नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में प्रतिदिन सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर 25 प्रतिशत होना दर्शाता है कि राष्ट्रीय राजधानी में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की शुरुआत है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की जांच की दर कम कर रही है ताकि संक्रमण की बढ़ती संख्या के असल आंकड़ों को छिपाया जा सके.
पिछले कुछ दिनोंं में दिल्ली में करीब हर चौथे व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन ठीक होने की दर देश में सबसे कम है.
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह शर्मनाक है कि दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी संक्रमण दर देश में सर्वाधिक और लोगों के ठीक होने की दर सबसे कम है. यह दिल्ली के अस्पतालों की हालत खराब होने की वजह से है.
माकन ने कहा कि दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. फिर भी सरकार ने ओवर टेस्टिंग बंद करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है. जिसके तहत एक दिन में 4000 से ज्यादा जांच नहीं की जा सकती.
उन्होंने कहा कि आठ जून से मॉल और रेस्तराओं को खोलना दिल्ली सरकार का जल्दबाजी वाला कदम है और स्वास्थ्य अवसंरचना में सुधार होने तक ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.
माकन ने आरोप लगाया कि दिल्ली में 72 प्रतिशत कोविड समर्पित बिस्तर खाली पड़े हैं. दिल्ली में 38 सरकारी अस्पतालों में से 33 अस्पताल कोरोना वायरस के रोगियों का उपचार नहीं कर रहे हैं.
पढ़ें-नौ जून से खुल रहा है श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, ऑनलाइन क्यू सिस्टम से मिलेगा स्लॉट
गंगा राम अस्पताल के खिलाफ दर्ज की गई एक प्राथमिकी के मुद्दे पर, उन्होंने स्पष्ट किया कि वहां के 88 प्रतिशत बेड पर पहले ही कोरोना संक्रिमतों से भर गए हैं.
माकन ने ईटीवी भारत के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को पहले अपने काम में सुधार करना चाहिए और खाली कोरोना समर्पित बेड को भरना चाहिए. अगर गंगा राम अस्पताल बिना जांच किए ही मरीजों को भर्ती करने जा रहा है, तो यह विनाशकारी होगा.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार केवल छवि चमकाने में लगी है. इसके उलट कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिए कोई योजना नहीं बनाई है और न ही कोई तैयारी की है.