लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर मामले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है. हमीरपुर जिले में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मुठभेड़ में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के करीबी अमर दुबे को मार गिराया है. पुलिस ने विकास के साथी श्यामू बाजपेई को भी गिरफ्तार किया है. इस बीच विकास दुबे पर घोषित इनामी राशि को बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है.
इस मामले में यूपी पुलिस की 40 टीमें लगातार गैंगस्टर विकास दुबे को तलाश कर रही हैं. पुलिस को सूचना मिली थी कि विकास दुबे फरीदाबाद में छुपा हुआ है, जिसके बाद पुलिस ने वहां होटल में छापेमारी की और विकास दुबे के एक रिश्तेदार समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि इसी होटल में विकास दुबे भी था.
इस बीच कानपुर मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. इसमें उत्तर प्रदेश चौबेपुर थाने को रडार पर लिया गया है. आईजी ने भी थाना चौबेपुर की संलिप्तता को संदिग्ध माना था, जिसके चलते 68 पुलिसकर्मियों को मंगलवार देर रात आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल ने लाइन हाजिर कर दिया था.
इनाम की राशि बढ़ाकर की गई पांच लाख
विकास दुबे को पकड़ने की कोशिश लगातार जारी है. इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे पर घोषित इनाम को ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया है. बता दें, जिस वक्त शूटआउट हुआ, उस समय हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. इसके बाद इसे बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया था, लेकिन विकास की खबर न मिलने से परेशान आईजी ने इनाम की राशि बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने के लिए डीजीपी को खत लिखा था.
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अमर पर था 25 हजार का इनाम
एसटीएफ के महानिरीक्षक अमिताभ यश ने बताया कि अमर दुबे पर 25000 रुपए का इनाम घोषित था और वह पिछले हफ्ते चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में बदमाशों द्वारा घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में शामिल था.
अधिकारी ने बताया कि इस वारदात का मुख्य आरोपी पांच लाख का इनामी गैंगस्टर विकास दुबे अब भी फरार है. उसकी तलाश में पुलिस की अनेक टीमें लगी हुई हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा 'हम उसे पकड़ने की कोशिश में लगे हैं और हमारे दल कार्यरत हैं.'
गौरतलब है कि गत दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात करीब एक बजे गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गए पुलिस दल पर उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला कर एक पुलिस क्षेत्राधिकारी, तीन दारोगा और चार कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी थी.