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ओडिशा : दलालों के हाथों बिकती जिंदगी, बढ़ रहा देह व्यापार

ओडिशा में देह व्यापार का धंधा बढ़ता जा रहा है और मासूम लड़कियां इस धंधे का शिकार बनती जा रही हैं. देह व्यापार के इस जाल में फंसने वाली ज्यादातर लड़कियां बंगलादेश और थाईलैंड से हैं.

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देह व्यापार
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Published : Sep 1, 2020, 8:19 PM IST

Updated : Sep 1, 2020, 9:01 PM IST

भुवनेश्वर : ओडिशा में देह व्यापार का गोरख धंधा बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है. यह व्यापार होटल और स्पा में धड़ल्ले से चलाया जा रहा है. बंगलादेश और थाईलैंड की युवतियां इस धंधे में शामिल हैं. लड़कियों की कीमत मोबाइल फोन पर लगाई जा रही है. राज्य की राजधानी भुवनेश्वर सहित विभिन्न जिलों में यह व्यापार फैल रहा है.

पिछले कई महीनों से ग्राहकों की बढ़ती मांग के चलते देह व्यापार का यह धंधा राज्य में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. एक रात के लिए एक लड़की की कीमत पांच हजार से लेकर दस हजार रुपये तक लगाई जा रही है. पुलिस से बचने के लिए वॉट्स एप चैटिंग के माध्यम से लड़कियों की कीमत तय की जा रही है.

इसके बाद दलाल लड़कियों के साथ पहले से तय स्थान पर पहुंचते हैं. यह धंधा होम सर्विस से लेकर कॉर्पोरेट स्थानों तक फैला हुआ है.

पिछले कुछ महीनों में पुलिस द्वारा की गई छापेमारी से इस रैकेट के बारे में पता चला है.

21 जनवरी, 2020

लिंगराज पुलिस स्टेशन के अंतर्गत पुराने शहर में एक किराए के घर से दो ग्राहकों के साथ छह कॉल गर्ल्स को बचाया गया था. स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा की गई जांच के बाद छह लड़कियों को बचाया गया था, जबकि रैकेट के मास्टरमाइंड सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जांच में यह भी पता चला की लड़कियों को बांग्लादेश से लाया जाता है और इस धंधे में धकेल दिया जाता है.

25 दिसंबर, 2019

लक्ष्मीसागर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले एक होटल से एक बांग्लादेशी लड़की को गिरफ्तार किया गया था. लड़की की गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई थी कि बंगलादेश से कई लड़कियां नकली आधार कार्ड बनवा कर राज्य में आ रही थीं.

1 दिसंबर, 2019

राज्य की राजधानी भुवनेश्वर के खंडागिरी इलाके के एम्स नगर में होटल सनशिप से छह युवतियों को बचाया गया था और चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस रैकेट से पुलिस को यह पता चला कि किस तरह कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाली युवतियों का इस्तेमाल किया जा रहा था और यह धंधा करने के लिए मजबूर किया जा रहा था.

4 सितंबर, 2019

खंडागिरी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सीडीए क्षेत्र से तीन कॉल गर्ल्स को बचाया गया था और दो ग्राहकों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों ने इस व्यापार की ऑन-लाइन सेवा के रहस्यों की पोल खोली थी.

29 मई 2018

खारवेल नगर थाना क्षेत्र के रंगीला बार से थाईलैंड की एक लड़की को बचाया गया और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस को कार्रवाई के दौरान इस रैकेट के थाईलैंड कनेक्शन के बारे में पता चला था.

इस व्यापार को खत्म करने के लिए 21 मई 2017 को पुलिस ने इम्मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट 1956 के आधार पर कड़ी कार्रवाई की थी. पुलिस ने भुवनेश्वर और कटक के सात स्थानों- बापूजी नगर क्षेत्र में जनता पैलेस, खुशबू ब्यूटी पार्लर, निर्मल पैलेस, पुराने स्टेशन क्षेत्र में एक ब्यूटी पार्लर और चंद्रशेखरपुर में मैत्री गेस्ट हाउस को वेश्यालय घोषित कर इन जगहों को सील कर दिया था.

