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अयोध्या मामले में एक कदम और, केंद्र सरकार ने बनाई तीन अफसरों की अलग डेस्क

अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर को फैसला सुनाया था. फैसले के करीब दो महीने बाद केंद्र सरकार ने इससे संबंधित सभी मामलों को देखने के लिए एक अलग से डेस्क बनाई है.

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राम मंदिर
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Published : Jan 2, 2020, 6:05 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 7:33 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या मामले में पिछले वर्ष नौ नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. फैसले के करीब दो महीने बाद केंद्र सरकार ने इससे संबंधित सभी मामलों को देखने के लिए एक अलग से डेस्क बनाई है. इसकी अध्यक्षता एडिशनल सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी करेंगे. गृह मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई.

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि अयोध्या मामले और न्यायालय के फैसलों से जुड़े मामले को तीन अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा और टीम का नेतृत्व एडिशनल सेक्रेटरी ज्ञानेश कुमार करेंगे.

उच्चतम न्यायालय के बीते नौ नवंबर के फैसले के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण है . न्यायालय के आदेश के बाद अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था.

शीर्ष न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन प्रदान करने और राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाने का भी आदेश दिया था .

ज्ञानेंद्र कुमार के नेतृत्व में अब गृह मंत्रालय का यह नया विभाग अयोध्या संबंधी सभी मामलों को देखेगा .

ऐसी खबरें हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर अयोध्या में ऐसे तीन भूखंडों का सुझाव दिया है, जिसमें से एक भूखंड को उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंपा जा सकता है .

एक अधिकारी ने कहा, 'ऐसे सभी मामलों पर अब गृह मंत्रालय की नई डेस्क पर गौर किया जाएगा.'

संयोग से कुमार गृह मंत्रालय में जम्मू कश्मीर और लद्दाख मामलों के विभाग के भी प्रमुख हैं .

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के केंद्र सरकार के फैसले के दौरान उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही थी.

गृह मंत्रालय में 1990 के दशक में और 2000 के शुरुआती वर्षों में एक विशेष अयोध्या प्रकोष्ठ था, लेकिन अयोध्या पर लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया था .

ये भी पढ़ें- VHP का 2020 संकल्प : राम मंदिर निर्माण, जाति प्रथा का खात्मा

इसी आदेश में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि आंतरिक सुरक्षा-II खंड को आंतरिक सुरक्षा-I खंड में मिला दिया गया है और इसके बाद इसे आंतरिक सुरक्षा-I खंड के नाम से जाना जाएगा.

संयुक्त सचिव (महिला सुरक्षा) पुण्य सलिला श्रीवास्तव को गृह मंत्रालय में उनकी मौजूदा जिम्मेदारी के साथ आंतरिक सुरक्षा -I खंड का प्रभार दिया गया है .

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या मामले में पिछले वर्ष नौ नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. फैसले के करीब दो महीने बाद केंद्र सरकार ने इससे संबंधित सभी मामलों को देखने के लिए एक अलग से डेस्क बनाई है. इसकी अध्यक्षता एडिशनल सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी करेंगे. गृह मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई.

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि अयोध्या मामले और न्यायालय के फैसलों से जुड़े मामले को तीन अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा और टीम का नेतृत्व एडिशनल सेक्रेटरी ज्ञानेश कुमार करेंगे.

उच्चतम न्यायालय के बीते नौ नवंबर के फैसले के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण है . न्यायालय के आदेश के बाद अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था.

शीर्ष न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन प्रदान करने और राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाने का भी आदेश दिया था .

ज्ञानेंद्र कुमार के नेतृत्व में अब गृह मंत्रालय का यह नया विभाग अयोध्या संबंधी सभी मामलों को देखेगा .

ऐसी खबरें हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर अयोध्या में ऐसे तीन भूखंडों का सुझाव दिया है, जिसमें से एक भूखंड को उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंपा जा सकता है .

एक अधिकारी ने कहा, 'ऐसे सभी मामलों पर अब गृह मंत्रालय की नई डेस्क पर गौर किया जाएगा.'

संयोग से कुमार गृह मंत्रालय में जम्मू कश्मीर और लद्दाख मामलों के विभाग के भी प्रमुख हैं .

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के केंद्र सरकार के फैसले के दौरान उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही थी.

गृह मंत्रालय में 1990 के दशक में और 2000 के शुरुआती वर्षों में एक विशेष अयोध्या प्रकोष्ठ था, लेकिन अयोध्या पर लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया था .

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इसी आदेश में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि आंतरिक सुरक्षा-II खंड को आंतरिक सुरक्षा-I खंड में मिला दिया गया है और इसके बाद इसे आंतरिक सुरक्षा-I खंड के नाम से जाना जाएगा.

संयुक्त सचिव (महिला सुरक्षा) पुण्य सलिला श्रीवास्तव को गृह मंत्रालय में उनकी मौजूदा जिम्मेदारी के साथ आंतरिक सुरक्षा -I खंड का प्रभार दिया गया है .

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PRI GEN NAT
.NEWDELHI DEL45
MHA-LD AYODHYA
Govt sets up dedicated desk to look after Ayodhya issue
(Eds: Updating with details)
         New Delhi, Jan 2 (PTI) The government has set up a dedicated desk, headed by an additional secretary, to look after all matters related to the Supreme Court verdict on the Ayodhya issue.
         In an official order, the Union Home Ministry said Ayodhya matters and related court judgements will be handled by three officers, headed by Additional Secretary Gynesh Kumar.
         The move bears significance in the wake of November 9 judgement of the Supreme Court which allowed construction of a Ram Temple in the disputed site in Ayodha.
         The apex court also ordered handing over of a 5-acre plot to Uttar Pradeah Sunni Waqf Board and setting up of a trust for construction of the Ram temple.
         Now, this new wing of the home ministry, headed by Kumar, will look after all matters related to the Ayodhya issue.
         There have been reports that the Uttar Pradesh government has sent a proposal to the home ministry suggesting three plots in Ayodhya, one of which can be given to UP Sunni Waqf Board.
         "All such matters will be now handled by the new desk in the home ministry," an official said.
         Interestingly, Kumar also heads the Department of Jammu and Kashmir and Ladakh affairs in the home ministry.
         He was the key officer in the central government's move to abrogate the special status given to Jammu and Kashmir and bifurcation of the state into two Union Territories.
         There was a dedicated Ayodha cell in the home ministry in the 1990s and early 2000s but it was closed down after the submission of the Liberhan Commission of Inquiry on Ayodha.
         In the same order, the home ministry also said the Internal Security-II division has been merged with the Internal Security-I division and henceforth it will be known as Internal Security-I division.
         Joint Secretary (Women Safety) Punya Salila Srivastava has been given the charge of the merged Internal Security-I division along with her present responsibility in the home ministry. PTI ACB
ZMN
01021703
NNNN
Last Updated : Jan 2, 2020, 7:33 PM IST
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