नई दिल्ली/रियाद : रियाद के रिट्ज कार्लटन (Ritz Carlton) में किंग अब्दुल अजीज कॉन्फ्रेंस सेंटर में सऊदी अरब के तीसरे फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) फोरम का आयोजन किया जाने वाला है.
इस तीन दिवसीय वैश्विक कार्यक्रम को 'दावोस इन द डेजर्ट' (Davos In The Desert) नाम दिया गया है. इस कार्यक्रम का मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये संदेश देना है कि देश अब निवेश और पर्यटन के लिए बदल रहा है.
कार्यक्रम में शरीक होने वालों के लिए सऊदी अरब की ओर से संकेत है कि यह निवेश और पर्यटन के लिए वह अपनी नीतियों को बदल रहा है और नए निवेशकों के लिए खुल रहा है.
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सम्मलेन, जिसकी शुरुआत आज सुबह एशिया ओ, अल-रुमय्यान, जो पब्लिक इन्वेस्टमेंट फण्ड, जोकि सऊदी अरब का सोवेरिन वेल्थ फण्ड है, के गवर्नर के वक्तव्य से हुई, उसके तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कई समानांतर विषयगत सत्र हैं जिसमें भविष्य के आर्थिक रुझानों पर चर्चा, बहुध्रुवीय दुनिया में वैश्विक निवेश को पुनर्व्यवस्थित करके दीर्घकालिक निरंतर निवेश को स्थापित करने में संप्रभु धन निधि की भूमिका पर तथा और मुद्दों पर चर्चा होगी.
शीर्ष भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी आज सुबह एक पैनल का हिस्सा थे, जिसकी चर्चा का विषय था 'अगला दशक: आर्थिक महत्वाकांक्षा का एक नया युग वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आकार देगा.'
अगले साल जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले इस राज्य ने एक विजन 2030 की घोषणा की है – यह उत्तराधिकारी और युवराज मोहम्मद बिन सलमान की योजना है – जिसे आर्थिक परिवर्तन और अपने तेल पर आधारित अर्थव्यवस्था के विविधीकरण पर आधारित किया गया है.
2018 के एफ़आईआई सम्मेलन में सऊदी से असंतुष्ट वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की बीभत्स हत्या के कारण कई व्यापारियों और प्रमुख वैश्विक मीडिया घरानों ने दूरी बना ली थी. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान जो इस वर्ष शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए, 2018 में मुख्य वक्ताओं में से एक थे.
दिलचस्प बात यह है कि इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय समयानुसार रात 8.00 बजे समग्र अधिवेशन में अपना मुख्य भाषण देंगे.
मोदी सोमवार देर रात रियाद पहुंचे जहां हवाईअड्डे पर उनका गर्मजोशी स्वागत हुआ. मंगलवार को अपनी यात्रा के द्विपक्षीय क्षेत्र में किंग और क्राउन प्रिंस से मुलाकात की.
प्रधानमंत्री अपने भाषण में भारत की आर्थिक विकास, वैश्विक व्यापार और वित्तीय बाजारों पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव और वर्तमान विश्व वित्तीय रुझानों पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
ब्रिजवाटर एसोसिएट्स के संस्थापक और सह-अध्यक्ष और सह-मुख्य निवेश अधिकारी, रे डालियो के साथ बातचीत में, मोदी 'जनसांख्यिकीय, पर्यावरणीय और आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों को समान विकास और समृद्धि' के अवसरों में बदलने के बारे में चर्चा करेंगे.
पीएम मोदी ने 2016 में किंगडम की अपनी यात्रा के दौरान अधिक मजबूत रणनीतिक निवेश पर ध्यान केंद्रित किया था जब उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'किंग अब्दुल अजीज सैश' से सम्मानित किया गया था.
सऊदी साम्राज्य भारत, चीन, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान सहित आठ देशों के साथ ऊर्जा सुरक्षा और क्रेता-विक्रेता संबंध से आगे बढ़कर रणनीतिक साझेदारी कर रहा है.
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विदेश मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव टी एस तिरुमूर्ति ने यात्रा से पहले बताया, 'ऊर्जा के मुद्दे पर सऊदी अरब के साथ हमारा सहयोग और घनिष्ट हो गया है और दोनों पक्ष महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पश्चिमी तट पर रिफाइनरी के काम को आगे बढ़ाने और उसे अंतिम रूप देने के लिए तैयार हैं, जिसमें सऊदी के अरामको, यूएई के एडीएनओसी और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के निवेश शामिल होंगे. यह भारत की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड रिफाइनरी होगी.'
आधिकारिक वार्ता के दौरान, आज दोनों पक्षों को सऊदी अरब में खुदरा दुकानों की स्थापना हेतु विपरीत सहयोग के लिए सऊदी अरब की अल-जरी कंपनी के साथ इंडियन ऑयल मिडल ईस्ट के बीच एक संयुक्त उद्यम पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है.
भारत वर्तमान में अपने राष्ट्रीय अवसंरचना निवेश कोष में किंगडम के निवेश को अंतिम रूप दे रहा है. सुरक्षा, आतंकवाद निरोधी सहयोग इस द्विपक्षीय संबंध के महत्वपूर्ण आधार बन गए हैं. सऊदी अरब में 2.6 मिलियन भारतीय समुदाय रहता है जो सालाना लगभग 11 बिलियन अमरीकी डालर भारत भेजता है.
रूढ़िवादी साम्राज्य ने हाल ही में वैश्विक पर्यटन के लिए अपना दरवाजा खोला है और विदेशी महिला पर्यटकों के लिए वेशभूषा के दिशानिर्देशों में ढील दी है, जिन्हें अब अबाया या दुपट्टा ओढ़ने की आवश्यकता नहीं है. सऊदी को उम्मीद है कि यह धार्मिक तीर्थयात्रा संबंधों से परे भारत के पर्यटकों के लिए वह जल्द एक गंतव्य बनेगा.