नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी के मद्देनजर गत 22 मार्च से बंद दिल्ली व उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मेट्रो के परिचालन को सात सितम्बर से 'क्रमबद्ध तरीके' से बहाल करने मंजूरी मिल गई है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि वह दिल्ली मेट्रो का संचालन सात सितंबर से चरणबद्ध रूप से शुरू किये जाने की अनुमति मिलने से 'खुश' है.
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने एक बयान में कहा, 'अनलॉक-चार के तहत गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार दिल्ली मेट्रो सात सितम्बर से क्रमबद्ध तरीके से लोगों के लिए अपनी सेवाओं को फिर से शुरू करेगी.'
अधिकारियों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी किए जाने के बाद मेट्रो की कार्य पद्धति और आम जनता द्वारा इसके इस्तेमाल के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी.
लॉकडाउन से पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो से रोजाना करीब 25 हजार यात्री सफर करते थे. पिछले 5 महीने
आगामी सात सितंबर से फिर से शहरवासियों को लखनऊ मेट्रो की सुविधा मिलने लगेगी. 21 मार्च को लॉकडाउन के बाद अब फिर से यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल कर सकेंगे. मेट्रो की सुविधा मिलने से यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में काफी सुविधा होगी. केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद अब लखनऊ मेट्रो भी चार माह से ज्यादा समय के बाद फिर से पटरी पर दौड़ती नजर आएगी.
कोरोना महामारी के कारण उत्तर प्रदेश में जब 21 मार्च से सरकार ने लॉकडाउन घोषित किया तो अन्य परिवहन सुविधाओं की तरह लखनऊ मेट्रो के संचालन पर भी रोक लगा दी गई. इसके बाद जब अनलॉक हुआ तो परिवहन निगम की बसों के साथ ही ऑटो, टेंपो, ई रिक्शा और सिटी बस को संचालन की इजाजत दे दी गई, लेकिन लखनऊ मेट्रो को हरी झंडी नहीं मिली. अब आगामी सात सितंबर से चार माह से ज्यादा समय के बाद लखनऊ में एक बार फिर से मेट्रो संचालित होती हुई नजर आएगी.
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सात सितंबर से लखनऊ में मेट्रो का संचालन तो शुरू हो जाएगा, लेकिन अभी सरकार ने स्कूल और कॉलेजों को खुलने की इजाजत नहीं दी है. वहीं शहर में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. दफ्तरों में अभी ज्यादा कर्मचारी भी नहीं आ रहे हैं. ऐसे में मेट्रो अगर संचालित भी होती है तो यह कॉरपोरेशन के लिए घाटे का ही सौदा साबित होगा.