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लॉकडाउन : पैदल ही गृह राज्य जा रहे तीन हजार प्रवासी मजदूर समझाने पर मुंबई लौटे

कोरोना वायरस की महामारी का फैलाव रोकने के लिए भारत सरकार ने 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन घोषित कर रखा है. लेकिन यह लॉकडाउन अचानक लागू किये जाने से हजारों कामगार रास्ते में ही फंसे हुए हैं. इसी क्रम में मुंबई में काम करने वाले गुजरात और राजस्थान के तीन हजार से अधिक प्रवासी मजदूर पालघर जिले के एक गांव में फंस गए. फिलहाल जिला एवं पुलिस प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद वे अंतत: मुंबई महानगर क्षेत्र में अपने-अपने स्थानों पर लौट गए. पढ़ें पूरी खबर...

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Mar 28, 2020, 6:33 PM IST

पालघर : मुंबई महानगर क्षेत्र में काम करने वाले गुजरात और राजस्थान के तीन हजार से अधिक प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र में पालघर जिले के एक गांव में फंस गए क्योंकि लॉकडाउन की वजह से राज्यों ने अपनी सीमाएं सील कर रखी हैं.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुंबई, बोइसर, विरार, वाशी और आसपास के अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले ये लोग लॉकडाउन के बाद उद्योग-धंधों में काम रुक जाने के कारण अपने पैतृक स्थलों की ओर पैदल ही चल पड़े थे. लेकिन ये शुक्रवार को पालघर की तलासरी तालुका के अचाड गांव में फंस गए.

उन्होंने कहा कि जिला एवं पुलिस अधिकारियों के अथक प्रयासों के बाद ये लोग अंतत: मुंबई महानगर क्षेत्र में अपने-अपने स्थानों पर लौट गए.

तलासरी थाने के निरीक्षक अजय वासवे ने कहा, 'वर्तमान में मुंबई और आसपास काम करने वाले लगभग तीन हजार प्रवासी मजदूर शुक्रवार को अपने पैतृक स्थलों की ओर पैदल ही लौटने लगे थे. लेकिन महाराष्ट्र-गुजरात सीमा सील कर दी गई है, इसलिए वे पड़ोसी राज्य में प्रवेश नहीं कर सके.'

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन: 'जिंदा रहने के लिए खाना दें या वापस गांव भेजने की व्यवस्था करें'

उन्होंने कहा कि ये लोग सीमा पार नहीं कर सके, इसलिए अचाड गांव में फंस गए. वे घंटों तक सीमा पर खड़े रहे. चूंकि कोरोना वायरस के चलते इतनी बड़ी संख्या में उनका एक स्थान पर मौजूद होना जोखिम भरा था, इसलिए जिला और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मुंबई और आसपास के इलाकों में लौट जाने के लिए समझाना शुरू किया.

अधिकारी ने कहा कि शुरू में ये लोग गुजरात और राजस्थान जाने पर अड़े थे, लेकिन बाद में अपने स्थानों पर लौटने को सहमत हो गए.

वासवे ने कहा कि अधिकारियों ने इन लोगों को भोजन-पानी उपलब्ध कराया और उनके परिवहन के लिए व्यवस्था की.

उन्होंने कहा कि इन लोगों के मुंबई और आसपास के इलाकों में लौट जाने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली है.

पालघर : मुंबई महानगर क्षेत्र में काम करने वाले गुजरात और राजस्थान के तीन हजार से अधिक प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र में पालघर जिले के एक गांव में फंस गए क्योंकि लॉकडाउन की वजह से राज्यों ने अपनी सीमाएं सील कर रखी हैं.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुंबई, बोइसर, विरार, वाशी और आसपास के अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले ये लोग लॉकडाउन के बाद उद्योग-धंधों में काम रुक जाने के कारण अपने पैतृक स्थलों की ओर पैदल ही चल पड़े थे. लेकिन ये शुक्रवार को पालघर की तलासरी तालुका के अचाड गांव में फंस गए.

उन्होंने कहा कि जिला एवं पुलिस अधिकारियों के अथक प्रयासों के बाद ये लोग अंतत: मुंबई महानगर क्षेत्र में अपने-अपने स्थानों पर लौट गए.

तलासरी थाने के निरीक्षक अजय वासवे ने कहा, 'वर्तमान में मुंबई और आसपास काम करने वाले लगभग तीन हजार प्रवासी मजदूर शुक्रवार को अपने पैतृक स्थलों की ओर पैदल ही लौटने लगे थे. लेकिन महाराष्ट्र-गुजरात सीमा सील कर दी गई है, इसलिए वे पड़ोसी राज्य में प्रवेश नहीं कर सके.'

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उन्होंने कहा कि ये लोग सीमा पार नहीं कर सके, इसलिए अचाड गांव में फंस गए. वे घंटों तक सीमा पर खड़े रहे. चूंकि कोरोना वायरस के चलते इतनी बड़ी संख्या में उनका एक स्थान पर मौजूद होना जोखिम भरा था, इसलिए जिला और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मुंबई और आसपास के इलाकों में लौट जाने के लिए समझाना शुरू किया.

अधिकारी ने कहा कि शुरू में ये लोग गुजरात और राजस्थान जाने पर अड़े थे, लेकिन बाद में अपने स्थानों पर लौटने को सहमत हो गए.

वासवे ने कहा कि अधिकारियों ने इन लोगों को भोजन-पानी उपलब्ध कराया और उनके परिवहन के लिए व्यवस्था की.

उन्होंने कहा कि इन लोगों के मुंबई और आसपास के इलाकों में लौट जाने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली है.

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