों को निचली अदालत और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए मृत्युदंड को उच्चतम न्यायालय ने 2017 में अपने निर्णय में बरकरार रखा था.

अदालत के आज के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निर्भया मामले के दोषियों के खिलाफ मौत का फरमान जारी किए जाने से दिल्ली के लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है और यह उन लोगों के लिए सबक होगा जो महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं.

नई दिल्ली : निर्भया मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटियाला कोर्ट चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है.

कोर्ट ने चारों दोषियों को तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी की सजा सुनाने का आदेश दिया है.

पहले भी दो बार जारी हो चुका है डेथ वारंट
इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था. बता दें कि पहला डेथ वारंट जारी करते हुए एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा ने फैसला सुनाया था. तब सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जानी थी. जिस वक्त कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, उस समय कोर्ट रूम में सिर्फ जज, जेल के अधिकारी और वकील ही मौजूद थे.

etv bharat
जानें कब कब जारी हुआ डेथ वारंट

पढ़ें : निर्भया के गुनहगारों का डेथ वारंट जारी, दिल्ली की महिलाएं हुईं खुश

दिल्ली वाले हुए थे खुश
निर्भया के दोषियों के खिलाफ जब पहला डेथ वारंट जारी हुआ था, तब दिल्ली वासियों के चेहरे मानों खुशी से खिल गए हों. महिलाओं ने कहा कि इंसाफ मिलने में टाइम लगा, लेकिन वह इस इंसाफ से खुश हैं, ताकि भविष्य में कोई ऐसी दरिंदगी न कर पाए. उन्हें यह सजा कई वर्ष बाद मिल रही है. इन आरोपियों को पहले ही फांसी लटका देना चाहिए था.

एक फरवरी को भी जारी हुआ था डेथ वारंट
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के खिलाफ फिर एक नया डेथ वारंट जारी किया था. एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा ने एक फरवरी की सुबह छह बजे चारों दोषियों को फांसी देने का आदेश दिया था.

यह भी पढ़ें : निर्भया के दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी, 1 फरवरी को दी जाएगी फांसी

क्या था मामला
वर्ष 2012 में 16-17 दिसंबर की दरम्यानी रात दक्षिणी दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से सामूहिक बलात्कार और उस पर बर्बर हमला किया था. इसके बाद उन्होंने उसे सड़क पर फेंक दिया था. लड़की की गंभीर हालत के चलते उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया था, जहां 29 दिसंबर 2012 को उसने दम तोड़ दिया था. इस लड़की को काल्पनिक नाम 'निर्भया' से जाना गया था.

शीर्ष अदालत ने नौ जुलाई 2018 को मामले के अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि दोषियों ने 2017 के निर्णय की समीक्षा के लिए कोई आधार नहीं दिया.

दोषियों में से एक राम सिंह ने दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

मामले के दोषियों में एक नाबालिग भी था, जिसे तीन साल तक बाल सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था.

दोषियों को निचली अदालत और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए मृत्युदंड को उच्चतम न्यायालय ने 2017 में अपने निर्णय में बरकरार रखा था.

अदालत के आज के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निर्भया मामले के दोषियों के खिलाफ मौत का फरमान जारी किए जाने से दिल्ली के लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है और यह उन लोगों के लिए सबक होगा जो महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं.

Last Updated : Mar 1, 2020, 3:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.