मुंबई: भाजपा उम्मीदवार और मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के आपत्तिजनक बयान के बाद पूरे विपक्ष ने उनको घेर लिया. इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनको एटीएस के प्रमुख रहे दिवंगत हेमंत करकरे पर विवादित बयान नहीं देना चाहिए था.
प्रज्ञा इस बयान को लेकर विवादों में हैं कि करकरे की मुंबई हमले के दौरान इसलिए मृत्यु हुई क्योंकि उन्होंने मालेगांव विस्फोट मामले की जांच के दौरान उन्हें 'यातनाएं' दिये जाने के लिए उन्हें (करकरे) श्राप दिया था. इस मामले की जांच के दौरान करकरे राज्य आतंकवाद रोधी दस्ते के प्रमुख थे.
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फडणवीस ने कहा, 'दिवंगत करकरे बहुत बहादुर और तेजतर्रार पुलिस अधिकारी थे और उन्हें हमेशा शहीद के तौर पर याद किया जाएगा. साध्वी प्रज्ञा की टिप्पणी उनकी निजी राय है और हम इसका समर्थन नहीं करते.'
उन्होंने कहा, 'उन्होंने माफी भी मांगी है और कहा है कि यह (बयान) व्यक्तिगत दर्द के कारण दे दिया. हालांकि मुझे लगता है कि इस तरह के बयान कभी नहीं दिये जाने चाहिए.'
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बता दें कि साध्वी प्रज्ञा के बयान पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. कांग्रेस ने पीएम मोदी से माफी मांगने को कहा है. भारतीय जनता पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया है.