नई दिल्ली: देश में खासतौर से बिहार, यूपी और झारखंड में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अब राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी संख्या में महिलाएं छठ का पर्व मनाती हैं. आज दिल्ली के तमाम छोटे बड़े घाटों पर इसकी झलक दिखने को मिली है. चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत की शुरुआत मंगलवार से नहाय खाय के साथ शुरू हुई. आज छठ का तीसरा दिन है. आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस बाबत पश्चिमी दिल्ली के तिहाड़ गांव में दिल्ली के दूसरे सबसे बड़े छठ घाट पर जोरदार तैयारियां चल रही हैं, ताकि शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देने में महिलाओं को किसी तरह की तकलीफ न हो.
सुभाष नगर के पास मौजूद तिहाड़ गांव स्थित झील वाले पार्क में करीब 500 से 600 घाट तैयार किए गए हैं. स्थानीय, राम नरेश प्रसाद ने बताया कि तिहाड़ गांव स्थित झील वाले पार्क में महिलाओं की सुरक्षा का विशेष प्रबंध किए गए हैं. यहां निजी सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए गए हैं. इसके अलावा दिल्ली पुलिस का भी पूरा सहयोग रहता है.
वहीं, छठ घाट पर सूर्य देव की बड़ी प्रतिमा को स्थापित किया गया है. स्वर्गीय शारदा सिन्हा के गीत लगातार बजाए जा रहे हैं. बिहार से लेकर पूर्वांचल के सभी लोगों के जहन में शारदा सिन्हा के लिए असीम प्यार है. इसलिए आज और कल सुबह तक लगातार उनके गीत छठ घाटों पर बजाये जाएंगे. शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. ताकि घाट पर भक्तिमय माहौल बना रहे. इस घाट पर हर पार्टी, धर्म, समुदाय के लोग छठ मनाने आते हैं.
वहीं, श्याम पासवान ने बताया कि यह यमुना छठ घाट के बाद दूसरा सबसे बड़ा छठ पूजा घाट है. यहां का कुल गोलाकार क्षेत्रफल 5 किलोमीटर है. इसकी लंबाई 1 किलोमीटर है और चौड़ाई 700 मीटर है. 25 वर्षों से इस पार्क में छठ का पर्व मनाया जाता है. यहां 20 हजार तक महिलाएं छठ का पर्व मनाने आती हैं.
जानकारी के अनुसार, इस छठ घाट पर छठ पूजा के एक हफ्ते पहले लोगों को जगह अलॉट की जाती हैं. वहीं, घाट पर जाने वाले पानी का इंतज़ाम दिल्ली सरकर द्वारा किया जाता है. अपनी बहन के लिए छठ घाट सजा रहे अवधेश ने बताया कि वह आज सुबह से ही पूजा के लिए घाट तैयार कर रहे हैं. घाट को केले के पत्ते, गेंदे फूल, गुब्बारे और रिबन से सजाया है. शाम को परिवार के सभी लोग घाट पर सूर्य देव को अर्घ्य देने आएंगे.
बता दें कि दिल्ली विकास प्रधिकरण के पास स्थित झील वाले पार्क में आधी सुरंग नुमा घाट तैयार किये गए हैं. इसमें पानी लगाकर पानी रोकने के इंतज़ाम हैं. वहीं पार्क में छोटे झूले और बच्चों के लिए घलो की भी लगाई गई है.
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