हालांकि लगातार हो रही कार्रवाई और छापेमारी के बावजूद यह गोरख धंधा पूरे जोरों से किया जा रहा है. पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है. पुलिस के इस ढुलमुल रवैये और रैकेट में प्रभावशाली व्यक्तियों के शामिल होने के चलते इस धंधे पर रोक लगाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

भुवनेश्वर : ओडिशा में देह व्यापार का गोरख धंधा बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है. यह व्यापार होटल और स्पा में धड़ल्ले से चलाया जा रहा है. बंगलादेश और थाईलैंड की युवतियां इस धंधे में शामिल हैं. लड़कियों की कीमत मोबाइल फोन पर लगाई जा रही है. राज्य की राजधानी भुवनेश्वर सहित विभिन्न जिलों में यह व्यापार फैल रहा है.

पिछले कई महीनों से ग्राहकों की बढ़ती मांग के चलते देह व्यापार का यह धंधा राज्य में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. एक रात के लिए एक लड़की की कीमत पांच हजार से लेकर दस हजार रुपये तक लगाई जा रही है. पुलिस से बचने के लिए वॉट्स एप चैटिंग के माध्यम से लड़कियों की कीमत तय की जा रही है.

इसके बाद दलाल लड़कियों के साथ पहले से तय स्थान पर पहुंचते हैं. यह धंधा होम सर्विस से लेकर कॉर्पोरेट स्थानों तक फैला हुआ है.

पिछले कुछ महीनों में पुलिस द्वारा की गई छापेमारी से इस रैकेट के बारे में पता चला है.

21 जनवरी, 2020

लिंगराज पुलिस स्टेशन के अंतर्गत पुराने शहर में एक किराए के घर से दो ग्राहकों के साथ छह कॉल गर्ल्स को बचाया गया था. स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा की गई जांच के बाद छह लड़कियों को बचाया गया था, जबकि रैकेट के मास्टरमाइंड सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जांच में यह भी पता चला की लड़कियों को बांग्लादेश से लाया जाता है और इस धंधे में धकेल दिया जाता है.

25 दिसंबर, 2019

लक्ष्मीसागर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले एक होटल से एक बांग्लादेशी लड़की को गिरफ्तार किया गया था. लड़की की गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई थी कि बंगलादेश से कई लड़कियां नकली आधार कार्ड बनवा कर राज्य में आ रही थीं.

1 दिसंबर, 2019

राज्य की राजधानी भुवनेश्वर के खंडागिरी इलाके के एम्स नगर में होटल सनशिप से छह युवतियों को बचाया गया था और चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस रैकेट से पुलिस को यह पता चला कि किस तरह कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाली युवतियों का इस्तेमाल किया जा रहा था और यह धंधा करने के लिए मजबूर किया जा रहा था.

4 सितंबर, 2019

खंडागिरी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सीडीए क्षेत्र से तीन कॉल गर्ल्स को बचाया गया था और दो ग्राहकों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों ने इस व्यापार की ऑन-लाइन सेवा के रहस्यों की पोल खोली थी.

29 मई 2018

खारवेल नगर थाना क्षेत्र के रंगीला बार से थाईलैंड की एक लड़की को बचाया गया और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस को कार्रवाई के दौरान इस रैकेट के थाईलैंड कनेक्शन के बारे में पता चला था.

इस व्यापार को खत्म करने के लिए 21 मई 2017 को पुलिस ने इम्मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट 1956 के आधार पर कड़ी कार्रवाई की थी. पुलिस ने भुवनेश्वर और कटक के सात स्थानों- बापूजी नगर क्षेत्र में जनता पैलेस, खुशबू ब्यूटी पार्लर, निर्मल पैलेस, पुराने स्टेशन क्षेत्र में एक ब्यूटी पार्लर और चंद्रशेखरपुर में मैत्री गेस्ट हाउस को वेश्यालय घोषित कर इन जगहों को सील कर दिया था.

हालांकि लगातार हो रही कार्रवाई और छापेमारी के बावजूद यह गोरख धंधा पूरे जोरों से किया जा रहा है. पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है. पुलिस के इस ढुलमुल रवैये और रैकेट में प्रभावशाली व्यक्तियों के शामिल होने के चलते इस धंधे पर रोक लगाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Last Updated : Sep 1, 2020, 9:01 PM IST
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