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कांग्रेस का आरोप, चीनी कंपनी को दिया गया स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका

कांग्रेस ने दावा किया है कि जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका जिस कंपनी को मिला है, उसने रिमोट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का ठेका डोंगफेंग कंपनी को दे दिया है जो एक चीनी कंपनी है. कांग्रेस ने चीनी कंपनी को ठेका देने को लेकर कई सवाल उठाए हैं.

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पवन खेड़ा
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Published : Jul 28, 2020, 11:06 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में बिजली का स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 'रिमोट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी' का ठेका चीन की कंपनी 'डोंगफेंग' को दिया गया है. हालांकि, कांग्रेस के इस दावे पर भाजपा अथवा सरकार की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को सवाल किया कि जब चीनी एप्स पर पाबंदी लगाई जा रही है तो फिर जम्मू-कश्मीर में एक महत्वपूर्ण ठेका चीनी कंपनी को क्यों दिया गया?

खेड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'डोंगफेंग नामक कंपनी विश्व के अनेक देशों में सक्रिय है और पाकिस्तान के साथ इसके विशेष संबंध हैं. पावर ग्रिड, स्मार्ट मीटर, मीटर के अंदर लगने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नोलॉजी आदि में यह कंपनी व्यापक समाधान के लिए जानी जाती है.'

खेड़ा ने कुछ कागजात जारी करते हुए दावा किया, 'जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका जिस कंपनी को मिला है, उसने रिमोट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का ठेका डोंगफेंग को दे दिया है.'

उन्होंने कहा, 'स्मार्ट मीटर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रेडियो फ्रीक्वेंसी अथवा रिमोट कम्युनिकेशन सिस्टम होता है. ऐसा महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील काम, एक बेहद संवेदनशील इलाके में होने वाला काम, एक ऐसी कंपनी को मिल जाए जो कि सीधे चीन की सरकार एवं सेना को रिपोर्ट करती हो तो यह विषय राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय हो जाता है.'

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, 'सीमावर्ती राज्य में ऊर्जा जैसे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन की एक विवादास्पद कंपनी को क्यों आने दिया जा रहा है? एक तरफ तो चीन से संबंधित ऐप पर पाबंदी लगाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर चीन की कंपनी के हाथों में जम्मू-कश्मीर के लोगों का महत्वूपर्ण डाटा क्यों दिया जा रहा है?'

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में बिजली का स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 'रिमोट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी' का ठेका चीन की कंपनी 'डोंगफेंग' को दिया गया है. हालांकि, कांग्रेस के इस दावे पर भाजपा अथवा सरकार की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को सवाल किया कि जब चीनी एप्स पर पाबंदी लगाई जा रही है तो फिर जम्मू-कश्मीर में एक महत्वपूर्ण ठेका चीनी कंपनी को क्यों दिया गया?

खेड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'डोंगफेंग नामक कंपनी विश्व के अनेक देशों में सक्रिय है और पाकिस्तान के साथ इसके विशेष संबंध हैं. पावर ग्रिड, स्मार्ट मीटर, मीटर के अंदर लगने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नोलॉजी आदि में यह कंपनी व्यापक समाधान के लिए जानी जाती है.'

खेड़ा ने कुछ कागजात जारी करते हुए दावा किया, 'जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका जिस कंपनी को मिला है, उसने रिमोट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का ठेका डोंगफेंग को दे दिया है.'

उन्होंने कहा, 'स्मार्ट मीटर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रेडियो फ्रीक्वेंसी अथवा रिमोट कम्युनिकेशन सिस्टम होता है. ऐसा महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील काम, एक बेहद संवेदनशील इलाके में होने वाला काम, एक ऐसी कंपनी को मिल जाए जो कि सीधे चीन की सरकार एवं सेना को रिपोर्ट करती हो तो यह विषय राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय हो जाता है.'

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, 'सीमावर्ती राज्य में ऊर्जा जैसे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन की एक विवादास्पद कंपनी को क्यों आने दिया जा रहा है? एक तरफ तो चीन से संबंधित ऐप पर पाबंदी लगाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर चीन की कंपनी के हाथों में जम्मू-कश्मीर के लोगों का महत्वूपर्ण डाटा क्यों दिया जा रहा है?'

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