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अहमदाबाद : सामूहिक विवाह में एक साथ 1100 हिन्दू-मुस्लिम जोड़ों ने रचाई शादी

गुजरात में भव्य सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हिंदू और मुस्लिम धर्म के 1100 जोड़े ने हिस्सा लिया और विवाह बंधन में बध गए. पढ़ें पूरी खबर...

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सामूहिक विवाह
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Published : Feb 9, 2020, 7:48 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 5:21 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हिन्दू और मुस्लिम धर्म के 1100 जोड़ों ने हिस्सा लिया और विवाह बंधन में बध गए.

सार्वजनिक ट्रस्ट के द्वारा इस सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया. इतना ही नहीं इस मौके पर नवविवाहित जोड़ों को उपहार भी बांटे गए हैं.

दुल्हन बनी मोहम्मदी बानो ने कहा कि यह वास्तव में गरीब परिवारों के लिए एक बड़ी मदद है, जो महंगी शादियां करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'हमें अच्छा लग रहा है कि हम इस तरह के आयोजन का हिस्सा हैं.'

सामूहिक विवाह

वहीं एक अन्य प्रतिभागी ने कहा कि सामूहिक विवाह परिवरों पर वित्तीय बोझ को कम करता है. यह एक अच्छी प्रथा है. इस प्रकार बचाए गए धन का उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जा सकता है.

एक और प्रतिभागी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से हमारे माता-पिता पर बोझ कम हो जाता है और हमारे पास बचे पैसों से हम भविष्य में अपने लिए कुछ कर सकते हैं.

सामूहिक विवाह समारोह में दुल्हा बने जितेंद्र ने कहा कि जब देश में एकता होती है तभी इस तरह की घटना संभव है. यह अच्छा है कि इस आयोजन में हिंदू और मुस्लिम एक साथ हैं.

अहमदाबाद : गुजरात में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हिन्दू और मुस्लिम धर्म के 1100 जोड़ों ने हिस्सा लिया और विवाह बंधन में बध गए.

सार्वजनिक ट्रस्ट के द्वारा इस सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया. इतना ही नहीं इस मौके पर नवविवाहित जोड़ों को उपहार भी बांटे गए हैं.

दुल्हन बनी मोहम्मदी बानो ने कहा कि यह वास्तव में गरीब परिवारों के लिए एक बड़ी मदद है, जो महंगी शादियां करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'हमें अच्छा लग रहा है कि हम इस तरह के आयोजन का हिस्सा हैं.'

सामूहिक विवाह

वहीं एक अन्य प्रतिभागी ने कहा कि सामूहिक विवाह परिवरों पर वित्तीय बोझ को कम करता है. यह एक अच्छी प्रथा है. इस प्रकार बचाए गए धन का उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जा सकता है.

एक और प्रतिभागी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से हमारे माता-पिता पर बोझ कम हो जाता है और हमारे पास बचे पैसों से हम भविष्य में अपने लिए कुछ कर सकते हैं.

सामूहिक विवाह समारोह में दुल्हा बने जितेंद्र ने कहा कि जब देश में एकता होती है तभी इस तरह की घटना संभव है. यह अच्छा है कि इस आयोजन में हिंदू और मुस्लिम एक साथ हैं.

Last Updated : Feb 29, 2020, 5:21 PM IST
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