नई दिल्ली : चीन में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस के मद्देनजर नेपाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करने वाले राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
इस बीच केंद्र ने 15 जनवरी से चीन से आने वाले सभी यात्रियों की जांच कराने का भी फैसला लिया. केंद्र ने उन सभी लोगों की देश वापसी के इंतजाम भी किए हैं, जो चीन में फंसे हुए है.
वायरस के प्रति जागरूक करने की हो रही कोशिशें
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं की सहायता कर रहे हैं ताकि नागरिकों को नोवेल कोरोना वायरस (nCoV) के बारे में पता चल सके.
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पांच राज्यों में बरती जा रही अधिकतम सावधानी
स्वास्थ्य सचिव संजीव कुमार ने भी शुक्रवार को नोवेल कोरोना वायरस के मद्देनजर इस पांच राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक विशेष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की.
सरकारी अधिकारियों ने कहा, 'जैसा कि ये राज्य नेपाल के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं, इसलिए, हम इन राज्यों में अधिकतम सावधानी बरत रहे हैं.'
6 अन्य प्रयोगशालाएं ने शुरू किया काम
इस वायरस के चलते पहले से मौजूद छह प्रयोगशालाओं के साथ कोलकाता, सिकंदराबाद, लखनऊ, जयपुर, नागपुर और चेन्नई में शुक्रवार से छह और प्रयोगशालाओं ने काम करना शुरू कर दिया है.
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49 नमूने जांच के लिए भेजे गए
शुक्रवार को nCoV जांच के लिए 234 उड़ानों के 43346 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई है.
बता दें पुणे में जांच के लिए 49 नमूने भेजे गए, जिनमें से एक को वायरस से ग्रसित पाया गया.
दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में पांच मरीज भर्ती
इसी बीच कोरोना वायरस से संभावित खतरे के चलते चार पुरुष और एक महिला समेत पांच व्यक्तियों को राजधानी दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
17 देशों में फैल चुकी बीमारी
दुनियाभर में फैल रहे इस जानलेवा वायरस का उद्गम चीन में है. इसने चीन में पहले ही कम से कम 170 लोगों को मार डाला है और 7,700 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है.
यह बीमारी अब कम से कम 17 देशों में फैल चुकी है.