नई दिल्ली: सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस के दावों को झूठा बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए विपक्षी पार्टी ने कहा कि यह बयान जवानों की बहादुरी का अपमान है और पार्टी ने कभी सर्जिकल स्ट्राइक को चुनावी मुद्दा नहीं बनाया.
कांग्रेस ने कहा कि मोदी का यह 'शर्मनाक बयान जवानों के अदम्य साहस और बहादुरी का सीधा अपमान है कि कांग्रेस के समय सर्जिकल स्ट्राइक केवल कागजों पर हुई और कांग्रेस नेता उन्हें वीडियो गेम की तरह सोचते थे.'
आपको बता दें कि,पार्टी ने एक बयान में दावा किया, 'दुख की बात है कि मोदीजी ने 23 दिसंबर, 2013 की सर्जिकल स्ट्राइक पर तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के बयान को भी झुठला दिया है. यह एक प्रधानमंत्री के राजनीतिक दिवालियेपन को दर्शाता है, जबकि 2019 के चुनाव में हार निकट दिख रही है.
कांग्रेस की छह सर्जिकल स्ट्राइक
प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के सीकर में एक रैली में कहा था कि कांग्रेस के एक नेता ने चार महीने पहले दावा किया था कि कांग्रेस के शासनकाल में तीन सर्जिकल स्ट्राइक की गयीं और अब एक और नेता कह रहे हैं कि पार्टी ने छह सर्जिकल स्ट्राइक की थीं.
क्या बोले मोदी
मोदी ने कहा, 'चार महीने में संख्या तीन से बढ़कर छह हो गयी. चुनाव पूरे होने तक यह संख्या बढ़कर 600 हो जाएगी. जब स्ट्राइक कागज पर हुई हो तो इसके मायने ही क्या हैं. कांग्रेस केवल झूठ बोलती है.उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि ये नेता वीडियो गेम खेलते हैं और शायद सर्जिकल स्ट्राइक को गेम मानकर आनंद लेते हैं.
पीएम का बयान, जवानों का अपमान
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने कहा, 'मेरा खून खून है. आपका खून पानी है. इस सरकार ने जो सर्जिकल स्ट्राइक की, वो सही है. लेकिन पिछली सरकार में हमारे जवानों और वायु सेना ने जो स्ट्राइक की, क्या वह केवल कागज पर थी?उन्होंने कहा कि यह पिछली सरकारों में हवाई हमले करने वाले जवानों का अपमान है.
शहीदों का क्यों नहीं मिला फंड
इससे पहले कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बताया, 'गढ़चिरौली में 15 कमांडो शहीद हो गए. क्या प्रधानमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बताएंगे कि उन्हें वो फंड क्यों नहीं दिया गया जिसकी मांग आईईडी धमाकों को रोकने के लिये इस्तेमाल होने वाले विशेष उपकरणों की खरीद के लिये बलों द्वारा 2014 से की जा रही है?
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ दी गई शिकायतों पर चुनाव आयोग कोई सुनवाई नहीं कर रहा. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ 11 शिकायतें दर्ज करायीं हैं. यहां तक कि चुनाव आयोग, राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की दायर रिपोर्टों को अनदेखा कर रहा है.
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उन्होंने कहा, 'इन निर्णयों में चुनाव आयोग एकमत नहीं है और स्वयं चुनाव आयोग में दो राय हैं. गौरतलब है कि शुक्रवार को आई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री को नौ अप्रैल को लातूर और एक अप्रैल को वर्धा के भाषण के मामलों में क्लीन चिट देने को लेकर चुनाव आयोग एकमत नहीं था.