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पीएम मोदी के आह्वान के बाद मुधोल कुत्तों की मांग और कीमत बढ़ी - मुधोल कुत्तों

पीएम नरेंद्र मोदी के भारतीय नस्ल के कुत्ते पालने के आह्वान के बाद मुधोल हाउंड कुत्तों की मांग बढ़ गई है. जिसके परिणामस्वरूप इस कुत्ते की कीमत में जबर्दस्त उछाल आया है. एक मुधोल हाउंड की कीमत 18,000 से 20,000 रुपये तक हो गई है.

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मुधोल कुत्तों
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Published : Sep 10, 2020, 10:25 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:49 PM IST

बागलकोट (कर्नाटक): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में भारतीय नस्ल के कुत्तों को पालने का आह्वान किया था. उन्होंने मुधोल हाउंड समेत भारतीय नस्ल के कुछ कुत्तों के नाम भी बताए थे. प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के बाद मुधोल हाउंड की मांग और कीमत बढ़ गई है.

मुधोल कुत्तों की मांग और कीमत बढ़ी

पहले फीमेल मुधोल हाउंड की कीमत 9,000 रुपये तक और मेल मुधोल हाउंड की 10,000 रुपये तक थी. पीएम मोदी के आह्वान के बाद इनकी कीमत बढ़कर 18,000 से 20,000 रुपये तक हो गई है.

मुधोल हाउंड कुत्तों को पालने और बेचने वाले पशुपालक इनकी कीमत बढ़ने से काफी खुश हैं. यह कुत्ते अपनी शारीरिक बनावट और शिकार की क्षमता के कारण काफी लोकप्रिय हैं. इन्हें शिकारी कुत्तों के रूप में भी जाना जाता है. यह कुत्ते सक्रियता के साथ शिकार करते हैं. लंबे पैर और पतले शरीर वाले मुधोल हाउंड कुत्ते अब हर किसी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं.

कर्नाटक के बागलकोट जिले के थिम्मापुरम में कुत्ते के प्रजनन केंद्र में कुल 40 कुत्ते हैं, लेकिन अब इनकी मांग बढ़ गई है. केंद्र के प्रमुख महेश आकाशी का कहना है कि वह आने वाले दिनों में मुधोल कुत्तों को कर्नाटक पुलिस बल में भेजने की योजना बना रहे हैं.

गौरतलब है कि मुधोल हाउंड कुत्ते पहले से ही सेना में शामिल थे. राजा-महाराजा काल में इसका इस्तेमाल रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाता था. पीएम मोदी द्वारा तारीफ के बाद इस नस्ल के कुत्तों की मांग बढ़ गई है. अब इसे प्रधानमंत्री की पसंद के कुत्ते के रूप में देखा जा रहा है.

मुधोल हाउंड लगभग 500 ईसा पूर्व का बताया जा रहा है. महाराजा मालोजीराव ने पहली बार मुधोल कुत्ते की क्षमता की पहचान की थी और रक्षा उद्देश्य के लिए इनका उपयोग किया था. शिवाजी महाराज ने भी अपनी सेना में मुधोल कुत्तों का इस्तेमाल किया था. मुधोल कुत्ते स्वतंत्रता संग्राम में भी शामिल थे. इस नस्ल के कुत्ते वर्तमान में भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल व सीआरपीएफ में सेवारत हैं.

यह भी पढ़ें- प्रेरक : आधा वेतन खर्च कर पर्यावरण सुरक्षा में जुटीं गीतांजलि

आपको बता दें कि इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने कोप्पल (कर्नाटक) में बनने वाली किन्नला गुड़िया (Kinnala Dolls) और चन्नपटना गुड़िया (Channapatna dolls) की तारीफ की थी, जिसके बाद उनकी मांग और कीमत बढ़ गई थी.

बागलकोट (कर्नाटक): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में भारतीय नस्ल के कुत्तों को पालने का आह्वान किया था. उन्होंने मुधोल हाउंड समेत भारतीय नस्ल के कुछ कुत्तों के नाम भी बताए थे. प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के बाद मुधोल हाउंड की मांग और कीमत बढ़ गई है.

मुधोल कुत्तों की मांग और कीमत बढ़ी

पहले फीमेल मुधोल हाउंड की कीमत 9,000 रुपये तक और मेल मुधोल हाउंड की 10,000 रुपये तक थी. पीएम मोदी के आह्वान के बाद इनकी कीमत बढ़कर 18,000 से 20,000 रुपये तक हो गई है.

मुधोल हाउंड कुत्तों को पालने और बेचने वाले पशुपालक इनकी कीमत बढ़ने से काफी खुश हैं. यह कुत्ते अपनी शारीरिक बनावट और शिकार की क्षमता के कारण काफी लोकप्रिय हैं. इन्हें शिकारी कुत्तों के रूप में भी जाना जाता है. यह कुत्ते सक्रियता के साथ शिकार करते हैं. लंबे पैर और पतले शरीर वाले मुधोल हाउंड कुत्ते अब हर किसी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं.

कर्नाटक के बागलकोट जिले के थिम्मापुरम में कुत्ते के प्रजनन केंद्र में कुल 40 कुत्ते हैं, लेकिन अब इनकी मांग बढ़ गई है. केंद्र के प्रमुख महेश आकाशी का कहना है कि वह आने वाले दिनों में मुधोल कुत्तों को कर्नाटक पुलिस बल में भेजने की योजना बना रहे हैं.

गौरतलब है कि मुधोल हाउंड कुत्ते पहले से ही सेना में शामिल थे. राजा-महाराजा काल में इसका इस्तेमाल रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाता था. पीएम मोदी द्वारा तारीफ के बाद इस नस्ल के कुत्तों की मांग बढ़ गई है. अब इसे प्रधानमंत्री की पसंद के कुत्ते के रूप में देखा जा रहा है.

मुधोल हाउंड लगभग 500 ईसा पूर्व का बताया जा रहा है. महाराजा मालोजीराव ने पहली बार मुधोल कुत्ते की क्षमता की पहचान की थी और रक्षा उद्देश्य के लिए इनका उपयोग किया था. शिवाजी महाराज ने भी अपनी सेना में मुधोल कुत्तों का इस्तेमाल किया था. मुधोल कुत्ते स्वतंत्रता संग्राम में भी शामिल थे. इस नस्ल के कुत्ते वर्तमान में भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल व सीआरपीएफ में सेवारत हैं.

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आपको बता दें कि इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने कोप्पल (कर्नाटक) में बनने वाली किन्नला गुड़िया (Kinnala Dolls) और चन्नपटना गुड़िया (Channapatna dolls) की तारीफ की थी, जिसके बाद उनकी मांग और कीमत बढ़ गई थी.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:49 PM IST
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