गया: ज्ञानभूमि बोधगया में 50 साल से उपर की महिलाएं पढ़ाई कर रही हैं. किसानी परिवेश से जुड़ी इन महिलाओं को जापान की निकको संस्था शिक्षित करने में जुटी हुई है. जिले के बतसपुर गांव की महिलाएं बुनियादी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.
50 साल की महिलाएं कर रही शिक्षा ग्रहण
गया जिले में पिछले 2 सप्ताह पहले इसकी शुरूआत हुई. स्कूल में औसतन 50 साल की उम्र की 35 महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. इसका मुख्य उदेश्य महिलाओं को शिक्षित कर ऑर्गनिक खेती और मार्केट को बढ़ावा देना है. महिलाएं बताती हैं, 'आज से पहले हाथ में कभी कलम नहीं पकड़ी थी'. लेकिन आज हस्ताक्षर करना सीख गयी. शुरूआत में संस्था की तरफ से महिलाओं को ही पढ़ाने की पहल पर थोड़ा अटपटा सा लगा. इस उम्र में क्या पढ़ाएंगे और हमलोग क्या सीखेंगे.
पढ़ें: दिल्ली-लखनऊ रूट पर निजी ऑपरेटर चलाएंगे तेजस एक्सप्रेस: सूत्र
गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही महिलाएं
संस्था के सदस्यों ने पढ़ाई के बारे में बताया, इस उम्र में भी पढ़कर जीविकोपार्जन कर सकती हैं. स्वालम्बी बन सकती हैं. शुरूआत में थोड़ी बहुत परेशानी हुई, लेकिन अब सब अच्छा है. घर के लोग भी सहयोग करते हैं. रोजाना कुछ न कुछ सीखने को मिलता है. महिलाओं का कहना है कि 'अब से ठप्पा की जगह हस्ताक्षर करेंगे'. यहां महिलाएं गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही हैं.
जापान सरकार से सहयोग से चल रहा प्रोजेक्ट
बोध गया संस्था निदेशक मनोरंजन कुमार ने बताया कि जापान की निकको संस्था को ऑर्गनिक खेती का प्रोजेक्ट भेजा था. जिसके बाद टीम बोधगया के बतसपुर गांव पहुंची. जापानी टीम ने यहां कि अशिक्षित महिलाओं को शिक्षित करने का सुझाव दिया. महिलाओं को शिक्षित करने के बाद ही प्रोजेक्ट सफल हो सकता है. संस्था ने इच्छुक महिलाओं को पढ़ाने की शुरूआत की. आज महिलाएं लिखना सिख चुकी हैं. यह तीन साल का प्रोजेक्ट हैं, जिसमें जापान सरकार का भी सहयोग हैं.
महिलाओं को शिक्षित करने के पीछे का कारण
- निकको संस्था ऑर्गनिक खेती प्रोजेक्ट पर कर रही है काम.
- प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए अनपढ़ महिलाओं को किया जा रहा है शिक्षित
- किसानी परिवेश से जुड़ी महिलाएं कर रही हैं पढ़ाई .
- जापान की निकको संस्था के द्वारा महिलाओं को शिक्षित कराया जा रहा है.
- औसतन 50 साल की उम्र की 35 महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.
- महिलाएं अब ठप्पा की जगह हस्ताक्षर कर रही हैं.
- गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही महिलाएं.
- तीन साल का है यह प्रोजेक्ट हैं, जापान सरकार भी है सहयोगी.